संत कबीर नगर । जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने बताया है कि किसान भाइयों द्वारा अवशेष/पराली को खेतों में जलाने से भूमि उर्वरा शक्ति पर दुष्प्रभाव पड़ता है, लाभकारी सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाते है, आगामी फसल की उपज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। पशुओं के चारे की समस्या उत्पन्न हो जाती है इसके साथ ही वायु अत्याधिक प्रदूषित हो जाती है, जन-मानस के स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकारक है, यह भी देखने में आता है कि फसल अवशेष जलाने से भीषण अग्निकाड की घटनाएं हो जाती है जिसमें जन, पशु की मृत्यु तक हो जाती है।
उन्होंने बताया कि पराली/अवशेष नही जलाने से मृदा में कार्बनिक पदार्थो की वृ़िद्ध होती है लाभकारी सूक्ष्म जीवों की संख्या बढती है मृदा में जल धारण संख्या में वृद्धि होती है दलहनी फसलों के अवशेष से मृदा में नत्रजन एवं अन्य पोषक तत्वों की मात्रा बढती है। मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली द्वारा फसल अवशेष जलाने पर खेत के क्षेत्रफल के अनुसार अर्थदण्ड दो एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले कृषकों से रू0 2500, दो से पाॅच एकड़ वाले कृषकों से रू0 5000 एवं पाॅच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले कृषकों से रू0 15000 की क्षतिपूर्ति प्रति घटना की वसूली जायेगी। इसके साथ ही दोषी के विरूद्ध कठोर दण्ड का भी प्राविधान किया गया है।
उन्होंने बताया है कि कम्बाईन हार्वेस्टिंग मशीन फसलोें की कटाई एक फिट छोड कर की जाती है जिसे किसान अगली फसल की बोई हेतु जलाते है अतः कृषि अनुभाग-2 उ0प्र0 शासन के निर्देशानुसार जनपद में कम्बाईन हार्वेस्ंिटग स्ट्री रीपर विद बाइन्डर अथवा स्ट्रा रीपर का प्रयोग अनिवार्य किया गया है इसके साथ ही विना रिपर मशीन के प्रयोग करने वाले कम्बाईन मशीन मालिकों के विरूद्ध सिविल दायित्व भी निर्धारित किये जाने के निर्देश है। समस्त कम्बाईन मालिकों को सचेत किया जाता है कि विना स्ट्रा रीपर के कम्बाईन मशीन से फसल कटाई पूर्णः प्रतिबंध अन्यथा की दशा में कम्बाईन मशीन मालिक के विरूद्ध सिविल दायित्व भी निर्धारित करते हुए विधि कार्यवाही की जाएगी।
खेतों में पराली जलाने वालों पर लगेगा 15000 ₹ तक का जुर्माना, विना रिपर मशीन के प्रयोग करने वाले कम्बाईन मशीन मालिकों के विरूद्ध भी दर्ज होगा मुकदमा -: जिलाधिकारी
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