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तत्कालीन जिलापूर्ति अधिकारी/जिलाकृषि अधिकारी के वेतन/पेंशन से, नष्ट हुए खाद्यान/उर्वरक के मूल्य को न्यायालय में जमा कराएं डीएसओ:- जिला मजिस्ट्रेट

संत कबीर नगर । जिला मजिस्ट्रेट महेन्द्र सिंह तंवर ने वर्ष 2012 के एक प्रकरण की सुनवाई का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2012 में दिनांक 08 मई 2012 को जिला सहायक निबन्धक, सहकारी समिति अनिल सिंह द्वारा भ्रमण के दौरान ग्राम भिटिया में मकान स्वामी बेचन पुत्र रामहरक के मकान में 220 बोरी सरकारी गेंहू तथा 27 बोरा उर्वरक खाद पकड़ी गयी थी जिसे एसडीएम एवं थानाध्यक्ष दुधारा को सूचित करते हुए उनकी उपस्थित में खाद्यान्न व खाद को इस मकान में सील कर दिया गया और भवन स्वामी को इस निर्देश के साथ सुपुर्द किया गया कि कोई अधिकारी सैंपल के लिए आएगा तभी दुकान खुलेगी।इसी प्रकार बबलू पुत्र बेचन के उपर मुकदमा अपराध संख्या 260/12 धारा 3/7 ई0सी0 एक्ट भी दर्ज हुआ।

दिनांक 09 मई 2012 को इसकी सैंपलिंग हुई और 220 बोरे सरकारी खाद्यान्न को तत्कालीन एस0एम0आई राम भवन को दिया गया तथा 27 बोरा खाद थाने पर जब्त किया गया। पुलिस द्वारा दिनांक 09 मई 2012 को तत्कालीन जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। तत्कालीन डीएम ने दिनांक 19 जुलाई 2013 को खाद्यान्न व उर्वरक को जप्त कर लिया तथा आदेश की प्रति तत्कालीन डीएसओ व तत्कालीन कृषि अधिकारी को भेजो कि जप्तसुदा खाद्यान्न/खाद का नियमानुसार निस्तारण कर धनराशि क्रिमिनल हेड में जमा करें तथा अवगत कराये। जिस पर तत्कालीन जिला पूर्ति अधिकारी व जिला कृषि अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नही किया गया। बबलू द्वारा मुकदमा अपराध संख्या 260/12 में पैरवी किया गया और न्यायालय सीजीएम संत कबीर नगर ने दिनांक 07 दिसम्बर 2021 को उक्त अपराध से दोष मुक्त कर दिया।

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दिनांक 07 दिसम्बर 2021 को सीजेएम द्वारा पारित आदेश के अनुसार बबलू द्वारा जप्तसुदा खाद्यान्न/खाद को उपलब्ध कराने हेतु मांग की गई। इस पर डिप्टी आर0एम0ओ0/जिला पूर्ति अधिकारी/जिला कृषि अधिकारी तथा थानाअध्यक्ष दुधारा से रिपोर्ट मांगी गई। थाना अध्यक्ष दुधारा द्वारा बताया गया की खाद नष्ट हो गया तथा खाद्यान्न के बारे में विभागीय अधिकारियों द्वारा नष्ट होने की सूचना दिया गया।

जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत तत्कालीन जिला पूर्ति अधिकारी/जिला कृषि अधिकारी को दोषी पाते हुए उनके वेतन/पेंशन से उर्वरक/खाद्यान्न का तत्समय मूल्य वसूल कर न्यायालय में प्रस्तुत करने हेतु वर्तमान जिला पूर्ति अधिकारी/जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया है।

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