नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Modi Government) जल्द ही 4 और बैंकों का निजीकरण (Bank privatisation) कर सकती है. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, सरकार ने निजीकरण के अगले चरण के लिए 4 मिड साइज राज्य संचालित बैंकों का चयन किया है, जिनका प्राइवेटाइजेशन जल्द ही किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, इस लिस्ट में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra), बैंक ऑफ इंडिया (BoI), इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank) का नाम शामिल है.
जानें क्या है सरकार का प्लान
सरकारी बैंकों को बेचकर सरकार राजस्व कमाना चाहती है ताकि उस पैसे का उपयोग सरकारी योजनाओं पर हो सके. सरकार बड़े लेवल पर प्राइवेटाइजेशन करने का प्लान बना रही है. फिलहाल बैंकिग सेक्टर में सरकार की बड़ी हिस्सेदारी है, जिसमें हजारों कर्मचारी काम करते हैं. बैंकों का निजीकरण वैसे एक जोखिम भरा काम है इससे काम करने वाले कर्मचारियों पर भी असर हो सकता है.
आपको बता दें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपने केंद्रीय बजट 2021 के भाषण में भी घोषणा की थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी का निजीकरण किया जाएगा क्योंकि इस समय केंद्र सरकार विनिवेश पर अधिक ध्यान दे रही है. इसके साथ ही भारत पेट्रोलियम में विनिवेश (Disinvestment) की योजना बनाई जा रही है.
रह जाएंगे सिर्फ 5 सरकारी बैंक
आपको बता दें कि इस समय केंद्र सरकार देश के सरकारी बैंकों (PSU Banks) में से आधे से ज्यादा का निजीकरण (Privatization) करने की योजना बना रही है. अगर सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ तो आने वाले समय में देश में सिर्फ 5 सरकारी बैंक रह जाएंगे.
बैंकिंग सेक्टर में बीते तीन वर्षों में विलय और निजीकरण के चलते सरकारी बैंकों की संख्या 27 से 12 ही रह गई है, जिसे केंद्र सरकार अब 5 तक ही सीमित करने की तैयारी में है. इसके लिए नीति आयोग ने ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया है.
मौजूदा सरकारी बैंक
>> भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
>> सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
>> बैंक ऑफ इंडिया
>> बैंक ऑफ महाराष्ट्र
>> यूको बैंक
>> पंजाब एंड सिंध बैंक
>> इंडियन ओवरसीज बैंक
>> बैंक ऑफ बड़ौदा + देना बैंक + विजया बैंक
>> पंजाब नेशनल बैंक + ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स + यूनाइटेड बैंक
>> केनरा बैंक + सिंडिकेट बैंक
>> यूनियन बैंक ऑफ इंडिया + आंध्रा बैंक + कॉरपोरेशन बैंक
>> इलाहाबाद बैंक + इंडियन बैंक