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नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार के 6 महीने बाद बिहार की राजनीति में हो सकता है बड़ा बदलाव !

नीलकमल, पटना
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए को मिली जीत के बाद से ही विपक्षी दल के लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए पर जनादेश चुराने का आरोप लगा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी लगातार नीतीश कुमार को थका और जबरदस्ती का मुख्यमंत्री बता रहे है। हालांकि आरजेडी के ही वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने ऑफर भी दे चुके हैं। दूसरी तरफ जेडीयू की सहयोगी बीजेपी ने अपने राष्ट्रीय स्तर के नेता सैयद शाहनवाज हुसेन को बिहार में उतार कर राजनीतिक दिशा बदलने के संकेत दे दिए हैं।

पश्चिम बंगाल चुनाव के पहले शाहनवाज हुसैन की बिहार में एंट्री के क्या हैं मायने

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पश्चिम बंगाल में इसी साल के अप्रैल-मई महीने में होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। दिसंबर 2020 से ही बीजेपी ने मिशन 200+ के लक्ष्य के साथ, बंगाल चुनाव में पार्टी को धार देने के लिए अपने शीर्ष नेताओं को उतारना शुरू कर दिया था। बंगाल चुनाव को साधने के लिए बीजेपी ने पड़ोसी राज्य बिहार में भी बड़ा राजनीतिक दांव खेला है।

गौरतलब है कि ममता बनर्जी की टीएमसी (TMC) ने बंगाल में BJP को ना सिर्फ बाहरी पार्टी बल्कि, सांप्रदायिक और मुसलमान विरोधी बताने में कोई कसर नही छोड़ रही। इधर बीजेपी ने ममता बनर्जी के मुस्लिम तुष्टीकरण की वजह से भीतर ही भीतर आक्रोशित हिंदू वोटरों को अपने पाले में करने का हर संभव प्रयास शुरू कर दिया है। इसके अलावा मुसलमान विरोधी होने का धब्बा हटाने के लिए बिहार में अपने राष्ट्रीय स्तर के नेता शाहनवाज हुसैन को ‘ स्टेट पॉलिटिक्स ‘ में भी उतार दिया है। दरअसल बीजेपी का मकसद, बिहार के जरिए बंगाल के मुसलमानों को यह संदेश देना है कि ‘भारतीय जनता पार्टी’ मुसलमान विरोधी नहीं है।

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शाहनवाज हुसैन को बनाया जा सकता है डिप्टी सीएम या गृह मंत्री !
16 नवंबर 2020 में गठित बिहार एनडीए की सरकार में मंगलवार यानी 19 जनवरी को मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाना था, लेकिन अब इसे अगले कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है। राष्ट्रीय राजनीति के बाद राज्य की राजनीति में उतरे शाहनवाज हुसैन 28 जनवरी को होने वाले विहार विधान परिषद के दो सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए 18 जनवरी को नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं।

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2005 से बिहार की बागडोर संभालने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक ‘गृह मंत्रालय’ अपने अधीन ही रखा है। राजनीतिक गलियारे में अब चर्चा यह हो रही है कि बढ़ते अपराध और विपक्ष के लगातार हमले की वजह से सीएम नीतीश कुमार काफी परेशान है। इसके अलावा यह खबर भी कई बार सामने आ चुकी है कि बीजेपी पूर्व के मंत्रालय के साथ इस बार गृह मंत्रालय भी अपने पास रखना चाहती थी। सूत्र बताते हैं कि अपराध को लेकर विपक्ष के लगातार हमले के बाद मुख्यमंत्री गृह विभाग को बीजेपी के हवाले कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो मंत्रिमंडल विस्तार में शाहनवाज हुसैन को बिहार का गृह मंत्री बनाकर बीजेपी ना सिर्फ बिहार या बंगाल बल्कि पूरे देश के मुस्लिम समाज को बड़ा संदेश दे सकती है।

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CM ने गृह विभाग नहीं छोड़ा तो शाहनवाज बनेंगे डिप्टी सीएम !
संभावना यह भी जतायी जा रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गृह विभाग अपने पास बरकरार रखते हैं तो उस स्थिति में डिप्टी सीएम रेणु देवी का इस्तीफा करा कर शाहनवाज हुसैन को बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि इस बार नीतीश सरकार में बीजेपी के दो उपमुख्यमंत्री बने है। फिलहाल डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद के पास 5 तो वही दूसरी तरफ डिप्टी सीएम रेणु देवी के पास भी 4 विभाग का भार है। ऐसे में रेणु देवी को डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दिलवाकर उन्हें दो विभाग की जिम्मदारी दी जा सकती है और नीतीश कैबिनेट के विस्तार में शाहनवाज हुसैन को डिप्टी सीएम की शपथ दिलाया जा सकता है। बिहार के इस राजनीतिक चाल से बीजेपी आने वाले बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी ( MAMTA BENARJEE) के टीएमसी ( TMC ) पर भी निशाना साध सकती है।

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क्या रामबिलास पासवान के अधूरे सपने को पूरा करेगी बीजेपी !
फरवरी 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता की चाभी लोक जनशक्ति पार्टी ( LJP ) सुप्रीमो रामविलास पासवान के हाथ में थी। दरअसल 2005 में खंडित जनादेश की वजह से लोक जनशक्ति पार्टी के पास विधायकों की इतनी संख्या थी कि वो फिर से लालू यादव की सरकार बना सकते थे। रामविलास पासवान ने की जिद थी कि बिहार में मुस्लिम मुख्यमंत्री बने जिसे लालू प्रसाद यादव ने स्वीकार नहीं किया था। सरकार ना बनने की स्थिति में अक्टूबर 2005 में दोबारा चुनाव कराए गए। इस चुनाव में एनडीए की जीत हुई और नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए। यानी 2005 में रामविलास पासवान की जिद की वजह से लालू प्रसाद यादव ऐसे बिखरे कि वह आज तक अपने दम पर सत्ता में वापसी नहीं कर सके। तो क्या यह संभव है कि इस बार शाहनवाज हुसैन को डिप्टी सीएम बनाकर बीजेपी दिवंगत रामविलास पासवान के सपने को पूरा करेगी ?

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