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संतकबीरनगर

विद्यालय में पढ़ाई के दौरान जांच टीम का आना, बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या

धनघटा संतकबीरनगर । जिले के विकास खण्ड हैंसर के ग्राम सभा कर्मा में हुए विकास कार्यो में शिकायतकर्ता द्वारा वित्तीय अनियमितता की शिकायत मंगलवार को लोकायुक्त के निर्देशन में बस्ती से एडीएम के नेतृत्व में जांच करने पहुँची थी । जिसमे बस्ती और संतकबीरनगर के कई अधिकारी मौजूद थे ।

प्राथमिक विद्यालय कर्मा के प्रभारी प्रधानाध्यापक बब्बन प्रताप ने बताया कि विद्यालय में बैठक को लेकर मुझे या जिले के किसी अधिकारी को नहीं बताया गया,जिस कारण विद्यालय में पढ़ने के लिए आये बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान उत्त्पन्न हुआ ।

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पूछे जाने पर श्री प्रताप ने बताया कि मुझे इस बारे में कोई प्राथमिक जानकारी नहीं दी गई ।श्री प्रताप ने आगे बताया कि पहले जांच टीम विद्यालय प्रांगड़ में बैठी लेकिन कुछ देर के लिए वर्षा होने लगी, जिस कारण अधिकारी गण विद्यालय में बैठ गए जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान उत्तपन्न हुआ, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था।

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सवाल उठता है कि गांव में जांच अधिकारियों के बैठने के इंतेजाम ग्राम प्रधान द्वारा पंचायत भवन या अन्य किसी सार्वजनिक जगहों पर क्यों नहीं कराया जाता । क्या सारे कार्य के लिए विद्यालय ही है ?
लगभग डेढ़ वर्षो से कोरोना संक्रमण के कारण वैसे ही विद्यालय बन्द रहे और बच्चों की पढ़ाई बर्बाद हुई,अब जब विद्यालय खुले तो जांच अधिकारियों के कारण फिर से पढ़ाई में व्यवधान उत्त्पन्न किया जा रहा है जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है । अगर ऐसा ही चलता रहा तो विद्यालय खोलने का क्या मतलब ।

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