फ़ोटो – ग्राम प्रधान प्रतिनिधि दरियाबाद
अख्तर हुसेन की रिपोर्ट
सेमरियावां(संतकबीरनगर)। दुधारा थाना क्षेत्र के गांव दरियाबाद के प्रधान ने पुलिस अधीक्षक को दिये गये शिकायती प्रार्थना पत्र देकर स्थानीय पुलिस की प्रताड़ना से मुक्ति दिलाने की गुहार लगाई है।
थाना दुधारा क्षेत्र के गांव दरियाबाद की ग्राम प्रधान शैमा अब्दुल फत्ताह ने पुलिस अधीक्षक को भेजे गये शिकायती प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि माननीय प्रधानमंत्री के 22 मार्च को जनता कर्फ्यू तथा 24 मार्च से सम्पूर्ण लाकडाउन के समय से ही अपने गांव को इस महामारी से सुरक्षित रखने के लिए सभी सरकारी एवं प्रशासनिक आदेश व निर्देश का पालन करती आयी है। ग्राम पंचायत में दिनांक 29 मार्च के बाद आये लोगों को प्राथमिक विद्यालय में क्वरंटाइन किया गया था। जबकि दिनांक 29 मार्च से पहले 15 फरवरी से 29 मार्च के बीच विदेश या देश के अन्य राज्यों से आये लगभग 60 लोगों की सूची बनाकर तत्काल खण्ड विकास अधिकारी सेमरियावां व स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया गया था, उस दौरान बताया गया था कि यदि क्वरंटाइन का निर्देश होगा तो ग्राम पंचायत अधिकारी के माध्यम से अवगत कराया जायेगा,लेकिन सूचना देने के बाद भी संबंधित की तरफ से कोई दिशा निर्देश नहीं दिया गया।
शिकायती प्रार्थना पत्र के अनुसार स्थानीय पुलिस द्वारा बार बार इस बात की धमकी दी जा रही है कि ग्राम प्रधान सहित 29 मार्च से पहले ग्राम पंचायत में आये लोगों पर मुकदमा पंजीकृत किया जायेगा। जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।
अब उपरोक्त प्रकरण के संम्बंध में दस्तावेजों पर गौर किया जाय तो इसमें विभागों के अधिकारियों की जानबूझ कर कोताही किये जाने की बात सामने आ रही है, क्योंकि जब विभागों के अधिकारियों ने अस्वाशन दिया था कि आगे से जो भी दिशा निर्देश प्राप्त होगा बताया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ,तो ग्राम प्रधान सहित गाँव के लोग अब तक दिशा निर्देशों का इंतजार करते रहे । अब विभागों के अधिकारी अपनी कमी को छिपाते हुए पुलिस कार्यवाही पर उतारू हो गए । ग्राम प्रधान ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराएं जिससे हमे न्याय मिल सके
अब क्षेत्र में चल रही चर्चाओं पर विश्वास करें तो ब्लॉक और स्वास्थ्य विभाग ने दुधारा पुलिस से मिलकर खेल रच डाला हो सकता है,अब दुधारा पुलिस को अच्छा मौका मिल गया और पुलिस द्वारा दरियाबाद के प्रधान सहित अन्य लोगों पर मुकदमे ठोकने की धमकी मिल रही है,पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लोग गाँव में छिपे हुए थे ।
ग्राम प्रधान ने बताया है की पुलिस द्वारा लोगों पर लगाए जा रहे इल्जाम सरासर गलत है, कोई कहीं छिपा हुआ नहीं था,बल्कि हर रोज की तरह सभी अपने अपने कार्यो को घरों में रहकर अंजाम दे रहे थे ।
सवाल उठता है कि एक महीने कोई पुलिस से छुप के अपने ही गाँव घर में कैसे रह सकता है,कहीं न कहीं ये दुधारा पुलिस का बड़ा खेल लग रहा है,दुधारा पुलिस तो इतनी सक्रिय मानी जाती रही है लेकिन अब क्या हो गया जो एक महीने बाद लोगों के छुपे होने की दुहाई देकर अपनी नाकामी पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है,
वैसे इस खेल की लंबी कहानी हो सकती है,संतकबीरनगर के जिलाधिकारी से निवेदन कर रहा हूँ कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाया जाए ताकि सच्चाई से पर्दा उठ सके,वरना बेगुनाहों को सज़ा मिली तो ये नाइंसाफी होगी लेकिन गुनहगार बच जाएं ये उससे भी बड़ी नाइंसाफी होगी । सचाई का पर्दाफाश तो जांच के बाद ही पता चल पायेगा की लोगों के गांव में छुपे होने की कहानी गढ़ी है या फिर कुछ और मामला है ।