भोपाल/ सातवें वेतनमान की मांग को लेकर प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा शिक्षक आंदोलित हैं। सभी कॉलेजों के टीचर्स के इस्तीफे डीन को देकर 9 जनवरी से काम बंद करने पर चिकित्सा शिक्षक अडे हुए हैं।
साल भर में लगातार आंदोलन और हडतालों के बावजूद चिकित्सा शिक्षा विभाग की मंत्री सामने नहीं आ रहीं हैं। यही कारण है चिकित्सा शिक्षकों का आक्रोश और सरकार से गतिरोध बढता जा रहा है।
हालांकि मेडिकल कॉलेजों में काम बंद के खतरे को भांपते हुए स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने डैमेज कंट्रोल करने कमान संभाली है।
मुख्यमंत्री के बाद मुख्य सचिव से कराई मुलाकात
चिकित्सा शिक्षकों के काम बंद करने की घोषणा के बाद मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की इंदौर इकाई के पदाधिकारियों की मुलाकात शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने हनुवंतिया जल महोत्सव में कराई। सीएम ने मेडिकल टीचर्स से चर्चा के लिए मुख्य सचिव को अधिकृत किया। शनिवार को चिकित्सा शिक्षकों के दो पदाधिकारियों डा. राहुल रोकडे और डा. राकेश मालवीय को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मुख्य सचिव के पास पंहुचे।
सीएस ने मेडिकल टीचर्स से मांगों का निराकरण करने के लिए आश्वासन दिया। अब विस्तृत चर्चा के लिए सोमवार को फिर मेडिकल टीचर्स का प्रतिनिधिमंडल मांगों के प्रस्ताव को सीएस के सामने रखेगा। मालूम हो कि मेडिकल टीचर्स की हडतालों और जूनियर डॉक्टर्स की हडताल के दौरान खूब हंगामे की स्थिति रही। लेकिन चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. विजयलक्ष्मी सामने नहीं आयीं। इस बार स्वास्थ्य मंत्री ने बंद के दौरान प्रदेश में स्वास्थ्य सेवायें प्रभावित होने का खतरा भांपते हुए पहल की है।
इनका कहना है–
हमें मरीज और डॉक्टर दोंनों की चिंता करनी है। काम बंद की स्थिति न आये इसलिए मैंने मुख्यमंत्री से मेडिकल टीचर्स की भेंट कराई और आज सीएस से भी बातचीत कराई है। सोमवार को दोबारा सीएस के साथ मेडिकल टीचर्स चर्चा करेंगे। – तुलसी सिलावट, स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री ने सकारात्मक रूख दिखाते हुए सीएम से भेंट कराई और आज हमारी मुख्यसचिव के साथ बैठक कराई है। सोमवार को फिर बैठक होगी उसके बाद कुछ निर्णय होगा। – डा. राकेश मालवीय, सचिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन
Represent by Balram G