लखनऊः । उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि फाइलेरिया रोग एक लाइलाज बीमारी है जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। भारत सरकार द्वारा इस रोग के उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2030 सुनिश्चित किया गया है। इस रोग के उन्मूलन हेतु फाइलेरिया प्रभावित जनपदों में वर्ष में एक बार एम0डी0ए0/आई0डी0ए0 (मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन/ट्रिपल ड्रग थेरेपी) कार्यक्रम संचालित किया जाता है, जिसमें जनसमुदाय को आयु एवं शारीरिक लम्बाई के अनुसार फाइलेरिया रोग से बचाव की औषधियां (एलबेण्डजॉल, डी0ई0सी0 एवं आइवरमेक्टिन) का सेवन कराया जाता है। इसके साथ-साथ प्रदेश के 56 जनपदों जहां एम.डी.ए. का कार्यक्रम संचालित नहीं किया जाना है, वहां कृमि मुक्ति हेतु राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान का संचालन किया जायेगा। कार्यक्रम के अन्तर्गत 01-19 वर्ष के समस्त लाभार्थियों को पेट के कीड़ांे से मुक्ति हेतु स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से एल्बेण्डाजोल की टैबलेट खिलाई जायेगी। 19 जनपदों में जहां एम.डी.ए. का कार्यक्रम आयोजित किया जाना है, वहां 01-02 वर्ष के बच्चों को आशा के माध्यम से घर-घर जाकर कृमि मुक्ति की दवा दी जायेगी। इस प्रकार प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में कृमि मुक्ति अभियान का आयोजन सुनिश्चित किया जायेगा।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में फाइलेरिया उन्मूलन हेतु एम0डी0ए0/आई0डी0ए0 कार्यक्रम आगामी दिनांक 10 से 27 फरवरी, 2023 को आयोजित किया जायेगा। भारत सरकार के निर्देशानुसार 19 प्रदेश के जनपदों (अम्बेडकरनगर, अमेठी, आजमगढ़, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बरेली, चित्रकूट, अयोध्या, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, महोबा, मऊ, पीलीभीत, संत रविदास नगर (भदोही), शॉहजहांपुर, सोनभद्र एवं लखनऊ) में एम0डी0ए0/आई0डी0ए0 कार्यक्रम का चरण संचालित किया जाएगा। 10, फरवरी 2023 को इन जनपद के सांसद/विधायक/प्रभारी मंत्री (जनप्रतिनिधियों) की सहभागिता उनकी उपलब्धता एवं सहमति से फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का उद्घाटन किया जाएगा एवं कार्यक्रम से 02 दिवस पूर्व मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक जनपद में एम0डी0ए0/आई0डी0ए0 कार्यक्रम हेतु 03 टास्क फोर्स की बैठकें आयोजित की जायेंगी, जिसमें समस्त संबंधित विभागों के प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे। जनपद में फाइलेरिया रोग के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों (हॉट स्पॉट) की सूची जनपदीय मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा जिला प्रशासन को उपलब्ध करायी जाएगी।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि विभिन्न विभागों का सहयोग प्राप्त करते हुए नालियों की नियमित सफाई, तालाबों के किनारे उगी हुई झाड़ियों की कटाई, मच्छरदानियों के प्रयोग के लिए जन-जागरूकता हेतु प्रचार-प्रसार, बड़े जलाशयों में साप्ताहिक लार्वीसाइडल का छिड़काव का कार्य कराया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक अतिसंवेदनशील क्षेत्र (हॉट स्पॉट) में नाइट ब्लड सर्वे कराया जायेगा। जनपद में किए गए हाइड्रोसील ऑपरेशन की समीक्षा की जाए जिससे 100 प्रतिशत हाइड्रोसील केसों का ऑपरेशन सुनिश्चित हो सके। जनपद में आयोजित एम0एम0डी0पी0 कैम्प (मॉरबिडिटी मैंनेजमेण्ट एवं डिसेबिलिटी प्रिवेन्शन) की समीक्षा की जाए, जिससे सभी हाथीपांव के मरीजों को ट्रेनिंग एवं किट उपलब्ध हो सके।