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उतर प्रदेशसंतकबीरनगर

बदलते स्वरूप में चलेगा दस्तक और संचारी रोग नियंत्रण अभियान

  • नहीं निकाली जाएगी स्‍कूलों की रैलियां, लाउडस्‍पीकर से होगा प्रचार
  • फिजिकल डिस्‍टेंसिंग के साथ दिए जाएंगे बचाव व जागरुकता सन्देश

संतकबीरनगर ।
दस्‍तक व संचारी रोग नियंत्रण अभियान को लेकर जनपद स्‍तरीय प्रशिक्षकों को  जूम एप पर प्रशिक्षित किया गया। यह अभियान आगामी 1 जुलाई से जिले में चलाया जाएगा। इसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ ही सभी 10 विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों और विभिन्‍न विभागों के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है।

राज्‍य स्‍तरीय वेवीनार के दौरान यह बताया गया कि संचारी रोग नियन्‍त्रण व दस्‍तक अभियान का शुभारंभ 1 जुलाई से होगा तथा यह 30 जुलाई तक चलेगा। अभियान के शुभारंभ के दौरान कोरोना के चलते इस बार स्‍कूलों से रैलियां  नहीं निकाली जाएंगी। केवल लाउडस्पीकर से प्रचार किया जाएगा। गांवों में लार्वीसाइड्स का छिड़काव किया जाएगा। साथ ही गांव में तालाबों की भी सफाई कराने के साथ ही उसके स्‍वतन्‍त्र परिवहन की भी व्‍यवस्‍था की जाएगी। इसके अ‍न्‍तर्गत आने वाले सभी विभागों को उनकी सारी गतिविधियों के बारे में जानकारी दे दी गई है। रोगों के संचरण व संवहन के लिए जिम्‍मेदार लोगों के प्रति सख्ती की जाएगी।

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कोविड को लेकर जागरुकता के लिए भी दिशा निर्देश दिए जाएंगे। जलभराव के साथ ही मच्‍छर पैदा करने वाले कारकों को भी दूर किया जाएगा। कृषि विभाग के द्वारा आवासीय क्षेत्रों के आसपास छछून्‍दर व चूहों आदि को नियन्त्रित करने की व्‍यवस्‍था की जाएगी। आबादी वाले क्षेत्रों से सूअरबाड़ों को दूर किया जाएगा। इसके बारे में सभी लोगों को आवश्‍यक प्रचार सामग्री उपलब्‍ध कराई जाएगी। स्‍कूलों में आने वाले लोगों को भी इसके बारे में जानकारी देने को कहा गया है |

*अभियान की महत्‍वपूर्ण तिथियां*
24 व 25 जून को जिला टास्‍क फोर्स की बैठक होगी। 26 जून को ग्राम प्रधान, नोडल टीचर्स की ट्रेनिंग होगी। 26 व 27 जून को सभी विभागों की कार्ययोजना बना  ली जाएं तथा मानीटरिंग एजेंसी को हस्‍तगत कराई जाएग। वहीं फ्रंट लाइन वर्कर्स की ट्रेनिंग आगामी 24 जून से शुरु होकर 5 जुलाई तक चलेगी।

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*यह विभाग होंगे अभियान में शामिल*
अभियान में चिकित्‍सा स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण, आईसीडीएस, ग्राम्‍य विकास एवं पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर निगम/ शहरी विकास, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, दिव्‍यांग कल्‍याण, स्‍वच्‍छ भारत मिशन, सूचना विभाग, संस्‍कृति विभाग व चिकित्‍सा शिक्षा शामिल होंगे। अभियान में डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ, पाथ जैसी कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी सहयोग करेंगी ।

*गोरखपुर व बस्‍ती मण्‍डल में घटे अति प्रभावित गांव*
प्रदेश के कुल 38 जनपद जेई व एईएस से प्रभावित हैं। इनमें से 20 जिले हाई रिस्‍क के हैं। इसमें गोरखपुर व बस्‍ती मण्‍डल के कुल 7 जनपद है। वर्ष 2018 में जहां अति प्रभावित गांवों की संख्‍या 617 थी, वहीं 2019 में 408 गाँव  प्रभावित हैं। जबकि 2020 में यह संख्‍या घटकर 309 हो गई है।

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*संतकबीरनगर में अब तक 6 केस आए*
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि जिले में इस बार 1 जनवरी से लेकर अब तक कुल 6 केस आए हैं। इनमें से एक केस भी जेई का नहीं है। सभी एईएस से सम्‍बन्धित केस हैं। अभी तक किसी की भी मौत नहीं हुई है। जिले में हर प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पर इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेण्‍ट सेण्‍टर और  3 मिनी पीआईसीयू तथा एक पीआईसीयू है जहां जेई व एईएस से सम्‍बन्धित मरीजों का इलाज किया जाता है।

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