गोरखपुर ।
हिंसा सुनियोजित, घरों के बाहर पहले से रखे थे ईंट
पिछले कई दिनों से यूपी में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। बृहस्पतिवार को लखनऊ में भी हिंसक घटनाएं हुईं। इसके बाद गोरखपुर पुलिस, प्रशासन सतर्कता बरतने का दावा किया मगर पुलिस मानो बंद आंखों से ही गश्त कर रही थी। नखास, रेती रोड, खूनीपुर, साहबगंज की सड़कों के किनारे घरों के बाहर ईंट रखे गए थे। ऐसा लगा कि सब कुछ योजना के तहत किया गया।
गोरखपुर में नखास में भीड़ बेकाबू
गोरखपुर में नखास में भीड़ बेकाबू – फोटो : अमर उजाला
हिंसक प्रदर्शन को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। जिस क्षेत्र में पथराव हुआ, वह काफी व्यस्त है। भीड़ पथराव के लिए घरों के बाहर रखी गई ईंट का ही सहारा लिया। पथराव के बाद पुलिस ने छानबीन की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
गोरखपुर में आज हुए हिंसक प्रदर्शन को रोका जा सकता था
पता चला कि क्षेत्र में भवन का निर्माण नहीं हो रहा था। पुराने ईंट, पत्थर साजिशन जुटाए गए थे लेकिन इसकी भनक अफसरों को नहीं लग सकी। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने एक बार यह जानने की कोशिश नहीं कि आखिर घरों के बाहर ईंट क्यों रखे गए हैं? बाद में यही ईंट पुलिस बल पर बरसाए गए। ऐसे में यह कहना कि अचानक घटना हो गई, यह सही नहीं हदरअसल, उपद्रवियों द्वारा पहले से ही तैयारी कर ली गई थी, जिसे पुलिस भाप नहीं पाई और फिर हिंसा के रूप में सामने आई।
काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने गए थे लोग
जुमे की नमाज से पहले बड़ी मस्जिद के बाहर युवक सिर और हाथ पर काली पट्टी बांध रहे थे। पुलिस को तब ही शक हो गया था कि विरोध करेंगे लेकिन पुलिस जिन लोगों के साथ बैठक कर रही थी, वे लोग आखिरी तक पुलिस को इसी बात का भरोसा दिलाते रहे कि कुछ नहीं होगा।
पुलिस उनकी बातों में उलझ गई और फिर भीड़ बड़ी आसानी से शाहमारूफ की तंग गलियों से बाहर निकलकर सड़क पर उत्पात मचाने लगी।
अघोषित कर्फ्यू सा माहौल
कोतवाली और राजघाट इलाके में घटना के बाद अघोषित कर्फ्यू सा माहौल हो गया। उपद्रवियों को खदेड़ने के बाद पुलिस उनकी तलाश में जुट गई और फिर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की अगुवाई में पुलिस टीम आरोपितों के घरों में दाखिल होकर उन्हें पकड़ी। मोहल्ले में लोगों को सुरक्षा का एहसास और उपद्रवियों में डर पैदा करने के लिए कई आरोपितों की पिटाई भी की गई।
साभार अमर उजाला