महाराष्ट्र ।
लगभग एक महीने से चल रहे सरकार बनाने की होड़ और बहुमत की लड़ाई में देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद से इस्तीफा देकर ये साबित कर दिया कि हम बहुमत साबित नहीं कर सकते इस तरह ये मान लिया गया कि बीजेपी ने आखिर हार मान ही ली।
अब यह तय माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे हो सकते हैं ।
ज्ञात हो कि फ्लोर टेस्ट से पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि हमारे पास बहुमत नहीं है इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं। इसके अलावा देवेंद्र फडणवीस से पहले अजित पवार डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे चुके थे,देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने शनिवार सुबह राजभवन में शपथ ली थी।
केंद्र में सत्तासीन बीजेपी (BJP) के प्रभाव के खिलाफ अपने चुनाव बाद के गठबंधन की मजबूती से रक्षा के जरिए उद्धव ठाकरे ने खुद को एक मजबूत नेता के तौर पर पेश किया है। इस वक्त महाराष्ट्र के गलियारे में उनके नाम की चर्चा सबसे ज्यादा है। पूर्व शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे के सबसे छोटे पुत्र उद्धव अगर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे तो उन्हें अच्छे से न जानने वालों के लिए यह मानना आसान नहीं होगा कि यह वही शख्स है, जिसकी कभी राजनीति में कोई रुचि नहीं थी और उनका शौक था, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी में, लेकिन बालासाहेब ठाकरे के दबाव के चलते उद्धव ठाकरे 2002 में बृहद मुंबई नगर निगम चुनावों के जरिए राजनीति से जुड़े और इसमें बेहतरीन प्रदर्शन के बाद पार्टी में बाला साहेब ठाकरे के बाद दूसरे नंबर के लिए प्रभावी होते चले गए।
इतना ही नहीं बाला साहेब ठाकरे के असली उत्तराधिकारी माने जा रहे बाला साहेब के भतीजे राज ठाकरे (Raj Thackeray) के साथ अपने बढ़ते कद के चलते उद्धव का संघर्ष भी खासा चर्चित रहा। यह संघर्ष 2004 में तब चरम पर पहुंच गया, जब उद्धव को शिवसेना की कमान सौंप दी गई। 2006 में राज ठाकरे पूरी तरह से पार्टी से अलग हो गए और उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना नाम से अपनी नई पार्टी बना ली। उद्धव ठाकरे शिवसेना की कमान संभालने के बाद से राज्य की राजनीति में लगातार सक्रिय हैं हालांकि सीधे देश की राजनीति को प्रभावित करने में उनका कोई विशेष योगदान अभी नहीं रहा है। लेकिन यह साफ है कि देश की राजनीति को लेकर उद्धव की महत्वाकांक्षा भी अपने पिता से अलग नहीं है।