देश में कोरोना महामारी को देखते हुए लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई को समाप्त हो रहा था इस दौरान देश के अनेक हिस्सों में कोरोना केस लगातार बढ़ रहे थे जबकि कुछ हिस्सों में मामले खत्म होने के कगार पर थे, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक बैठक बुलाई गई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा अन्य लोग भी शामिल थे. बैठक के दौरान कोरोना मामले की पूरी समीक्षा की गई और इस समीक्षा के बाद तय किया गया कि अभी देश के हालात ऐसे नहीं है जिसके चलते पूरे देश में लॉकडाउन खोल दिया जाए. बैठक में यह तथ्यों के हवाले से यह माना गया कि लॉकडाउन को कोरोना वायरस से और प्रभावी तरीके से निपटने के लिए अभी बढ़ाए जाने की जरूरत है, जिसके बाद देर शाम केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बाबत आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत लॉकडाउन को 2 सप्ताह और बढ़ाई जाने के आदेश जारी कर दिए. नए आदेशों में देश को तीन भागों में बांटा गया है इनमें 8 जोन ऑरेंज और ग्रीन जोन शामिल है. साथ ही इन सभी जोड़ों में अलग अलग तरीके से छूट भी दी गई हैं सबसे ज्यादा छूट ग्रीन जोन में दी गई है.

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रेन, ग्रीन और ऑरेंज जोन

रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के रूप में जिलों की पहचान करने के मापदंड के बारे में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 30 अप्रैल, 2020 को जारी किए गए पत्र में विस्तार से बताया गया है. ग्रीन जोन ऐसे जिले होंगे ज‍हां या तो अब तक संक्रमण का कोई भी पुष्ट (कन्‍फर्म) मामला नहीं आया है अथवा पिछले 21 दिनों में कोई पुष्ट मामला सामने नहीं आया है.

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रेड जोन के रूप में जिलों का वर्गीकरण करते समय सक्रिय मामलों की कुल संख्या, कन्‍फर्म मामले दोगुनी होने की दर, जिलों से प्राप्‍त कुल परीक्षण (टेस्टिंग) और निगरानी सुविधा संबंधी जानकारियों को ध्यान में रखा जाएगा. वे जिले, जिन्हें न तो रेड जोन और न ही ग्रीन जोन के रूप में परिभाषित किया गया है, उन्‍हें ऑरेंज जोन के रूप में वर्गीकृत किया गया है. रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के रूप में जिलों के वर्गीकरण को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ हर सप्‍ताह या आवश्यकतानुसार पहले साझा किया जाएगा. वैसे तो राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश कुछ और जिलों को रेड व ऑरेंज जोन के रूप में शामिल कर सकते हैं, लेकिन वे किसी ऐसे जिले के वर्गीकरण को घटा नहीं सकते हैं जिसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा रेड या ऑरेंज जोन की सूची में शामिल किया गया है.

सरकार ने अपने नए आदेश में यह भी स्पष्ट किया है की कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह के काम की परमिशन नहीं होगी. देश के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों को जहां कोरोना वायरस फैलने का बड़ा खतरा है उन्हें कंटेनमेंट जोन कहा गया है. इस जोन को स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा परिभाषित किया जाएगा और ऐसा करते समय उस इलाके में कोरोना के कुल सक्रिय मामलों की संख्या उनके भौगोलिक फैलाव आदि का ध्यान रखा जाएगा. स्थानीय प्रशासन यह भी निश्चित करेगा कि कंटेनमेंट जोन के निवासियों के बीच आरोग्य सेतु एप डाउनलोड किया जाए. इस संवेदनशील जोन के लिए गहन निगरानी प्रोटोकॉल होंगे जिनमें मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, घर-घर की निगरानी, किसी व्‍यक्ति से जुड़े जोखिम के आकलन के आधार पर उसका होम/संस्थागत क्‍वारंटाइन प्रबंधन आदि भी शामिल हैं. इस इलाके मे सख्त दायरा नियंत्रण को सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी, ताकि आपातकालीन चिकित्सा स्थिति और आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने को छोड़कर इस जोन के भीतर और बाहर लोगों की आवाजाही न हो सके. कंटेनमेंट जोन के भीतर किसी भी अन्य गतिविधि या कार्य की अनुमति नहीं है.

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नए दिशानिर्देशों के अंतर्गत, जोन के आधार पर देशभर में सीमित संख्या में गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी. इनमें हवाई, रेल, मेट्रो और सड़क द्वारा अंतर-राज्यीय आवाजाही के द्वारा यात्रा; विद्यालय, महाविद्यालय और अन्य शैक्षणिक तथा प्रशिक्षण/ कोचिंग संस्थानों के लिए जाना; होटल और रेस्टोरेंट सहित आतिथ्य सेवाएं; सिनेमाघरों, मॉल, जिम, खेल परिसरों आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में लोगों का इकट्ठा होना; सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और अन्य प्रकार की सभाएं; और धार्मिक स्थलों पर लोगों के लिए पूजा का आयोजन शामिल है.

नए दिशानिर्देशों में लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए कुछ उपाय भी सुझाए गए हैं. इस प्रकार सभी गैर आवश्यक गतिविधियों के लिए लोगों की आवाजाही पर शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक सख्ती से प्रतिबंध जारी रहेगा. स्थानीय अधिकारियों को इस उद्देश्य और सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के अंतर्गत निषेध आदेश (कर्फ्यू) जैसे कानून के उचित प्रावधानों के अंतर्गत आदेश जारी करने होंगे.

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सभी जोन में 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों, बीमार लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आवश्यक जरूरतों और स्वास्थ्य उद्देश्यों को छोड़कर घर पर ही रहना होगा. रेड, ऑरेंज, ग्रीन जोन में बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) और मेडिकल क्लीनिकों को सामाजिक दूरी के नियमों के पालन और अन्य सुरक्षा सावधानियों के साथ परिचालन की अनुमति होगी, हालांकि रोकथाम (कंटेनमेंट) वाले जोन में इसकी अनुमति नहीं होगी.

कंटेनमेंट जोन से इतर रेड जोन में देश भर में प्रतिबंधित गतिविधियों के अलावा चुनिंदा गतिविधियां प्रतिबंधित हैं. ये इस प्रकार हैं : साइकिल रिक्शा और ऑटो रिक्शा चलाना; टैक्सी और कैब एग्रीगेटर्स का परिचालन; बसों का जिलों के भीतर और अंतर जिला परिचालन; और नाई की दुकानें, स्पा और सैलून.

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रेड जोन में आने वाले क्षेत्रों में कुछ बंदिशों के साथ कुछ अन्य गतिविधियों को स्वीकृति दे दी गई है. स्वीकृत गतिविधियों के लिए लोगों को वाहनों की आवाजाही को अनुमति दे दी गई है, जिसमें चार पहिया वाहनों में अधिकतम 2 लोगों (चालक के अलावा) का होना और दोपहिया वाहन पर पीछे की सीट पर कोई सवारी नहीं बिठाने की शर्त शामिल है. विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड), निर्यात केन्द्रित इकाइयों (ईओयू), औद्योगिक क्षेत्रों और औद्योगिक नगरों जैसे शहरी क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सीमित पहुंच के साथ स्वीकृति दे दी गई है. अन्य स्वीकृत औद्योगिक गतिविधियों में दवाओं, फार्मास्युटिकल्स, मेडिकल डिवाइस, उनसे जुड़े कच्चे माल और मध्यवर्ती सामानों सहित आवश्यक वस्तुओं की विनिर्माण इकाइयां;निरंतर चलने वाली उत्पादन इकाइयां और उनकी आपर्ति श्रृंखला;आईटी हार्डवेयर का विनिर्माण; कई पालियों और सामाजिक दूरी के साथ जूट उद्योग; और पैकेजिंग सामग्री की विनिर्माण इकाइयां शामिल हैं.

शहरी क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों को इन-सीटू निर्माण (जहां मजदूर निर्माण स्थल पर रहकर काम करते हैं और किसी भी मजदूर को बाहर नहीं जाना पड़ता है) और नवीनीकृत ऊर्जा परियोजनाओं तक सीमित रखा गया है. शहरी क्षेत्रों में मॉल, बाजारों और व्यावसायिक परिसरों में गैर जरूरी सामानों की दुकानों को अनुमति नहीं दी गई है. हालांकि शहरी क्षेत्रों में आने वाली सभी एकल दुकानों, पड़ोस (कॉलोनी) की दुकानों और आवासीय परिसरों में स्थित दुकानों को आवश्यक और गैर आवश्यक के अंतर के बिना खोलने की अनुमति दे दी गई है. रेड जोन में सिर्फ आवश्यक वस्तुओं के मामले में ई-कॉमर्स गतिविधियों को अनुमति दे दी गई है. निजी कार्यालय आवश्यकता के आधार पर 33 प्रतिशत क्षमता के साथ परिचालन कर सकेंगे और बाकी घर से काम कर सकते हैं.

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सभी सरकारी कार्यालय उप सचिव और उससे ऊपर के स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पूरी क्षमता के साथ काम करेंगे. शेष 33 प्रतिशत तक कर्मचारी जरूरत के आधार पर काम करेंगे. हालांकि, रक्षा एवं सुरक्षा सेवाएं, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पुलिस, पेंशन, होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन और आपात सेवाएं, आपात प्रबंधन और संबंधित सेवाएं, राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (एनआईसी), सीमा शुल्क, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प (एनसीसी), नेहरू युवा केन्द्र (एनवाईके) और नगर निकाय सेवाएं बिना किसी बंदिशों के काम करते रहेंगे. सार्वजनिक सेवाओं की डिलिवरी सुनिश्चित करनी होगी और इन उद्देश्यों के लिए आवश्यक संख्या में कर्मचारी लगाए जाएंगे.

रेड ज़ोन में बड़ी संख्या में अन्य गतिविधियों की अनुमति दी गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और ईंट-भट्टों सहित सभी औद्योगिक और निर्माण गतिविधियों की अनुमति दी गई है; इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में वस्‍तुओं की प्रकृति के भेद के बिना, शॉपिंग मॉल को छोड़कर सभी दुकानों की अनुमति दी गई है. कृषि गतिविधियों, जैसे, बुवाई, कटाई, खरीद और विपणन परिचालन की अनुमति दी गई है. अंतर्देशीय (इनलैंड) और समुद्री मत्स्य पालन सहित पशुपालन गतिविधियों को पूरी तरह से अनुमति दी गई है. सभी प्रकार की बागान गतिविधियों को उनके प्रसंस्करण और विपणन सहित अनुमति दी गई है.

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समस्‍त स्वास्थ्य सेवाएं (आयुष सहित) चिकित्सा कर्मियों और मरीजों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से ट्रांसपोर्ट करने सहित चालू रहेंगी. वित्तीय क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा खुला रहेगा, जिसमें बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), बीमा और पूंजी बाजार की गतिविधियां और ऋण सहकारी समितियां शामिल हैं. बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों, निराश्रितों, महिलाओं और विधवाओं आदि के लिए गृहों के संचालन और आंगनवाड़ियों के कामकाज की भी अनुमति दी गई है. सार्वजनिक उपयोगिताओं जैसे, बिजली, पानी, स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन, दूरसंचार और इंटरनेट खुले रहेंगे तथा कूरियर और डाक सेवाओं को परिचालन की अनुमति दी जाएगी.

रेड जोन

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रेड ज़ोन में अधिकांश व्यावसायिक और निजी प्रतिष्ठानों को अनुमति दी गई है. इनमें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी और आईटी सक्षम सेवाएं, डेटा और कॉल सेंटर, कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग सेवाएं, निजी सुरक्षा और सुविधा प्रबंधन सेवाएं और नाई आदि को छोड़कर जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, स्व-नियोजित व्यक्तियों द्वारा प्रदान की गई सेवाएं शामिल हैं. दवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों, उनके कच्चे माल और मध्यवर्ती सहित आवश्यक वस्तुओं की विनिर्माण इकाइयों; निरंतर प्रसंस्‍करण और आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता वाली उत्पादन इकाइयों; अलग-अलग पारियों में और सामाजिक दूरी के साथ जूट उद्योग; और आईटी हार्डवेयर के विनिर्माण और पैकेजिंग सामग्री की विनिर्माण इकाइयों को अनुमति दिया जाना जारी रहेगा.

ऑरेंज जोन

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ऑरेंज ज़ोन में, रेड ज़ोन में स्‍वीकृत की गई गतिविधियों के अलावा, टैक्सी और कैब एग्रीगेटर्स को केवल 1 ड्राइवर और 2 यात्रियों के साथ अनुमति दी जाएगी. एक जिले से दूसरे जिले में आने वाले लोगों और वाहनों को केवल स्‍वीकृत गतिविधियों के लिए अनुमति दी जाएगी. फोर व्हीलर वाहनों में ड्राइवर के अलावा अधिकतम दो यात्री होंगे, इसके अलावा दोपहिया वाहनों पर दूसरी सवारी की अनुमति होगी.

ग्रीन जोन

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ग्रीन ज़ोन में, उन गतिविधियों के अलावा जिनको समूचे देश में जोन की परवाह किए बगैर प्रतिबंधित किया गया है, को छोड़कर अन्‍य सभी गतिविधियों की अनुमति दी गई है, हालांकि बसों का परिचालन 50% तक बैठने की क्षमता के साथ किया जा सकता है और बस डिपो अपनी 50% क्षमता तक की बसों का परिचालन कर सकते हैं.

सभी वस्‍तुओं की ढुलाई की अनुमति होगी. कोई भी राज्य / संघशासित प्रदेश, पड़ोसी देशों के साथ संधियों के तहत सीमा पार व्यापार के लिए माल की आवाजाही को नहीं रोकेगा. ऐसी किसी भी ढुलाई के लिए अलग से किसी भी प्रकार के पास की आवश्यकता नहीं है, जो लॉकडाउन की अवधि के दौरान देशभर में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं.

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अन्य सभी गतिविधियां स्‍वीकृत गतिविधियां होंगी, जिन्‍हें विशेष रूप से निषिद्ध नहीं किया गया है या जिन्हें इन दिशानिर्देशों के तहत विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिबंधों के साथ अनुमति दी गई है. हालांकि राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को स्थिति के आकलन के आधार पर और कोविड-19 को फैलने से रोकने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ, आवश्यक समझे जाने पर स्‍वीकृत गतिविधियों में से केवल चुनिंदा गतिविधियों को प्रतिबंधों के साथ अनुमति दे सकते हैं.

3 मई, 2020 तक के लॉकडाउन उपायों से संबंधित दिशा-निर्देशों के तहत जिन गतिविधियों की अनुमति दी गई थी, उन गतिविधियों के लिए अधिकारियों से अलग से नई अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. भारत में विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजने क्‍वारंटीन व्यक्तियों को मुक्‍त करने; राज्यों/संघशासित प्रदेशों के भीतर फंसे श्रमिकों की आवाजाही; भारतीय नाविकों के साइन-ऑन और साइन-ऑफ, फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों की सड़क और रेल द्वारा आवाजाही जैसी व्‍यवस्‍थाओं के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी मानक परिचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी रहेंगे.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर यह भी कहा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें लॉक डाउन के दिशा निर्देशों को सख्ती से लागू करेंगे और आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत वह केंद्र सरकार द्वारा जारी इन दिशानिर्देशों को किसी भी हालत में अपनी तरफ से कमजोर नहीं करेंगे. यानी कि इसका सीधा मतलब है कि राज्य सरकारें केंद्र द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं उसके ऊपर जाकर अपनी तरफ से कोई नया आदेश जारी नहीं कर पाएंगे और यदि ऐसा कुछ करने की जरूरत राज्य सरकार को महसूस होती है तो उन्हें पहले केंद्र सरकार से सलाह लेनी पड़ेगी.

साभार ABP live