दिल्ली । जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस दिनेश महेश्वरी और जस्टिस ऋषिकेश राय की पीठ में केंद्र सरकार के इस रवैए पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हम लगातार सरकारी विभाग, राज्य सरकार व पब्लिक अथॉरिटी से यह कहते आए हैं कि अपील समय सीमा के अंदर दाखिल होनी चाहिए। बावजूद इसके इसमें कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। इनके पास अपील दायर करने में देरी का कोई उचित कारण भी नहीं होता है। पीठ ने कहा है कि विधि विभाग में कई अधिकारी होते हैं, बावजूद इसके अपील दायर करने में देरी की जाती है।
पीठ ने कहा कि अपील दायर करना महज खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जुर्माने की रकम अपील दायर करने में जिम्मेदार अधिकारी से वसूलने के लिए कहा है। जुर्माने की रकम चार हफ्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड वेलफेयर एसोसिएशन के खाते में जमा करने के लिए कहा है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश की प्रति भारत सरकार के विधि सचिव और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव तक पहुंचाने के लिए कहा है। उन्हें निजी तौर पर इस मामले को देखने के लिए भी कहा है। पीठ ने कहा कि इन अधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में हमें ऐसे मामलों से दो-चार न होना पड़े।