चांदपुर बिजनौर से रईस अहमद की रिपोर्ट
भारत सरकार के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत का गाँव हो या शहर सभी स्वच्छ और निर्मल हो गाँव और शहर जिसके लिए सरकार करोड़ो रुपए खर्च कर शौचालय का निर्माण करवा रही है, जिससे स्वच्छ भारत का सपना पूरा हो, लेकिन ये मोदी जी का सपना तभी पूरा होगा जब जिम्मेदार ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगे, लेकिन ठीक इसके विपरीत ये जिम्मेदार लोग प्रधानमंत्री के सपने को तार-तार करने पर आमादा हैं । क्योकि जहाँ भी शौचालय निर्माण करने का लक्ष्य मिला है यहाँ या तो निर्माण ही नहीं हुआ या निर्माण हुआ भी है तो वो अधूरा है ।
मामला थाना क्षेत्र शिवाला कला के ग्राम शिवाला कला का है,यहाँ के निवासी युवक ने 25 अगस्त 2017 को ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए विकास कार्यो की जांच कराए जाने के संबंध में एक प्रार्थना पत्र जिला अधिकारी बिजनौर को दिया था जिसमे 3 नम्बर 2017 को खादी खादी ग्रामोद्योग अधिकारी व तकनीकी परीक्षण धीरेंद्र सिंह यादव अवर अभियंता आर ई एस बिजनौर को जांच करने का आदेश किया गया था ।
लेकिन 13 सितंबर 2019 को ग्राम प्रधान के निवास स्थान शिवाला कला पहुँचे जाँच अधिकारियों ने ग्राम प्रधान पति से हमसाज होकर जांच रिपोर्ट के आधार पर फर्जी जांच कर निस्तारण कर दिया।
बतादें की ग्राम पंचायत को 205 शौचालयों का लक्ष्य प्राप्त हुआ था । किंतु ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव ने ग्राम पंचायत शिवाला कला में सो सौचालय भी नहीं बनवाये ।
शिकायतकर्ता नईम सैफी पुत्र रफीक सैफी ने उत्तरपदेश सरकार द्वारा जारी किए गए शिकायत नम्बर 1076 पर भी दर्ज करवा चुका है। शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी संतोष जनक कार्यवाही नही की गई है। विकाश संबंधित अधिकारी व ग्राम प्रधान पति की मिलीभगत से हर जांच अधिकारी खाना पूर्ति कर जांच को सही दरसाता है। जबकि निष्पक्षता से जांच की जाए तो सारा सच सामने आ सकता है।