किसान से एक समय में अधिकतम 30 कुंतल गेहूं खरीदने का आदेश जारी होते ही प्रदेश भर में हडकम्प मच गया है। अयोध्या, बरेली समेत कई जिलों से उन किसानों को लौटा दिया गया जो 30 कुंतल से ज्यादा गेहूं लेकर गेहूं क्रय केन्द्रों पर पहुंचे थे। पोर्टल में बदलाव होने की वजह से अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिए लेकिन किसानों के विरोध को देखते हुए कुछ ही घंटों में आदेश वापस ले लिया गया।
गुरुवार की सुबह जब किसान अपना गेहूं लेकर क्रय केन्द्रों पर पहुंचे तो वहां 30 कुंतल से ज्यादा गेहूं खरीदने में अधिकारियों कर्मचारियों ने हाथ खड़े कर दिए। उन्हें जानकारी दी गई कि खाद्य आयुक्त ने आदेश जारी कर दिया है कि एक किसान से एक समय में 30 कुंतल गेहूं से अधिक खरीद किसी भी हालत में नहीं हो पाएगी। बाकी गेहूं बेचने के लिए उन्हें दूसरे दिन आना पड़ेगा।
लघु व सीमांत किसानों पर ज्यादा फोकस करने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया था लेकिन कुछ ही घंटों में सरकार ने अपना आदेश वापस लेते हुए लिमिट खत्म कर दी। अब गेहूं अपनी जमीन के हिसाब से गेहूं बेच सकेंगे। खाद्य विभाग से जुड़े हुए अधिकारियों का मानना है कि सरकार ने लघु व सीमांत किसानों पर ज्यादा फोकस करने के उदेश्य से यह नियम बनाया था जिससे छोटे व मझोले किसानों को अधिक से अधिक क्रय केंद्रों पर लाया जा सके और उन्हें समर्थन मूल्य का लाभ दिलाया जा सके।
गेहूं की खरीद 15 जून तक होनी है। अभी तक पिछले वर्ष से ज्यादा गेहूं खरीद हो चुकी है। इस पास सरकार ने क्रय केन्द्रों पर ई-पॉप मशीनों की व्यवस्था की है, जिससे खुद किसान ही अपना गेहूं बेच पा रहे हैं। उनका आधार कार्ड लेकर गेहूं बेचने आने वाले बिचौलियों को इससे खासा नुकसान हुआ है।