दिल्ली । मदर टेरेसा फाउंडेशन के तत्वावधान में दिल्ली स्थित उत्तर प्रदेश अतिथि गृह में रविवार 6 नवम्बर को एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें देश ही नहीं बल्कि विदेश के तमाम शिक्षाविद एवं शिक्षक सामाजिक कार्यकर्ता तथा एजुकेशनल संस्थाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया ।
आपको बता दें कि भारत की एक महान शख्सियत मोहम्मद अरशद खान पूर्व विधायक उत्तर प्रदेश के द्वारा शुरू की सामाजिक सांस्कृतिक शैक्षिक योजनाओं के प्रचार प्रसार एवं गरीबों की मदद के लिए संचालित मदर टेरेसा फाउंडेशन काम कर रही है।
मदर टेरेसा फाउंडेशन वर्तमान समय में भारत के सभी राज्यों में जनमानस को शिक्षा रोजगार जैसे तमाम जरूरी चीजों को लेकर जागरूकता लाने का काम कर रही है इसी के तहत 6 नवंबर 2022 को द्वारका सेक्टर 13 में स्थित उत्तर प्रदेश अतिथि गृह में एक एजुकेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसके मुख्य अतिथि फाउंडेशन के फाउंडर मोहम्मद अरशद खान रहे । इस एजुकेशन कॉन्फ्रेंस में भारत के कई राज्यों सहित बांग्लादेश के शिक्षाविद भी उपस्थित रहे ।
कॉन्फ्रेंस में उपस्थित बतौर मुख्य अतिथि मोहम्मद अरशद खान ने कहा कि ऐसा कोई कार्य नहीं है जो नहीं हो सकता या नहीं किया जा सकता हम जो सोचेंगे वह जरूर करके दिखाएंगे।
उन्होंने तमाम वैज्ञानिकों को उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किया जिसमें बताया गया कि उन्होंने सोचा ही था जिसको करके दिखाया तो हम क्यों नहीं कर सकते । हमसब मिलकर भारत को विश्वगुरु बनाएंगे ।
श्री खान ने कहा आज हमारी संस्था के साथ लाखों लोग जुड़े हुए हैं और यह कारवां आगे बढ़ता जा रहा है इस कारवां में शिक्षाविद सामाजिक कार्यकर्ता, वैज्ञानिक, लोग भी जुड़े हुए हैं इन के सहयोग से मदर टेरेसा फाउंडेशन आगे बढ़ रहा है हमारा फाउंडेशन व्यक्तिगत फायदे के लिए नहीं बल्कि समाज के लिए, उनको विकसित करने के लिए बनाया गया है फाउंडेशन के माध्यम से हम तमाम ऐसे सामाजिक काम शिक्षा, रोजगार जैसे कार्यों को अंजाम देते हुए आम जनमानस को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के विषय में जागरूक कर रहे हैं ।
इस मौके पर मदर टेरेसा फाउंडेशन की सहयोगी संस्था एच आर काट के मोहम्मद अनस ने कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आज डिजिटल युग है और इस डिजिटल युग में हमें भी डिजिटल बनना पड़ेगा ।
भारत ही नहीं पूरा विश्व का डिजिटलाइजेशन हो चुका है सभी सामग्रियां चाहे वह शिक्षा से संबंधित हो चाहे वह रोजगार से संबंधित हो यह सामाजिक गतिविधियों से संबंधित हो सभी चीजें आज इंटरनेट के माध्यम से हमें प्राप्त होती है इस लिए आज हम सभी को बुनियादी शिक्षा के साथ-साथ डिजिटल दुनिया में प्रवेश करने के लिए आगे आना चाहिए इसके लिए हमें अच्छी शिक्षा शिक्षा की आवश्यकता होती है जिसके लिए हमारी संस्था एच आर कार्ड ने ऐसा कदम उठाया है जिसके माध्यम से हम बच्चों को ऐसे शिक्षा देंगे जिसमें बच्चा देश दुनिया के बारे में भी जान सकेगा और रोजगार की तरफ अग्रसर होगा ।
श्री अनस ने बताया कि अगर किसी को विदेश में शिक्षा ग्रहण करने, रोजगार के लिए जाना हो तो हमारी संस्था उसमें पूरा सहयोग करती है जिसकी वजह से विदेश जाने के लिए जो खर्च आते हैं उसमें बहुत कुछ कमी आती है शिक्षा के क्षेत्र में भी अगर किसी को विदेश में पढ़ाई करना है तो उसके लिए भी हमारे संस्था पूरी मदद करती है
इस अवसर पर भारतीय प्राथमिक चिकित्सा परिषद के चेयरमैन नियाज़ अहमद ने बताया कि हमारे देश में प्राथमिक चिकित्सा शिक्षा बहुत कम है आज हर किसी को प्राथमिक चिकित्सा के बारे में शिक्षित होने की जरूरत है क्योंकि प्राथमिक चिकित्सा ही किसी की जान बचाने मैं मददगार साबित होती है
हमारी संस्था भारतीय प्राथमिक चिकित्सा परिषद फर्स्ट ऐड काउंसिल ऑफ इंडिया पूरे भारत में विश्वविद्यालय और अन्य संस्थाओं के माध्यम से प्राथमिक चिकित्सा के क्षेत्र में लोगों को शिक्षित करने का कार्य करती है भारतीय प्राथमिक चिकित्सा परिषद ने अब तक हजारों लोगों को प्राथमिक चिकित्सा शिक्षा देकर उन्हें प्राथमिक चिकित्सा के लिए प्रमाण पत्र प्रदान कर चुकी है
उन्होंने बताया कि आज हमारे देश में लाखों ऐसे चिकित्सक हैं जो गांव में रहकर प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने का काम करते हैं जिन्हें सरकार और स्थानीय प्रशासन झोलाछाप डॉक्टर नाम देकर बदनाम किए हुए हैं जबकि यही प्राथमिक चिकित्सक रोगियों को मृत्यु से बचाने का काम भी करते हैं इसलिए हमारी संस्था भारतीय प्राथमिक शिक्षा परिषद ऐसे सभी प्राथमिक उपचार करने वाले लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए बीड़ा उठाया है ।
प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण कार्यक्रम ऑनलाइन ऑफलाइन मोड के माध्यम से कई नामी विश्वविद्यालयों के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है जिसका प्रशिक्षण प्राप्त कर विश्वविद्यालयों के द्वारा भारतीय प्राथमिक चिकित्सा परिषद प्रमाण पत्र भी प्रदान करता है जो भारत के किसी भी ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक उपचार के लिए मान्यता प्राप्त कोर्स है ।
कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आगरा से आए डॉक्टर नवाबुद्दीन ने बच्चो की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा जीवन की ऐसी कड़ी है जो सभी को समाज और सामाजिक कार्यो को आगे लाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है
श्री नवाबुद्दीन ने कहा कि सिर्फ शिक्षित होना ही नहीं बल्कि आधुनिक तौर पर शिक्षित होना जरूरी है,
आपको बतादें की श्री नवाबुद्दीन एक समाज सेवक के रूप में सामाजिक उत्थान के लिए लगभग 20 वर्षो से विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, इन्होंने 400 कार्यशालाओं के माध्यम से 10,000 से अधिक लोगों को संबोधित कर चुके हैं, श्री नवाबुद्दीन वर्तमान समय में कई सरकारी संस्थाओं जैसे भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षा केन्द्र (एनसीएफई), पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण , (पीएफआरडीए) राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार (एनआईएसएम)आदि से जुड़े हैं ।
इस कार्यक्रम के माध्यम से कई शिक्षाविदों ने बच्चों के लिए लाइब्रेरी संचालित करने के लिए प्रेरित किया गया इनके द्वारा संस्थाओं के माध्यम से जगह जगह अच्छी लाइब्रेरियन संचालित करने और उसमें अच्छी-अच्छी किताबें डोनेट करने के लिए भी जागरूक किया गया । इस मौके पर भारत के कई राज्यों और बांग्लादेश से आए शिक्षा विद विशेषज्ञों ने अपने अपने विचार रखे ।
इसी क्रम में कॉन्फ्रेंस में आए तमाम शिक्षाविदों सहित संस्थाओं के संचालक तथा मीडिया के लोगों को मोहम्मद अरशद खान ने स्वागत किया, स्वागत के दौरान यूपी के संतकबीरनगर से आए मिशन सन्देश समाचार पत्र के संपादक मोहम्मद सईद पठान को श्री खान ने बुके देकर स्वागत किया ।
मदर टेरेसा फाउंडेशन द्वारा आयोजित कांफ्रेंस में जिस तरह से तमाम शिक्षाविदों ने आधुनिक शिक्षा पर अपना जोर दिया है तथा शिक्षा और रोजगार से संबंधित चिंतन करते हुए जिस तरह से अपनी अपनी बातों को रखा है , इसे धरातल पर उतारने के लिए मदर टेरेसा फाउंडेशन और आए हुए शिक्षा विद विशेषज्ञों के साथ हम सब को मिलकर काम करना होगा, क्योंकि एक अकेले कोई संस्था या व्यक्ति उसको अंजाम देने में तब तक पूरी तरह से कामयाब नहीं हो सकता, जब तक समाज और समाज में रहने वाले लोग इस मुहिम में अपना सहयोग प्रदान नहीं करते।
ऐसे एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस के द्वारा समाज और समाज में रहने वाले लोगों के लिए शैक्षिक गतिविधियों के बारे में तमाम अच्छी जानकारियां मिलती है इसलिए और भी संस्थाओं को ऐसे कार्यक्रमों को करने के लिए आगे आने की जरूरत है
इस एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस में बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, प्रदेश के तमाम शिक्षाविद विशेषज्ञ उपस्थित रहे ।