Advertisement
अन्यटॉप न्यूज़दिल्ली एन सी आरराष्ट्रीय

नौ नवम्बर के बाद अब 13 नवम्बर को CJI सुनाएंगे ये अहम फैसला

नई दिल्ली: अयोध्या मामले पर पर नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ का फैसला आने के बाद 13 नवंबर का दिन एक बार फिर न्यायिक इतिहास में दर्ज होने जा रहा है। इस दिन एक नहीं बल्कि दो दो महत्वपूर्ण फैसले आने जा रहे हैं।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई सुनाएंगे फैसला

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के अध्यक्ष मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई बुधवार को यह दो जटिल फैसले सुनाने जा रहे हैं। ये निर्णय न्यायाधिकरणों के पुनर्गठन और सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई अधिनियम) के तहत भारत के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को लाने के मामलों में आने जा रहे हैं।

Advertisement

मामलों की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने की और इसमें जस्टिस एनवी रमना, डी वाई चंद्रचूड़, दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना शामिल थे।

Advertisement

ये दोनो फैसले रोजर मैथ्यू मामले में वित्त अधिनियम, 2017 के सेक्शन 156 से 189 को चुनौती से संबंधित हैं, जो अधिकरणों की संरचना और पुनर्गठन से संबंधित प्रावधानों में संशोधन करते हैं। इस मामले में विभिन्न मुद्दों पर सुनवाई की गई, इसके अलावा उन पर भी सुनवाई हुई जो सभी न्यायाधिकरणों को विधि और न्याय मंत्रालय के तहत लाते हैं। इसमें न्यायाधिकरणों की एकरूपता, धन विधेयक के रूप में वित्त अधिनियम का पारित होना आदि शामिल था।

सर्वोच्च अदालत 13 नवंबर को इस मामले में फैसला सुनाएगी

इस मामले में वरिष्ठ वकील अरविंद दातार द्वारा वित्त विधेयक और धन विधेयक के बीच अंतर को लेकर तर्क दिया गया था। भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इस पहलू का खंडन किया था, उनका तर्क था कि अध्यक्ष के बिल को मनी बिल के रूप में टेबल करने का निर्णय न्यायिक समीक्षा के अधीन नहीं हो सकता है। इसके अलावा जब संसद सत्र चल रहा हो तो संसद में की गई कार्यवाही को विधिक अदालत के समक्ष चुनौती नहीं दी जा सकती। अब सर्वोच्च अदालत कल इस मामले में फैसला सुनाएगी।

Advertisement

दूसरा फैसला जिस मामले पर आने वाला है वह यह सवाल उठाता है कि क्या भारत के मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के दायरे में आता है। यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्रीय सूचना आयोग के एक आदेश के खिलाफ दायर की गई अपील पर आधारित है जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित जानकारी को आरटीआई अधिनियम के तहत लाया जाना चाहिए।

यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस से भारतीय न्यायपालिका में पारदर्शिता के संबंध में भारी प्रभाव पड़ेगा। याचिका में कॉलेजियम के प्रस्तावों और फैसलों के आने के समय पारदर्शिता की अनुपस्थिति को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है। फैसला बुधवार 13 नवंबर को दोपहर 2 बजे सुनाया जाना है।

Advertisement

Source-newstrak

Advertisement

Related posts

नाबालिग के साथ छेड़छाड़ के आरोपी को 4 वर्ष की सश्रम कारावास-शासकीय अधिवक्ता

Sayeed Pathan

दिल्ली के मुखर्जी नगर कोचिंग सेंटर में लगी भीषण आग, 11 दमकलों के द्वारा पाया गया आग पर काबू, कई छात्र घायल,अस्पताल में भर्ती

Sayeed Pathan

ठाणे मनपा का अतिक्रमण के विरुद्ध, ठाणे मनपा का चलेगा तीन दिवसीय अभियान

Sayeed Pathan
error: Content is protected !!