नई दिल्ली,। वोकल फॉर लोकल व मेक इन इंडिया (Make in India) की दिशा में आगे बढ़ रही रेलवे ने 44 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों (Vande Bharat Express trains) के निर्माण के लिए निकाली गई निविदा को निरस्त कर दिया है। पिछले वर्ष इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई की तरफ से निकाली गई इस निविदा में कुल छह कंपनियों ने हिस्सा लिया था, जिनमें एक चीनी संयुक्त उपक्रम भी शामिल था।
रेलवे ने शुक्रवार को बताया, ‘पिछले महीने जब निविदा खोली गई तो चीनी संयुक्त उपक्रम सीआरआरसी पायनियर इलेक्टि्रक (इंडिया) लिमिटेड एक मात्र विदेशी दावेदार के रूप में उभरा। 16-16 बोगियों वाली 44 ट्रेनों के निर्माण के लिए इलेक्टि्रकल उपकरणों की आपूर्ति के सिलसिले में निकाली गई इस निविदा में कुल छह कंपनियां दावेदारी थीं।’ चीन की कंपनी सीआरआरसी योंजी इलेक्टि्रक कंपनी लिमिटेड तथा गुरुग्राम की पायनियर फिल-मेड प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2015 में इस संयुक्त उपक्रम का गठन किया था।
रेल मंत्रालय ने ट्वीट किया, ’44 सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए निकाली गई निविदा निरस्त कर दी गई है। एक हफ्ते के भीतर संशोधित सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को प्राथमिकता देते हुए) के तहत नई निविदा जारी की जाएगी।’ हालांकि, रेलवे ने निविदा निरस्त किए जाने के कारणों को स्पष्ट नहीं किया है।
सूत्रों का कहना है कि रेलवे पूरी तरह घरेलू कंपनियों को निविदा देने के पक्ष में है। जब उसे लगा कि परियोजना की दौड़ में चीनी कंपनी भी आगे हो सकती है तो उसने निविदा रद कर दी। निविदा की दौड़ में सरकारी कंपनी भारत हैवी इलेक्टि्रकल्स लिमिटेड, भारत इंडस्ट्रीज संगरूर, इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रॉनिक्स (पी) लिमिटेड, मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड व पावरनेटिक्स इक्विपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल थीं।
बता दें कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कायम होने के बाद रेलवे ने थर्मल कैमरे की खरीद के लिए चीनी कंपनी को छोड़ी गई निविदा निरस्त कर दी थी। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) ने भी चीनी कंपनी के साथ हुए 470 करोड़ रुपये के करार को रद कर दिया था।