राज्यसभा में कृषि से जुड़े बिलों को लेकर जमकर हंगामा हुआ। नौबत यहां तक पहुंच गई कि कई सांसद उपसभापति हरिवंश के चेयर तक पहुंच गए और माइक तोड़ दिए। आठ सांसदों को उनके अमर्यादित आचरण के लिए राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू ने बचे हुए पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया। आज सुबह-सुबह हरिवंश संसद भवन परिसर में धरना दे रहे निलंबित सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे।
आपको बता दें कि कल जब निलंबित सांसदों का प्रदर्शन जब सदन के अंदर खत्म नहीं हुआ तो राज्यसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद सभी निलंबित सांसद संसद भवन परिसर के अंदर गांधी मूर्ति के समीप धरना पर बैठ गए। राज्यसभा में आज भी गतिरोध जारी रहने की संभावना है।
सदियों से बिहार की महान भूमि हमें लोकतंत्र के मूल्यों को सिखा रही है। उस अद्भुत लोकाचार के अनुरूप, आज सुबह बिहार के सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी के प्रेरणादायक आचरण हर लोकतंत्र प्रेमी को गौरवान्वित करेंगे। जिन्हें हरिवंश जी ने चाय परोसा उन लोगों ने संसद में उनपर हमला किया और उनका अपमान किया। उन लोगों को हरिवंश जी ने दिखाया कि वे कितने विनम्र मन और बड़े दिल वाले हैं। यह उनकी महानता को दर्शाता है। मैं हरिवंश जी को बधाई देता हूं।
राज्यसभा में कृषि बिल पेश किए जाने के दौरान हंगामा करने वाले आठ विपक्षी सांसदों को सोमवार को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके बाद निलंबित सदस्यों ने सदन से बाहर जाने से इनकार कर दिया और विरोध जताते रहे। इस कारण सदन का कामकाज बार-बार बाधित हुआ। बाद में सांसदों ने संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया।
निलंबित सांसदों में कांग्रेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, माकपा के इलामारम करीम, केके रागेश और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह शामिल हैं।
निलंबन के विरोध में कांग्रेस, माकपा, शिवसेना, जनता दल (एस), तृणमूल कांग्रेस, भाकपा और सपा के सांसद संसद भवन परिसर में धरने पर बैठ गए। उनके हाथों में ‘लोकतंत्र की हत्या’ और ‘संसद की मौत’ लिखी तख्तियां थीं।
माकपा नेता करीम ने कहा, निलंबन से आवाज दबाई नहीं जा सकती। हम किसानों के साथ उनकी लड़ाई में साथ रहेंगे। संजय सिंह ने कहा, किसानों जाग जाओ और इस काले कानून का विरोध करो।