नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में रविवार की शाम को भूंकप के झटके महसूस किए गए हैं। इस दौरान लोग घरों से बाहर निकल गए। रविवार की शाम को यह भूकंप करीब पांच बजकर 46 मिनट पर यह भूंकप के झटके महसूस किए हैं। आइएमडी के अनुसार पूर्वी दिल्ली में भूकंप रिक्टर पैमाने पर 3.5 मापा गया है। आइएमडी ने बताया कि इस भूकंप का केंद्र पूर्वी दिल्ली में था। इस कारण दिल्ली में यह ज्यादा महसूस किए गया।
इससे पहले 20 दिसंबर, 2019 को दिल्ली एनसीआर में भूंकप के झटके महसूस किए गए थे। शुरुआती जानकारी के अनुसार कहीं किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि भूकंप के झटके के बाद लोग डर और भय से घरों से बाहर निकल गए। इधर भूंकप के झटके महसूस होते ही ऑफिस में काम करने वाले लोग अपने कार्यस्थल से बाहर आ गए।
इस भूकंप के झटके से धरती कुछ सेंकेंड तक कांपती रही। इस दौरान लोग डर गए और पूर्वी दिल्ली में केंद्र होने के कारण दिल्ली-एनसीआर इस भूकंप के झटके ज्यादा महसूस हुए। इस दौरान कई लोग तो जब तक समझ पाते तब तक सब शांत हो चुका था।
दिल्ली सिसमिक जोन चार में आता है। यह क्षेत्र हिमायल के काफी करीब है। बता दें कि पूरे देश में लॉकडाउन है। लोग अपने-अपने घरों में हैं। ऐसे में सभी भूंकप के झटके महसूस होते ही तुंरत बाहर निकल गए। हालांकि एक अच्छी बात यह रही कि इस दौरान भी लोग बाहर निकल कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बखूबी करते दिखे। शुरुआती जानकारी के अनुसार यह भूंकप के झटके को 4.1 बताया जा रहा था।
वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनियाभर में एहतियातन लोगों के क्वारंटाइन में जाने और लॉकडाउन की वजह से मानवजनित ‘भूकंपीय शोर’ कम हुआ है। इसकी वजह से कम तीव्रता वाले भूकंपों की पहचान भी ज्यादा सटीकता और स्पष्टता से की जा सकती है। उन्होंने यह साफ किया कि इस बंद की वजह से धरती की सतह के कंपन में किसी तरह की कमी नहीं आई है। वैज्ञानिकों ने कहा कि भूकंप का शोर जमीन का एक लगातार होने वाला कंपन है।
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