दो दिन पूर्व एक उप चुनावी सभा को कांग्रेस तज कर जनता की भलाई के उद्देश्य को लेकर भारतीय जनता पार्टी की शरण में आये राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संबोधित करते हुये बहुत ही मजेदार बयान दिया! कांग्रेस की दुखती हुई नस पर अंगूली जमाते हुये उन्होने भाजपा की पुरानी मांग को दोहराते हुये पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को ललकारते हुये कहा कि बड़े भाई जो उप चुनाव में पर्दे के पीछे छुप गए हैं, वे सामने आऐं और कांग्रेस के लिए वोट मांगे
सिंधिया और भाजपा दोनों ही बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि सन् 2018 के चुनाव में या इसके पूर्व के भी कई चुनाव में और अब भी कांग्रेस के पास दिग्गी राजा के चुनाव प्रचार न करने कोई जबाव नहीं हैं,हालांकि स्वयं दिग्विजय सिंह कह चुके हैं कि उनके प्रचार करने से कांग्रेस के वोट कट जाते हैं फिर भी भाजपा दिग्विजय सिंह को चुनाव उतर कर प्रचार करने की चुनौती देती रहती है लिहाजा अब सिंधिया ने भी यही घिस-पिट गए बयान को दोहरा दिया , मगर कांग्रेस हमेंशा की तरह सिंधिया के बयान पर चुप्पी साध गई , मगर इस बयान के 48 घण्टे के अन्दर भाजपा ने कांग्रेस को, सिंधिया को लेकर एक मुद्दा पकड़ा दिया, बस फिर क्या था पूर्व मंत्री जीतू पटवारी से लेकर प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न नेता सक्रिय हो गये और भाजपा व सिंधिया को घेरने लगे हैं।
दरअसल भाजपा ने मध्य प्रदेश में हो रहे 28 विधानसभा उप चुनाव को लेकर जो अपने चालीस स्टार प्रचारकों की सूची बनाई है उसमें कांग्रेस में रहते श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया को 10 नम्बर जगह दी गई है,जो उनके कद और लोकप्रियता को देखते हुए वाकई हैरान कर देने और उनके समर्थकों के लिए एक झटका ही है, इसको लेकर कांग्रेस मुखर है और वो सिंधिया पर व्यंग्य बाणों की बौछार करने में पीछे नहीं रहना चाहती ।
यद्यपि यदि सूत्रों पर भरोसा किया जाये तो भारतीय जनता पार्टी ने उप चुनाव को लेकर अभी तक जितने भी सर्वे कराये हैं उसमें सिंधिया जी कोई विशेष कारनामा करने की स्थिति में नहीं हैं! यदि अन्य क्षेत्रों को छोड़ दिया जाए तो सिंधिया खुद कथित अपने गढ़ ग्वालियर-चंबल संभाग की 16 सीटों पर भी भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में ज्यादा सफल होते दिखाई नहीं दे रहे हैं! इसका मूल्याकंन करके ही अब चंबल-ग्वालियर की 16 सीटों को अकेले सिंधिया के भरोसे न छोड़कर खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मोर्चा संभाल लिया है और पूरी ताकत झोंक दी है ।
दरअसल सिंधिया व उनके कांग्रेसी विधायकों की पार्टी में मौजुदगी को भाजपा के ही वफादार और पुराने कार्यकर्ता व समर्थक पचा नहीं पा रहे हैं! यदि चाय,पान और हजामत वालों की दुकानों पर चर्चा चल रही है चर्चाओं पर ध्यान दिया जाये तो उससे भी सिंधिया समर्थक व भाजपा का अपना कैडर बेस कार्यकर्ता काफी निराश और व्यथीत है! कभी कांग्रेस में रहते हुए आम जनता की नजर में पोस्टर वाॅय और ग्लैमरस के तौर पर धाकड़ नेता की हैसियत रखने वाले सिंधिया की छबि को भिण्ड में मेहगांव से कांग्रेस प्रत्याशी कटारे के लम्बे व विशाल नामाकंन जुलूस के कारण ढाई घण्टे सड़क पर जाम में फंस जाने की खबर से बड़ा धक्का लगा है! फिलहाल ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि कांग्रेस में रहते श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया से भाजपा के 10 नम्बरी बने सिंधिया उप चुनाव में अपने कितने पूर्व विधायकों को विधायक बनाने में सफल होते हैं?ये भी उनके 10 नम्बर की तरह 10 नवंबर को ही तय होगा ।
उपरोक्त लेख,विचार लेखक श्रीगोपाल गुप्ता के अपने निजी विचार हैं,
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