केंद्र सरकार के साथ दो बड़े कारोबारी घराने किसानों के निशाने पर हैं। मुकेश अंबानी और अडानी के खिलाफ किसान आक्रोशित हैं। मुकेश अंबानी की RIL ने एक बयान जारी कर रहा है कि वह किसानों के समर्थन में है और पूर्वानुमान के आधार पर फसल उत्पाद की अच्छी कीमत तय करने के पक्ष में है। कंपनी ने यह भी कहा कि भविष्य में भी उसका कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का कोई प्लान नहीं है और न ही इसके लिए ज़मीन ली है।
RIL ने यह भी कहा है कि इसकी सब्सीडरी कंपनी जियो इन्फोकॉम ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका देकर इसके टावरों की हो रही तोड़फोड़ को रोकने की मांग की है। RIL ने कहा, ‘न तो रिलायंस और न ही किसी अन्य साथी कंपनी ने किसानों की जमीन की खरीद की है। कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का कोई प्लान नहीं है। भविष्य में भी हम ऐसा कुछ नहीं करना चाहते।’
बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान जियो से जुड़े 1500 टेलिकॉम टावरों को नुकसान पहुंचाया गया। कंपनी ने कहा कि इन कृषि कानूनों से उसका कोई लेना देना नहीं है और आंदोलन से जोड़कर कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इन्फोकॉम लिमिटेड ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि इन कानूनों से उन्हें किसी तरह का फायदा नहीं होने जा रहा है। उसका इरादा कॉर्पोरेट खेती की तरफ रुख करने का नहीं है।
कंपनी ने हाई कोर्ट से कहा कि उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने में कोर्ट दखल दे।कंपनी ने हाई कोर्ट से कहा कि उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने में कोर्ट दखल दे। रिलायंस की सब्सीडरी कंपनी ने अपनी याचिका में कहा है कि कंपनी को लेकर भ्रामक बातें फैलायी जा रही हैं।