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उतर प्रदेश

भाजपा के रडार पर, देवरिया, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर के विधायक, संघटन और सरकार विरोधी गतिविधियों के लिए समीक्षा जारी

  • देवरिया, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर के तीन विधायक चिह्नित, समीक्षा जारी।
  • चिह्नित विधायकों की सिफारिश पर नहीं दिया गया जिला पंचायत वार्डों का टिकट।

लखनऊ । मिशन-2022 की तैयारियों में जुटी भाजपा ने विधायकों के कामकाज की समीक्षा शुरू कर दी है। साथ ही संगठन व सरकार विरोधी बयान देने वाले विधायकों की सूची भी बनाई जा रही है। अब तक तीन विधायक चिह्नित किए गए हैं। यह भी देखा जा रहा है कि टिकट न मिलने की स्थिति में कौन विधायक दूसरी पार्टी का दामन थाम सकता है। यह सूची तैयार करके जल्द पार्टी आलाकमान के पास भेजी जाएगी।

भाजपा गोरखपुर क्षेत्र में विधानसभा की 62 सीटें हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 44 सीटें जीती थीं। दो सीटें सहयोगी दलों को मिली थीं। आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक है। लिहाजा, पार्टी ने कील-कांटे दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी है। पार्टी का इरादा पिछले चुनाव से अच्छा प्रदर्शन करने का है। इसी लिहाज से हर विधायक के कामकाज की समीक्षा की जा रही है।

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इस काम में भाजपा की क्षेत्रीय, जिला और महानगर इकाई के साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के विभाग प्रचारक भी लगे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक जो विधायक कामकाज के मानक पर खरे नहीं उतरेंगे, उनकी रिपोर्ट बनाकर पार्टी आलाकमान को भेजी जाएगी। पार्टी आलाकमान आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने या न देने का फैसला लेगा।

तीन विधायकों ने अपनाए हैं बगावती तेवर

प्रारंभिक समीक्षा से जो तथ्य निकलकर सामने आए हैं, उसके मुताबिक देवरिया, संतकबीरनगर व सिद्धार्थनगर के तीन विधायक संगठन व सरकार के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो फुटेज डालकर छवि खराब कर रहे हैं। सरकार व संगठन विरोधी पोस्ट भी लिख रहे हैं। खास बात यह है कि बगावती तेवर अपनाने वाले दो विधायक भाजपा के हैं। एक विधायक सहयोगी दल से संबंधित हैं। इसकी रिपोर्ट बना ली गई है। रिपोर्ट के मुताबिक टिकट न मिलने की स्थिति में संबंधित विधायक दूसरे राजनीतिक दलों का दामन थाम सकते हैं।

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विरोधी विधायकों को मजबूत नहीं होने देना चाहती है पार्टी
सरकार व संगठन विरोधी बयान देने वाले गोरखपुर क्षेत्र के तीन विधायकों को पार्टी मजबूत नहीं होने देना चाहती है। इसी का नतीजा है कि इन विधायकों की सिफारिश पर जिला पंचायत वार्डों का टिकट नहीं दिया गया। यही रणनीति जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में अपनाई गई है। इन विधायकों ने जिसे टिकट दिलाने की पहल की है उनका नाम पैनल से बाहर कर दिया गया है।

इस क्षेत्र से जुड़ी है मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से आते हैं। लिहाजा, इस क्षेत्र से भाजपा की प्रतिष्ठा जुड़ी है। पार्टी हर हाल में अच्छा प्रदर्शन करना चाह रही है। साफ है कि जो विधायक जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरेगा, उसे टिकट नहीं मिलेगा। जिताऊ प्रत्याशियों को ही टिकट दिया जाएगा। इसमें किसी तरह की हीलाहवाली नहीं की जाएगी। केंद्रीय व राज्य स्तर से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है।

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क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी डॉ. बच्चा पांडेय नवीन ने बताया कि भाजपा का मुख्य मकसद जनता की सेवा है। इस मानक पर जनप्रतिनिधियों को खरा उतरना पड़ता है। केंद्र व प्रदेश नेतृत्व हर जनप्रतिनिधि के कामकाज की समीक्षा कराता है। पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है। दिसंबर तक सेवा कार्य चलेंगे। सेवा ही संगठन के जरिए चुनावी अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है।

 

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