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कृषि/Agricultureसंतकबीरनगर

तिलहनी एवं दलहनी फसलों में “सिगल सुपर फास्फेट” और डी.ए.पी. उर्वरक का करें प्रयोग, गुणवत्ता और उत्पादन में होंगी वृद्धि:: जिला कृषि अधिकारी

संत कबीर नगर । जिला कृषि अधिकारी पी0सी0 विश्वकर्मा ने जनपद के किसान भाईयों से अपने तिलहनी एवं दलहनी फसलों में फास्फेटिक उर्वरक हेतु सिगल सुपर फास्फेट उर्वरक का प्रयोग करने की अपील की है, जो डी०ए०पी० उर्वरक से अधिक लाभकारी होगा।

उन्होंने बताया कि सल्फर से तेल की गुणवत्ता एवं उत्पादन में वृद्धि होती है। साथ ही सल्फर पोषक तत्व के कारण दलहनी फसलों के उत्पादन में वृद्धि होती है। सरसों एवं अन्य तिलहनी/दलहनी फसलों में फास्फेटिक उर्वरक हेतु सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग किया जाना अत्यन्त लाभकारी है। उन्होंने बताया कि सरसों के तेल में चरपराहट/विशेष गंध होने के कारण सरसों तेल की गुणवत्ता अच्छी मानी जाती है। जिस सरसों के तेल में चरपराहट नहीं होती हैं, उसको खराब श्रेणी में रखा जाता है। सरसों के तेल में चरपराहट सल्फर नामक पोषक तत्व के कारण होती है,

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उन्होंने बताया कि सभी राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर जिप्सम उपलब्ध है। जिसका प्रति बोरी मूल्य 218.05 रूपया है, जिसपर 75 प्रतिशत अनुदान कृषक भाई के खाते में भेजी जायेगी। जिप्सम भी तिलहनी/दलहनी फसलों के लिए अत्यन्त लाभकारी है। जिसे किसान भाई अपने विकास खण्ड के राजकीय कृषि बीज भण्डार से क्रय कर सकते हैं।

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