छत्तीसगढ़

जाति जनगणना से कतराने वाली केंद्र सरकार खाद खरीदने वालों से पूछेगी जाति, किसान सभा ने कहा : बंद करो ये बेहूदगी

रायपुर। मोदी सरकार ने नया हुकुम जारी किया है कि अब जो किसान खाद की दुकान पर सब्सिडी वाला खाद खरीदने जाएगा, उसे पहले बिक्री मशीन पर अपनी जाति बतानी और लिखानी होगी। देश भर में सभी धर्मो, जातियों, सम्प्रदायों, समुदायों के लोग खेती किसानी के काम में लगे हैं। किसान सभा ने खाद खरीदी के वक़्त किसानों की पहचान के लिए उनकी जाति की शिनाख्त करने को सरासर अनुचित और गलत बताया है और कहा है कि खाद खरीदने के लिए इस तरह की जानकारी मांगना बिलकुल जरूरी नहीं है। अखिल भारतीय किसान सभा ने इस मनमाने और बेतुके निर्णय की भर्त्सना की है और कहा है कि मोदी सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय को तुरंत इस बेहूदा आदेश को वापस लेना चाहिए।

छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि अँगूठे के निशान लेने जैसी बायोमेट्रिक प्रणाली का इस्तेमाल लोगों को बाहर करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आधार से जुड़ी खाद बिक्री मशीन लाकर खाद सब्सिडी के मौजूदा तरीके को सीधे बैंक ट्रांसफर की दोषपूर्ण योजना में बदलना चाहती है। अखिल भारतीय किसान सभा ऐसी कोशिशों के सख्त खिलाफ है।

Advertisement

किसान सभा नेताओं ने कहा कि रसोई गैस की सब्सिडी के बैंक ट्रांसफर की योजना के अनुभवों से साफ़ हो चुका है कि यह सब्सिडी देने का नहीं, उसे खत्म करने का तरीका है। सीधे बैंक ट्रांसफर की योजना भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड से जुडी होती है। इसलिए भूमिहीन और बंटाईदार किसान सब्सिडी से पूरी तरह वंचित हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि खाद की सब्सिडी कीमतों में होनी चाहिए और सरकार को सस्ती तथा नियंत्रित दरों पर आपूर्ति के लिए पर्याप्त खाद की उपलब्धता करानी चाहिए। पिछली दो वर्षों में किसानो के गुस्से के चलते सरकार भले खाद की कीमतें बढ़ाने में सफल नहीं हुयी है, मगर उसने खाद की उपलब्धता में भारी कटौती कर दी है। इसका नतीजा यह निकला है कि किसान अपनी आवश्यकता के मुताबिक़ खाद नहीं खरीद पा रहे हैं। खाद की कालाबाजारी बेहिसाब तेजी से बढ़ रही है।

Advertisement

अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने जाति की जानकारी लेने वाले इस बेतुके आदेश को तत्काल वापस लेने और खाद की बिक्री मशीनों का इस्तेमाल और उनको आधार से जोड़ने का निर्णय वापस लेने की मांग की है तथा किसानो को सस्ती तथा नियंत्रित दरों पर पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने की मांग की है।

*संजय पराते*
अध्यक्ष, छत्तीगढ़ किसान सभा

Advertisement

Related posts

लोकलुभावन बजट : दिशा उदारीकरण की, चिंता चुनाव की:: किसान सभा

Sayeed Pathan

“भू-विस्थापितों के संघर्ष का फल: बृजमोहन समेत 20 लोगों को मिली स्थाई नौकरी”: किसान सभा ने कहा संघर्ष जारी रहेगा

Sayeed Pathan

मिशन संदेश: कॉर्पोरेट बस्तर के सेप्टिक टैंक में दफ्न ‘लोकतंत्र: (आलेख : संजय पराते)

Sayeed Pathan

एक टिप्पणी छोड़ दो

error: Content is protected !!