Advertisement
टॉप न्यूज़दिल्ली एन सी आरराष्ट्रीय

ओमिक्रॉन वैरिएंट:: जनवरी में आएगी कोरोना की तीसरी लहर, डेढ़ लाख रोज का बनेगा आंकड़ा:: IIT का पहला डेटा एनालिसिस

दिल्ली । ओमिक्रॉन वैरिएंट के भारत में केस आने के बाद कोरोना वायरस की तीसरी लहर नए साल की शुरुआत यानी जनवरी 2022 में आ सकती है। IIT कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल की ओर से ओमिक्रॉन वैरिएंट पर किए गए डेटा एनालिसिस में यह तथ्य सामने आया है। देश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान प्रोफ्रेसर अग्रवाल का कोरोना को लेकर किए गए डेटा एनालिसिस काफी सुर्खियों में रहा था।

प्रोफेसर अग्रवाल के अनुसार नाइट कर्फ्यू, भीड़ लगाने पर प्रतिबंधों से ही केस की संख्या में कमी आ जाएगी। दुनियाभर में फैल रहे खतरनाक ओमिक्रॉन वैरिएंट और तीसरी लहर की आशंका पर मणींद्र ने साउथ अफ्रीका से लेकर बाकी देशों के डेटा को स्टडी किया है और भारत को लेकर अहम विश्लेषण निकाले हैं। दैनिक भास्कर के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार,  प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल से एक साक्षात्कार दैनिक भास्कर ने लिया है । जो इस प्रकार है….

Advertisement

सवाल 01: दुनियाभर में कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। भारत में भी इसके मामले आ चुके हैं। आपने जो डेटा स्टडी की है उसके मुताबिक भारत पर इसका क्या असर होगा?

प्रो. मणींद्र अग्रवाल: ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में हमें साउथ अफ्रीका से जो डेटा मिला है उसका अध्ययन करके हमने अपने निष्कर्ष निकाले हैं। अगले साल के शुरुआती महीनों, जनवरी से तीसरी लहर दस्तक दे सकती है और फरवरी तक इसका पीक बन सकता है। फरवरी में जब पीक बनेगा तो डेली कोविड केस डेढ़ लाख तक जा सकते हैं। साउथ अफ्रीका में कुछ महीनों पहले ही ओमिक्रॉन वैरिएंट आ चुका था, लेकिन इसका संक्रमण काफी धीरे-धीरे फैल रहा था। इसके पीछे वजह ये थी कि वहां के 80% से ज्यादा लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी आ चुकी है। ये ऐसे लोग हैं जो पहले ही संक्रमित हो कर ठीक हो चुके हैं। इसकी वजह से बहुत कम ऐसे लोग हैं जिनको संक्रमण होने की संभावना थी, लेकिन हाल के दिनों में ओमिक्रॉन के केस तेजी से बढ़े हैं।

Advertisement
नए साल पर दस्तक दे सकती है कोविड की तीसरी लहर
नए साल पर दस्तक दे सकती है कोविड की तीसरी लहर

सवाल 02: भारत में ओमिक्रॉन के फैलने की रफ्तार कितनी होगी?

प्रो. मणींद्र अग्रवाल: ओमिक्रॉन वैरिएंट लोगों की नेचुरल इम्यूनिटी को कितना धोखा दे पा रहा है इसे लेकर साउथ अफ्रीका से दूसरी स्टडी आई है। इसमें पता चला है कि ओमिक्रॉन नेचुरल इम्यूनिटी को बाइपास नहीं करने की ज्यादा उम्मीद है, लेकिन ये डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले दोगुनी तेजी से फैलता है। हमारा अनुमान है कि भारत में भी ओमिक्रॉन दोगुनी गति से फैलेगा। भारत में भी करीब 80% लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी चुकी है। अगले साल की शुरुआती महीने में, यानी जनवरी में इसका सबसे ज्यादा असर होगा।

Advertisement

सवाल 03: स्कूल जाने वाले बच्चों, दिनभर बाहर काम करने वाले लोगों, महिलाओं पर ओमिक्रॉन वैरिएंट का असर कितना होगा?

प्रो. मणींद्र अग्रवाल: ओमिक्रॉन को लेकर अभी काफी कुछ बातें सामने आना बाकी हैं, लेकिन सवाल है कि क्या पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हो रहे हैं? हमने देखा है कि डेल्टा वैरिएंट भी वैक्सीनेटेड लोगों को संक्रमित तो कर सकता था लेकिन उसकी तबीयत बहुत हल्की फुल्की खराब होती है। ओमिक्रॉन के साथ भी अगर ऐसी ही स्थिति होगी, तो थोड़ा बहुत खांसी-जुकाम, बुखार होकर रिकवरी हो जाएगी। बच्चों में भी इसका ज्यादा असर होने की कम ही उम्मीद है। बहुत ज्यादा चिंता करने या डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी जरूर बरतें।

Advertisement

सवाल 04: जिन्होंने अपना वैक्सीनेशन नहीं कराया है और जिन्होंने अभी सिर्फ एक ही डोज लिया है, ऐसे लोगों पर ओमिक्रॉन वैरिएंट का क्या असर होगा?

प्रो. मणींद्र अग्रवाल: अगर आप ने एक ही डोज लिया है, वो दूसरा डोज जरूर लें। इसे टालें नहीं। वहीं जिन्होंने वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लिया, वो जरूर वैक्सीनेशन कराएं।

Advertisement

सवाल 04: ओमिक्रॉन वैरिएंट का संक्रमण अगर बढ़ता है तो भारत में किस तरह के प्रतिबंध देखने मिल सकते हैं?

प्रो. मणींद्र अग्रवाल: डेल्टा वैरिएंट के अध्ययन से हमें समझ आया है कि बहुत ज्यादा सख्त लॉकडाउन करने का ज्यादा फायदा नहीं होता है। हल्का लॉकडाउन ज्यादा प्रभावी रहा है। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में लॉकडाउन कर दें, बंद जगहों पर भीड़ ना हो, लोग मास्क अच्छे से लगाकर चलें। सारी दुकानें, बाजार, ट्रांसपोर्ट बंद अगर नहीं भी करते हैं तो संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकता है। सरकारों को कुछ प्रतिबंध लगाने चाहिए, लेकिन सख्त लॉकडाउन करने से बचना चाहिए। डेली कोविड केस में साप्ताहिक बदलाव देखने को मिलता है। रविवार और सोमवार को काफी कम कोविड केस आते हैं। मंगलवार से कोविड केस बढ़ना शुरू होते हैं और गुरुवार, शुक्रवार को पीक होता है।

Advertisement

सवाल 06: अभी तक कोविड को लेकर लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी भी डेवलप हुई है, क्या ओमिक्रॉन वैरिएंट नेचुरल इम्यूनिटी को तोड़कर लोगों को संक्रमित कर पा रहा है?

प्रो. मणींद्र अग्रवाल: सभी को लग रहा है कि ओमिक्रॉन की वजह से रीइन्फेक्शन बढ़ेगा। मतलब जो एक बार कोविड से संक्रमित हो चुका है उसे फिर से ओमिक्रॉन संक्रमित कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं है। अभी तक इसको लेकर एक ही स्टडी आई है, जिसमें पता चला है कि पिछले 3 महीनों के दौरान रीइन्फेक्शन 3 गुना बढ़ गया है। अगर ये मान भी लें तो इसके आंकड़े बहुत ही कम हैं। साउथ अफ्रीका में संक्रमित होने वालों में से सिर्फ 1% लोग ही दूसरी बार संक्रमित हुए हैं, तो इस लिहाज से ये बहुत ही कम संख्या है। वक्त के साथ पहली बार इन्फेक्शन की संभावना कम होती जाती है। रीइन्फेक्शन की संभावना बढ़ती जाती है। रीइन्फेक्शन की संख्या बढ़ना बहुत ही लाजमी है। हमने जो डेटा स्टडी की है उससे मालूम हुआ कि ओमिक्रॉन नेचुरल इम्यूनिटी को थोड़ा ज्यादा बाइपास कर रहा है, लेकिन इसका बहुत घातक असर हो रहा है ऐसा नहीं है।

Advertisement

सवाल 07: ओमिक्रॉन और तीसरी लहर की आशंका से मुकाबले के लिए सरकार को अपनी रणनीति में क्या बदलाव करने की जरूरत है?

प्रो. मणींद्र अग्रवाल: मुझे लगता है कि सरकार को सकते में आकर बहुत ज्यादा प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं है। ये बात सही है कि किसी भी नए वैरिएंट का डर रहता है। सावधानी बरतने की जरूरत है, लेकिन ज्यादा प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं है। बाकी सरकार के पास ज्यादा जानकारी होती है वो अपने अध्ययन के मुताबिक ही फैसले लेंगे

Advertisement

Related posts

COVID-19 : तंबाकू चबाकर थूकने से 24 से 72 घंटे में फैलता है कोरोना संक्रमण

Sayeed Pathan

ये कैसा रिश्ता : यहां दो बीवियों ने आपस में ही बांट लिए शौहर के दिन

Sayeed Pathan

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस पर बस और टीयूवी के बीच टक्कर, 06 लोगों की मौत

Sayeed Pathan

एक टिप्पणी छोड़ दो

error: Content is protected !!