फाइल फोटो-यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
लखनऊ.। श्रम कानून में बदलाव के बाद प्रदेश की योगी सरकार ने 12 मई से 20 मई तक लोन मेला लगाने का फैसला लिया है. इसके लिए इच्छुक लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में लौट रहे प्रवासी मजदूरों और कामगारों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए 90 लाख नौकरियों की व्यवस्था करने का फ़ॉर्मूला भी दिया है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश की लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों में 90 लाख नौकरियों की व्यवस्था का फ़ॉर्मूला सुझाकर इस पर काम करने का निर्देश दिया. दरअसल, उत्तर प्रदेश में 90 लाख MSME हैं. इस तरह ऐसी एक इकाई में अगर एक व्यक्ति को भी नौकरी दी गई तो 90 लोगों को रोजगार मिल सकेगा.
रविवार को अपनी टीम-11 के साथ हुई बैठक में रोजगार सृजन के लिए रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया गया. दरअसल, लॉकडाउन होने के बाद दूसरे राज्यों से यूपी लौट रहे श्रमिकों और कामगारों को नौकरी देना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. एक आकलन के मुताबिक प्रदेश में लौट रहे कामगारों की संख्या 20 लाख के करीब है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने सभी कामगारों को रोजगार देने के लिए टीम का गठन भी कर दिया है.
11 लाख लोगों को रोजगार देने की कार्ययोजना तैयार
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विभिन्न विभागों ने मिलकर 11 लाख से अधिक लोगों को नौकरी मुहैया कराने के लिए कार्ययोजना भी तैयार कर ली है. साथ ही लॉकडाउन के बीच उद्योगों के संचालन भी शुरू कर दिया है. जब उद्योग और कारखाने चलने लगेंगे तो एक या दो अतिरिक्त नौकरी की व्यवस्था करना ज्यादा मुश्किल काम नहीं होगा. मुख्यमंत्री ने कहा है कि उद्यमियों को आसानी से लोन मिल सके इसके लिए 12 से 20 मई तक लोन मेला लगाया जाए. इसके लिए उद्यमियों को सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सभी जरूरी एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) ऑटोमोड पर दिए जाएं.
90 लाख पंजीकृत-गैर पंजीकृत एमएसएमई इकाइयां
दरअसल प्रदेश में 90 लाख पंजीकृत और गैर पंजीकृत एमएसएमई इकाइयां हैं. इस तरह अगर एक इकाई भी एक अतिरिक्त नौकरी की व्यवस्था करेगी तो 90 लाख लोगों को नौकरी दी जा सकती है.