साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बीते कुछ समय में साइबर ठगे के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। साइबर ठग अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। अक्सर देखा गया है कि लोग अपनी लापरवाही के चलते ही ठगी के शिकार होते हैं। मसलन वे साइबर ठग के जाल में फंसकर ही अपने बैंक खाते या अन्य निजी जानकारियों को साझा कर देते हैं।
ऐसा ही एक तरही है क्यूआर कोड यानी क्विक रिस्पॉन्स कोड। इसके जरिए पलभर में खाते में सेंध लगाई जा सकती है।
सिक्योरिटी के क्षेत्र में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सरकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म साइबर दोस्त ने एक ट्वीट के जरिए ऐसे क्यूआर कोड से अलर्ट रहने की जानकारी दी है जो कि अज्ञात स्रोत से प्राप्त होते हैं। ऐसे क्यूआर कोड का इस्तेमाल साइबर ठग आपको ठगने के लिए करते हैं।
ट्वीट में कहा गया है कि ‘किसी अज्ञात स्रोत से प्राप्त क्यूआर कोड को स्कैन न करें। इससे आपके खाते से अनधिकृत रूप से धन निकाला जा सकता है।’ दरअसल ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं जिसमें लोगों को मैसेज के जरिए फर्जी क्यूआर कोड भेजकर ठगी का शिकार बना दिया जाता।
इसके साथ ही कंप्यूटर पर ऐसे मैसेज भेजकर झांसा दिया जाता है जिसमें आपको मोटा मुनाफा देने की बात कही हो। जब साइबर ठग के द्वारा भेजे गए इस कोड को स्कैन किया जाता है तो पलभर में खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं।
साइबर दोस्त ने हाल में एक अन्य ट्वीट में यह भी जानकारी दी है कि बायोमेट्रिक जानकारी अति संवेदनशील और गोपनीय होती है। हमेशा सुनिश्चित करें कि वह सुरक्षित रहे और संदिग्ध एवं अनाधिकृत स्थलों पर कभी भी फिंगर प्रिंट या रेटिना स्कैन न दें।