दिल्ली ।
दूसरे चरण के 3 मई तक चलने वाले डाउन 2 और सरकार द्वारा गरीबों मज़दूरों की परेशानियों को देखते हुए और देश की आर्थिक स्थित के मद्देनजर यह बात साफ कर दी गई है कि पाबंदियां तो अभी से लागू हैं और आगे भी लागू रहेंगी, पर कुछ सेवाओं में जो छूट मिलने वाली है, वह कल यानी 20अप्रैल से लागू होगी। लेकिन बेहद सख्त शर्तों के साथ। नियम की अनदेखी हुई तो सभी छूट खत्म की जा सकती हैं।
जानें- किसे छूट मिलेगी और कहां जारी रहेगा प्रतिबंध
घरेलू उपयोग में इन पर रहेगी छूट
- किराना और राशन की दुकानें
- फल-सब्जी के ठेले, साफ-सफाई का सामान बेचने वाली दुकानें।
- डेयरी और मिल्क बूथ, पोल्ट्री, मीट, मछली और चारा बेचने वाली दुकानें।
- इलेक्ट्रीशियन, आईटी रिपेयर्स, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, कुरियर, डीटीएच और केबल सर्विसेस।
- ई-कॉमर्स कंपनियां काम शुरू कर सकेंगी। डिलीवरी के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों के लिए जरूरी मंजूरी लेनी होगी।
जिला प्रशासन की यह जिम्मेदारी होगी कि वो सभी जरूरी सेवाओं की होम डिलिवरी का इंतजाम करे। ऐसा होने पर ज्यादा लोग बाहर नहीं निकलेंगे। दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी होगा।
ये सेवाएं भी 20 अप्रैल से शुरू हो सकेंगी
- आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं वाले दफ्तर। इनमें 50फीसद से ज्यादा स्टाफ नहीं होगा।
- केवल सरकारी गतिविधियों के लिए काम करने वाले डेटा और कॉल सेंटर।
- ऑफिस और आवासीय परिसरों की प्राइवेट सिक्योरिटी और मैंटेनेंस सर्विसेस।
ट्रक रिपेयर के लिए हाईवे पर दुकानें और ढाबे खुलेंगे। राज्य सरकारें की जिम्मेदारी होगी कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो।
- गांवों और खेती-किसानी से जुड़ी ये सेवाएं और उद्योग शुरू हो सकेंगे
- नगरीय निकाय की सीमा से बाहर गांवों में उद्योग शुरू किए जा सकेंगे।
- गांवों में ईंट भट्टों और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में काम शुरू किया जाएगा।
- ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की मंजूरी वाले कॉमन सर्विस सेंटर खुल सकेंगे।
- कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस सर्विस शुरू होगी।
- फिशिंग ऑपरेशन (समुद्र और देश के अंदर) जारी रहेंगे। इसमें- मछलियों का भोजन, मेंटेनेंस, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री हो सकेगी।
- हैचरी और कमर्शियल एक्वेरियम भी खुल सकेंगे। मछली और मत्स्य उत्पाद, फिश सीड, मछलियों का खाना और इस काम में लगे लोग आवाजाही कर सकेंगे।
- चाय, कॉफी, रबर और काजू की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री के लिए फिलहाल 50 फीसद मजदूर ही रहेंगे।
- दूध का कलेक्शन, प्रोसेसिंग, डिस्ट्रिब्यूशन और ट्रांसपोर्टेशन हो सकेगा।
- पोल्ट्री फॉर्म समेत अन्य पशुपालन गतिविधियां चालू रहेंगी।
- पशुओं का खाना मसलन मक्का और सोया की मैन्युफेक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन हो सकेगा। पशु शेल्टर और गौशालाएं खुलेंगी।
- कोरियर सेवा की इजाजत
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़े ये उद्योग 20 अप्रैल से शुरू हो सकेंगे
- जरूरी सामान की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में काम होगा। इनमें ड्रग, फार्मा और मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं।
- सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर मनरेगा कामगार काम कर सकेंगे।
- ऐसी प्रोडक्शन यूनिट, जिसमें प्रोसेस को रोका नहीं जा सकता। वे शुरू हो सकेंगी। उनकी सप्लाई चेन भी शुरू हो सकेगी।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और स्पेशल इकोनॉमिक जोन, इंडस्ट्रियल टाउनशिप में स्थित कंपनियों को अपने यहां काम करने वाले स्टाफ के रुकने की व्यवस्था कंपनी परिसर में करनी होगी। अगर स्टाफ बाहर से आ रहा है तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए उनके आने-जाने के इंतजाम करने होंगे।
- आईटी हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों में कामकाज होगा। कोल, माइन और मिनरल प्रोडक्शन, उनके ट्रांसपोर्ट और माइनिंग के लिए जरूरी विस्फोटक की आपूर्ति जारी रहेगी।
- ऑयल और जूट इंडस्ट्री, पैकेजिंग मटेरियल की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भी छूट मिलेगी।
ये कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज 20 अप्रैल से शुरू हो सकेंगी - शहरी क्षेत्र के बाहर सड़क, सिंचाई, बिल्डिंग, अक्षय ऊर्जा और सभी तरह के इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट में कंस्ट्रक्शन शुरू हो सकेगा।
- अगर शहरी क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट शुरू करना है तो इसके लिए मजदूर साइट पर ही उपलब्ध होने चाहिए। कोई मजदूर बाहर से नहीं लाया जाएगा।
उपरोक्त जानकारी सोशल मीडिया के द्वारा मिली जानकारी पर आधारित है,सही जानकारी के लिए कृपया सरकारी आदेशो को देख लें ।