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चंद्र ग्रहण- आज 04 घंटे 18 मिनट के चंद्र ग्रहण में बन रहा है अद्भुत संयोग,आप पर कैसा रहेगा इसका असर, इनको बरतना है ये सावधानियां

वृषभ राशि वालों को रखनी होगी विशेष सावधानी
आज इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा. इसलिए वृषभ राशि के जातकों को ग्रहण के समय थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी. खासकर इस दौरान स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा. क्योंकि इस ग्रहण का बुरा प्रभाव वृषभ राशि वालों पर सीधे पड़ेगा.

भारत में इस चंद्र ग्रहण का असर
ये चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है, जो भारत में दिखाई नहीं देगा. शास्त्रों में उपछाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता है. इसलिए ना तो यहां सूतक काल माना जाएगा और ना ही किसी तरह के कार्यों पर पाबंदी होगी. ग्रहण पर स्नान-दान करने का विशेष महत्व है.

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ग्रहण के दौरान पानी भी पीने से बचना चाहिए
चंद्र ग्रहण के दौरान पानी पीने से भी बचना चाहिए. अगर आप बीमार हैं या आप गर्भवती हैं तो आप हल्का गर्म पानी पी सकते हैं. इसमें तुलसी का पत्ता डालकर जूस पी सकते हैं. इसके साथ ही अगर आप सादा पानी नहीं पीना चाहते तो नारियल का पानी पी सकते हैं. सबसे बेहतर यह होगा कि आप ग्रहण से पहले ही अच्छी मात्रा में पानी पी लें.

ग्रहण के समय मंत्र जाप करने पर पूरी होती है इच्छाएं
ग्रहण के सूतक काल को इच्छापूर्ति के लिए अच्छा माना जाता है. मान्यता हैं कि ग्रहण के दौरान इच्छा पूरी करवाने के लिए किया गया मंत्र जाप बहुत शीघ्र सफल हो सकता है.

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व्यक्ति के मन पर पड़ता है चंद्र ग्रहण का असर
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन प्रभावित करने वाला ग्रह माना जाता है. कहा जाता हैं कि जब चंद्र ग्रहण होता है तो इसका सीधा असर व्यक्ति के मन पर पड़ता है.

चंद्रग्रहण के नकारात्मक प्रभाव
मान्यता हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए, नहीं तो चंद्रग्रहण के नकारात्मक प्रभावों को सहना पड़ सकता है. चंद्रग्रहण में इस बात का खास ख्याल रखें कि आप और आपके परिवार का कोई भी सदस्य चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा की ओर ना देखे और ना ही चांद की रोशनी में बैठे.

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चंद्रग्रहण में ये पांच काम न करें
– भोजन ना पकाएं ना खाएं

– कपड़े ना धोएं

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– सब्जी व फल आदि ना काटें

– किसी की बुराई ना करें

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– किसी जीव की हत्या ना करें.

चंद्रग्रहण के इन मामलों में बरते सावधानियां
चंद्रग्रहण के दिन विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए, इस बात का ध्यान रखना चाहिए परिवार का कोई भी सदस्य चंद्रमा की ओर न देखें न ही चंद्रमा की रोशनी में बैठे

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पांच बजकर 22 मिनट तक रहेगी चंद्रग्रहण
आपको बता दें कि दोपहर एक बजकर चार मिनट से शुरू होगा जो कि शाम पांच बजकर 22 मिनट तक रहेगी. इस बार का चंद्रग्रहण भारत सहित अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा.

तीन प्रकार के होते हैं चंद्र ग्रहण
बता दें कि चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं

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-पहला चंद्रगहण कुल चंद्रग्रहण होता है

-दूसरा आंशिक चंद्रग्रहण

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-और तीसरा उपच्छाया चंद्रग्रहण

चंद्रग्रहण में ये काम भूलकर भी न करें
– किसी की बुराई न करें

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– किसी भी जीव की हत्या न करें

– सब्जी व फल न काटें

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– भोजन न पकाएं न ही खाएं

इस बार का ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा
साल 2020 का आखिरी चंद्र ग्रहण 30 नवंबर यानी अब से कुछ घंटों बाद लगने वाला है. यह चंद्र ग्रहण कई मायनों में खास है. इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा का पर्व भी देशभर में मनाया जा रहा है. कार्तिक शुक्ल पक्षी की पूर्णिमा तिथि गंगा स्नान, पूजा इत्यादि के लिए खास मानी जाती है वहीं इसी दिन इस बार साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार का ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा. साथ ही इस दिन रोहिणी नक्षत्र भी है.

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कहां दिखेगा साल का अंतिम चंद्र ग्रहण
30 नवंबर दिन सोमवार यानि आज लगने वाला चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ अमेरिका, यूरोप, साउथ अमेरिका, प्रशांत और अटलांटिक महासागर के अलावा एशिया के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा. ये चंद्रग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा.

चंद्रग्रहण लगने की तिथि और समय
साल का अंतिम चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 4 मिनट से आरंभ होगा और 30 नवंबर को शाम 5 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा.

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यहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण (Last Lunar Eclipse of The Year) एशिया, ऑस्ट्रेलिया (Australia), प्रशांत महासागर और अमेरिका (America) के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है. हालांकि यह चंद्र ग्रहण एक उपछाया ग्रहण है और भारत में दिखाई नहीं देगा. इसीलिए यहां इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.

भारत में चंद्र ग्रहण का असर
शास्त्रों में उपछाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता है. इसलिए न तो भारत में सूतक काल माना जाएगा और न ही किसी कार्य को करने की पाबंदी होगी. हालांकि नक्षत्र और राशि में लगने का असर कुछ राशि के जातकों पर जरूर पड़ सकता है.

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ये बन रहे हैं खास संयोग
कार्तिक पूर्णिमा आज है. ये कार्तिक महीने का आखिरी दिन होता है. वहीं इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कल ही लग रहा है. स्नान और दान के लिहाज से यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है. सर्वार्थसिद्धि योग व वर्धमान योग इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन रहेंगे. ये दो शुभ संयोग इस पूर्णिमा को और भी खास बना रहे हैं.

ग्रहण के समय ये काम न भूलें
ज्योतिष के अनुसार ग्रहण शुरू होने से लेकर उसका समय पूरा होने तक गर्भवती महिलाओं को अपने हाथ-पैर बिना मोड़े, हाथ में नारियल लेकर बैठना चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर इस नारियल को जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.

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इन जगहों पर दिखाई देगा चंद्रग्रहण
यह खगोलीय घटना दोपहर एक बजकर चार मिनट से शुरू होकर शाम पांच बजकर 22 मिनट तक होगी. यह कुल चार घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक रहेगा, जबकि, 3:13 मिनट पर यह अपने चरम पर होगा. इस बार का चंद्रग्रहण भारत सहित अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा.

आखिरी चंद्रग्रहण
कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को 30 नवंबर दिन सोमवार को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है. इस बार चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में लगने जा रहा है. पंचांग के अनुसार इस दिन रोहिणी नक्षत्र रहेगा.

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बन रहा है अद्भुत संयोग
इस बार 30 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया रहेगा. हालांकि उपच्छाया चंद्र ग्रहण दिखाई न देने के कारण इसका प्रभाव और सूतक काल भी प्रभावी नहीं होगा. शास्त्रानुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग होने से जप, तप, दान व धर्म-कर्म का लाभ कई गुणा अधिक प्राप्त होता है.

सूतक काल में परहेज जरूरी
चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले लगने वाले सूतक काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं. सूतक काल में पूजा-पाठ भी नहीं की जाती है. इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं. कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं को सूतक काल में छोंक, तड़का, धारदार और नुकीली वस्तुओं से दूर रहना चाहिए. सूर्य ग्रहण में सूतक काल 12 घंटे का होता है.

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इस समय लगेगा चंद्रग्रहण
उपचछाया से पहला स्पर्श : दोपहर 1:04 बजे

परमग्रास चंद्र ग्रहण : दोपहर 3:13 बजे

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उपछाया से अंतिम स्पर्श : शाम 5:22 बजे

ऐसे दिखेगा चंद्रग्रहण
यह खगोलीय घटना दोपहर एक बजकर चार मिनट से शुरू होकर शाम पांच बजकर 22 मिनट तक होगी. यह कुल चार घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक रहेगा, जबकि, 3:13 मिनट पर यह अपने चरम पर होगा. इस बार का चंद्रग्रहण भारत सहित अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा.

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साल का आखिरी चंद्रग्रहण
साल 2020 का आखिरी चंद्र ग्रहण नवंबर महीने के आखिरी में यानी कि 30 नवंबर यानि आज दोपहर में लगेगा. ये चंद्रग्रहण उपच्छाया (Upachhaya) ग्रहण होगा. ये साल का चौथा चंद्रग्रहण होगा. साल 2020 में इससे पहले 10 जनवरी, 5 जून और 5 जुलाई को चंद्रग्रहण देखा गया था.

इस बार का चंद्रग्रहण है खास
इस बार ये चंद्रग्रहण बेहद खास माना जा रहा है. दरअसल इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है. इसी दिन कार्तिक स्नान खत्म होगा. इसके अलावा इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का 551वां जन्मदिन भी मनाया जाएगा. बता दें, 30 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगेगा. इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है और सोमवार का दिन है.

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चंद्र या सूर्य ग्रहण पर लगता है सूतक
धार्मिक मान्यता के अनुसार तो जब कभी भी चंद्र या सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है तो सूतक लगता है. इस दौरान पूजा-पाठ और मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं, लेकिन इस बार लग रहे उपछाया ग्रहण से सूतक कोई प्रभाव नहीं होगा, इस दिन भी आम दिनों की तरह मंदिर खुला रहेगा और सभी धार्मिक कार्यक्रम जारी रहेंगे.

टेलीस्कोप से देखा जा सकता है चंद्रग्रहण
विज्ञान केंद्र के अधिकारियों के अनुसार, आमजन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टेलीस्कोप के माध्यम से चंद्रग्रहण दिखाने की व्यवस्था की गई है. केंद्र में आम लोगों के लिए शाम 5:00 बजे से लेकर 5:22 तक चंद्रग्रहण देखने की सुविधा रहेगी. वहीं, कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए किसी भी व्यक्ति को टेलीस्कोप छूने की इजाजत नहीं होगी. हर बार टेलीस्कोप को सैनिटाइज करने के बाद ही दूसरे व्यक्ति को ग्रहण देखने के लिए दिया जाएगा.

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कब लगता है उपछाया चंद्र ग्रहण
उपछाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में न आकर उसकी उपछाया से ही वापस लौट जाता है. आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि उपछाया चंद्र ग्रहण का कोई भी धार्मिक असर मान्य नहीं होता है. कुछ राशियों पर इसका असर पड़ेगा, लेकिन ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का लोकाचार करने की जरूरत नहीं है.

चंद्रग्रहण की तिथि और समय
ये ग्रहण 30 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 4 मिनट से आरंभ होगा और 30 नवंबर को शाम 5 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा.

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कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
रिपोर्ट्स की मानें तो 30 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, प्रशांत और अटलांटिक महासागर के अलावा एशिया के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा. भारत में ये नजर नहीं आएगा.

क्या होता है उपछाया ग्रहण
चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में प्रवेश करता है. जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश किए बिना ही बाहर निकल आता है तो उसे उपछाया ग्रहण कहते हैं. चंद्रमा जब धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तभी उसे पूर्ण रूप से चंद्रग्रहण माना जाता है.

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ग्रहण काल का सूतक
यह ग्रहण चंद्रमा का उपछाया ग्रहण है, इसलिए इसमें सूतक काल मान्य नहीं होगा. सूतक काल चंद्र ग्रहण के लगने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. बिना सूतक वाले ग्रहण काल का प्रभाव ज्यादा नहीं होता है.

चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण प्रारंभ – 30 नवंबर दोपहर 1 बजकर 4 मिनट

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ग्रहण मध्यकाल – 30 नवंबर दोपहर 3 बजकर 13 मिनट

ग्रहण समाप्त – 30 नवंबर शाम 5 बजकर 22 मिनट

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साल 2020 में कब-कब पड़े चंद्र ग्रहण
पहला चंद्र ग्रहण- 10 जनवरी

दूसरा चंद्र ग्रहण- 5 जून

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तीसरा चंद्र ग्रहण- 5 जुलाई

चौथा चंद्र ग्रहण- 30 नवंबर को पड़ रहा है

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ग्रहण के दौरान न करें ये काम
मान्यता है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं को किसी भी नुकीली वस्तु का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इनमें चाकू, कैंची, सूई और तलवार आदि शामिल हैं. साथ ही इस दौरान सोना, खाना, पीना, नहाना और किसी की बुराई करने पर भी पाबंदी होती है. ज्योतिष के अनुसार सूतक काल शुरू होने से लेकर उसका समय पूरा होने तक गर्भवती महिलाओं को अपने हाथ-पैर बिना मोड़े, हाथ में नारियल लेकर बैठना चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर इस नारियल को जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.

विज्ञान केंद्र में शाम के समय देखें साल का अंतिम चंद्रग्रहण
श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में आकाश दर्शन का कार्यक्रम होने वाला है. इसमें सोमवार को लगने वाले चंद्रग्रहण को आम लोगों को दिखाया जाएगा. केंद्र के डायरेक्टर अमिताभ ने बताया, यह साल का अंतिम चंद्रग्रहण है और यह अन्य ग्रहणों से खास और महत्वपूर्ण है. इस ग्रहण में सूर्य से चंद्रमा पर सीधे नीचे जाने वाले प्रकाश का कुछ हिस्सा पृथ्वी पर आकर उसकी बाहरी परछाईं रोक देगा. इसी कारण इस बार चंद्रमा की चमक मध्यम दिखाई पड़ेगी. निदेशक के अनुसार यह खगोलीय घटना दोपहर 01 बजकर 04 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजकर 22 मिनट तक होगी. हालांकि, दिन में ग्रहण के समय चंद्रमा क्षितिज के बीच होने के कारण यह राजधानी के लोगों को शाम के समय सिर्फ 22 मिनट तक ही दिखाई देगा.

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पटना में 22 मिनट तक दिखाई देगा चंद्रग्रहण
कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर सोमवार की शाम पांच बजे से बिहार की राजधानी में चंद्रग्रहण दिखाई देगा. यहां पर 5 बजे से 5 बजकर 22 मिनट तक चंद्रग्रहण देखा जा सकता है. वहीं दिन में अपराह्न 1 बजकर 4 मिनट से ही चंद्र ग्रहण प्रारंभ हो जाएगा, जो शाम 5 बजकर 22 मिनट तक रहेगा.

टेलीस्कोप से देखा जा सकता है चंद्रग्रहण
बिहार की राजधानी पटना के विज्ञान केंद्र के अधिकारियों के अनुसार, आमजन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टेलीस्कोप के माध्यम से चंद्रग्रहण दिखाने की व्यवस्था की गई है. केंद्र में आम लोगों के लिए शाम 5 बजे से लेकर 5 बजकर 22 मिनट तक चंद्रग्रहण देखने की सुविधा रहेगी. वहीं, कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए किसी भी व्यक्ति को टेलीस्कोप छूने की इजाजत नहीं होगी. हर बार टेलीस्कोप को सैनिटाइज करने के बाद ही दूसरे व्यक्ति को ग्रहण देखने के लिए दिया जाएगा.

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कब लगेगा सूतक
चंद्र ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है. हालांकि ये चंद्र ग्रहण एक उपछाया ग्रहण है और ये भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.

चंद्रग्रहण के दौरान बरते ये सावधानियां
– ग्रहण के दौरान खासकर गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलना वर्जित होता है.

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– ऐसी मान्यता है कि इस दौरान यदि व ग्रहण देख लेंगी तो इसका सीधा और नकारात्मक असर बच्चे के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है.

– बच्चे का जन्म लाल चक्रों या धब्बे के साथ हो सकते है साथ ही साथ अन्य त्वचा संबंधी रोग भी संभव है.

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– गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अपने पास नुकीली चीजें रखनी चाहिए. इसके लिए वे चाकू, कैंची, सुई आदि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे शिशु व गर्भवती महिला की दोनों पर ग्रहण का काला साया नहीं पड़ता है.

– हालांकि, नुकीली चीजें रखने समय यह ध्यान देना जरूरी है कि इससे शरीर के किसी अंग को हानि न पहुंचे.

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– ग्रहण के दौरान बचा हुआ खाना भी नहीं खाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि ग्रहण की हानिकारक किरणों से भोजन दूषित हो जाता है.

इस समय घर से बाहर न निकलें
ग्रहण के दौरान खासकर गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर निकलती है तो इसका बुरा प्रभाव पेट में पल रहे शिशु पर पड़ता है.

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14 दिसंबर 2020 को लगेगा सूर्य ग्रहण
14 दिसंबर 2020 को लगने वाला ग्रहण साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण होगा. यह ग्रहण पैसेफिक, साउथ अमेरिका और अंटार्कटिका में दिखेगा. सूर्य ग्रहण की शुरुआत 14 दिसंबर की शाम 7 बजकर 03 मिनट से होगी और समाप्त 15 दिसंबर की रात 12 बजे के करीब होगा.

जानें कहां-कहां दिखाई देगा कल लगने वाला चंद्र ग्रहण
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. हालांकि इस चंद्र ग्रहण का असर भारत में नहीं पड़ेगा.

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गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी
ज्योतिषियों के अनुसार सभी ग्रहण का एक सूतक काल होता. सूतक काल ग्रहण लगने से पहले ही शुरू हो जाता है. इस दौरान ध्यान और मंत्र जाप के अलावा कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता. अगर उपच्छाया ग्रहण है तो कोई सूतक काल नहीं होगा. लेकिन ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं अपने घर के बुजुर्गों की सलाह के अनुसार कुछ उपाय जरूर अपना सकती हैं.

वृषभ राशिवाले बरतें सावधानी
वृषभ राशि वालों को ग्रहण के समय और कुछ दिनों तक थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी. खासकर इस दौरान स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा.

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इस बार नहीं लगेगा सूतक काल
चंद्र ग्रहण 30 नवंबर यानि कल लग रहा है. यह इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा, जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण का लगना अशुभ माना जाता है. ग्रहण में लगने वाले सूतक का विचार किया जाता है. ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि उपछाया चंद्र ग्रहण के कारण इस बार सूतक काल मान्य नहीं होगा.

ग्रहण के दौरान कुछ खाने से बचें
ग्रहण काल के समय भोजन नहीं करना चाहिए. क्योंकि ये शरीर के लिए नुकसानदायक माना गया है. घर में पके हुए भोजन में सूतक काल लगने से पहले ही तुलसी के पत्ते डालकर रख देने चाहिए. इससे भोजन दूषित नही

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कैसे लगता है चंद्रग्रहण
जब पृथ्वी सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुंचने से रोक देता है तो उसे चंद्रग्रहण कहा जाता है. या यूं कहे कि यह तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में चली जाती है.

किस राशि पर कैसा पड़ेगा चंद्र ग्रहण का प्रभाव
कार्तिक महीने की पूर्णिमा पर उपच्छाया चंद्र ग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा. जिसका अशुभ असर वृष, मिथुन, सिंह, कन्या और धनु राशि वाले लोगों पर रहेगा. वहीं मेष, कर्क, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोग अशुभ प्रभाव से बच जाएंगे.

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जानें किस नक्षत्र में लगेगा चंद्रग्रहण
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक शुक्ल की पूर्णिमा तिथि यानि कल इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इस बार का ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा. वहीं, पंचांग के अनुसार इस समय रोहिणी नक्षत्र रहेगा.

कैसे लगता है उपछाया चंद्र ग्रहण
जब धरती की वास्तविक छाया पर ना पहुंच कर चंद्रमा उसकी उपच्छाया से ही लौट जाती है तो इसे उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं. इस स्थिति में चांद पर धुंधली परत भी बन जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसे ग्रहण के दौरान सूतक काल नहीं पड़ता. आमतौर पर ऐसे ग्रहण नंगी आंखों से नहीं दिख पाते हैं.

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भारत में नहीं दिखाई देगा चंद्रग्रहण
इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण कल लग रहा है. यह चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, क्योंकि यहां जब चंद्र ग्रहण लगेगा उस समय दोपहर रहेगा.

इस बार नहीं होगी सूतक काल की मान्यता
चंद्र ग्रहण 30 नवंबर यानि कल दोपहर में लग रहा है. यह चंद्र ग्रहण इस साल का आखिरी है, जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा. धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से ग्रहण का लगना अशुभ माना जाता है. ग्रहण में लगने वाले सूतक का विचार किया जाता है. ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि उपछाया चंद्र ग्रहण के कारण इस बार सूतक काल मान्य नहीं होगा.

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यहां जानें चंद्र ग्रहण का सही समय
चंद्र ग्रहण कल यानि 30 नवंबर दिन सोमवार की दोपहर 1 बजकर 04 मिनट से शुरू होगा और शाम 5 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा. चंद्र ग्रहण का परमग्रास दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर को होगा.

गर्भवती महिलाएं रखें विशेष सावधानी
कल जो ग्रहण लगेगा, वह उपछाया चंद्र ग्रहण होगा. इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. लेकिन गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी होगी. ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं के लिए अधिक विचार किया जाता है. माना जाता है कि ग्रहण के हानिकारक प्रभाव से गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर पर उसका नकारात्मक असर होता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है.

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क्या है उपछाया चंद्रग्रहण
जब चन्द्रमा पृथ्वी की धूसर छाया में से होकर गुजरता है तो इस तरह की परिस्थिति बनती है. इसे उपच्छाया चन्द्रग्रहण कहते हैं. ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस बार चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा. इस दौरान मंदिर आदि बंद नहीं किए जाएंगे. पूजा-पाछ को लेकर भी कोई नियम आदि नहीं माना जाएगा. दरअसल यह उपछाया चंद्रग्रहण है.

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