सेमरियावां संतकबीरनगर । विकास खंड सेमरियावाँ संत कबीर नगर के मजीदाबाद स्थित अलहिरा ग्लोबल एकेडमी में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिस की अध्यक्षता प्रबन्धक फुज़ैल अहमद नदवी ने की, और संचालन मुहम्मद सलमान आरिफ नदवी ने किया।
फुज़ैल अहमद नदवी ने कहा कि महिलाएं समाज का मुख्य अंग हैं। समाज का उत्थान उसी दशा में हो सकता है जबकि हर महिला शिक्षित होगी। उन्होंने अपनी नानी और माता काे याद करते हुए कहा कि क्षेत्र में शिक्षा की ज्योति जलाने में उन दोनों का अहम रोल है। हमारी नानी जान ने उस समय उच्च शिक्षा ग्रहण कर अध्यापक बनीं जबकि इसे कुछ विशेष महत्व नहीं दिया जाता था।
मुहम्मद सलमान आरिफ नदवी ने कहा कि इस्लाम धर्म ने महिलाओं को विभिन्न अधिकार दिए हैं। उन्हें मान सम्मान दिया। सुरक्षा का आभास करायावरना इस्लाम धर्म के आने से पहले लड़कियों को पैदा होते ही ज़िन्दा जमीन में दफन कर दिया जाता था। इस्लाम धर्म ने हर मोड़ पर महिलाओं के महत्व का एहसास दिलाया है। बेटी है तो मोक्ष का साधन है, बीवी है तो रहमत है, माँ है तो स्वर्ग उस के पैरों के नीचे है। इस्लाम धर्म ने बाप व पति की सम्पत्ति में महिलाओं का हिस्सा निर्धारित कर दिया है। यदि उन्हें उन का जायदाद का हक़ पुर्ण रूप से दिया जाए तो दहेज जैसी कुरीति स्वयं समाप्त हो जाएगी। रुश्दा अंजुम ने कहा कि हमें जीवन के हर मैदान में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। हम वादा करें कि समाज में अपने महत्व को उजागर करेंगे। शिक्षा जगत में इंकलाब लाएंगे। हर तरह की समस्याओं और चैलंजों का डटकर सामना करेंगे।
शिल्पी शुक्ला ने कहा कि हमें अपने अन्दर धैर्य व दृढ़ता लानी होगी। आत्मनिर्भर बनना होगा। हम इतनी मजबूत बनें कि हर मोर्चे पर विजय के झंडे गाड़ सकें।
गुफराना खातून ने कहा कि हम वह सब कुछ कर सकती हैं जिस की समाज व देश को आवश्यकता है। बस हमारे अंदर दृढ़ता व धैर्य का जज्बा पैदा करना होगा। हम हालात का धारा मोड़ सकती हैं। इस के लिए सभी महिलाओं को आगे आना होगा। इस अवसर पर माशूक अहमद, नौशाद अहमद नदवी, मुहम्मद हारून, महफूज़ुर्रहमान, फरहीन अंजुम, फरज़ाना ख़ातून, सोगरा खातून, रज़िया ख़ातून, मसरूर अहमद आदि उपस्थित रहे।