– विश्व आयोडीन अल्पता दिवस पर आयोजित हुई विचार गोष्ठी
– आयोडीन के प्रति जन जन को जागरुक करें चिकित्सक – डॉ मोहन झा
संतकबीरनगर ।
सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह ने कहा है कि आयोडीन नमक शक्ति और बुद्धि दोनों का ही रक्षक है। इसलिए आयोडीन की कमी को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। आयोडीन जहां बालकों के लिए बहुत ही आवश्यक है, वहीं गर्भवती महिलाओं के जीवन में भी यह महत्वपूर्ण योगदान देता है। भ्रूण के संवर्धन में आयोडीन की एक आवश्यक भूमिका होती है। इसलिए आवश्यक है कि हम आयोडीन किसी न किसी रूप में लेते रहें।
यह बातें उन्होने विश्व आयोडीन अल्पता दिवस ( 21 अक्टूबर ) के अवसर पर सीएमओ कार्यालय के सभागार में आयोजित विचार गोष्ठी को समबोधित करते हुए कही। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) आरसीएच डॉ मोहन झा ने कहा कि आयोडीन की कमी से जन्मजात असामान्यता, गूंगापन, बहरापन आदि की समस्याएं भी आयोडीन की ही कमी का परिणाम होती हैं। बच्चों को मानसिक बीमारियॉ मानसिक मन्दता, मस्तिष्क की क्षति के साथ ही संज्ञानात्मक विकास की गड़बड़ी भी पैदा करता है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ ए के सिन्हा ने कहा कि शरीर में आयोडीन को संतुलित बनाने का कार्य थाइरोक्सिन हार्मोंस करता है जो मनुष्य की अंतस्रावी ग्रंथि थायराइड ग्रंथि से स्रावित होता है. आयोडीन की कमी से मुख्य रुप से घेंघा रोग होता है। आयोडीन मुख्य रुप से दूध, अण्डा, समुद्री मछलियों, मांस, दाल, अनाज आदि में अंशत: पाया जाता है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) विनीत श्रीवास्तव ने कहा कि संतकबीरनगर जनपद नेपाल के तराई क्षेत्र में आता है। तराई क्षेत्र में आयोडीन की कमी एक विशेष समस्या है। दूध अण्डे के साथ ही आयोडीनयुक्त नमक के जरिए इसकी कमी पूरी की जा सकती है। इस दौरान जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान, सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील चौधरी, एपीडेमियोलाजिस्ट डॉ मुबारक अली , आरबीएसके के डीआईइसी मैनेजर पिण्टू कुमार, आरकेएसके समन्वयक दीन दयाल वर्मा, मनीष मिश्रा के साथ ही जिला अस्पताल व सीएमओ कार्यालय के विभिन्न प्रभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।