265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में फर्जी संस्थान चलाने वाले तीन निदेशकों की गिरफ्तारी के बाद अब तीन बैंकों के अफसर और कर्मचारी सीबीआई के रडार पर हैं। इन्हीं बैंकों में खुले खातों के जरिये ही नाइलेट के नाम पर चल रहे फर्जी संस्थानों ने करीब 29 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति डकार ली थी। सूत्रों के मुताबिक बैंक अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से ही इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया था।
जिन छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति हड़पी गई, उनके फर्जी खाते इन बैंकों में खोले गए और फिर वाउचर भरकर राशि निकाल ली गई। यहीं नहीं कई विद्यार्थियों के काउंसलिंग के समय ही दस्तावेजों और चेक पर साइन ले लिए गए थे और बाद में खातों से पैसा निकाल लिया गया। अब सीबीआई तीनों निदेशकों की गिरफ्तारी के बाद बैंक अफसरों और इनके कर्मचारियों के बारे में पुख्ता जानकारी हासिल कर रही है। इसमें दो बैंक हिमाचल जबकि एक बैंक पंजाब में स्थित है। सीबीआई के मुताबिक जल्द ही इन अफसरों और कर्मचारियों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक सकती है।
तीनों निदेशकों को पांच दिन के रिमांड पर भेजा
सीबीआई ने दो दिन पहले नाइलेट से मान्यता के नाम पर प्रदेश चल रहे नौ फर्जी शिक्षण संस्थानों के तीन निदेशकों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद तीनों को अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। सीबीआई इस दौरान आरोपियों से अहम जानकारियां जुटाने का प्रयास करेगी ताकि मामले से जुड़े अन्य आरोपियों पर भी शिकंजा कसा जा सके।
इसके अलावा केंद्रीय जांच एजेंसी छापे के दौरान कब्जे में लिए गए दस्तावेजों की भी गहनता से पड़ताल कर रही है। सूत्रों के मुताबिक आने वाले समय में मुख्य आरोपी राज्टा के कई करीब जांच के दायरे में आ सकते हैं और पुख्ता सबूत मिलने पर उनकी गिरफ्तारी भी संभव है। इसके साथ ही उनके खातों और संपत्तियों की भी जानकारियां जुटाई जा रही है।