यूक्रेन पर रूस के हमले शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन जारी हैं। राजधानी कीव में सुबह 7 बड़े धमाके हुए। लोग रातभर घरों, सब-वे और अंडरग्राउंड शेल्टर में छिपे रहे। खाने-पीने से लेकर रोजाना की जरूरत की चीजों की कमी हो रही है।
जंग के बीच, पहली बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने देश के नाम संबोधन दिया। कहा- हमारी स्ट्रैटजी बिल्कुल साफ है और इरादे भी। हम यूक्रेन पर कब्जा नहीं करना चाहते। इसलिए यूक्रेन की फौज को चाहिए कि वो फौरन सरेंडर करे। यूक्रेन के तमाम लोगों को वहां की सरकार ने बंधक बना लिया है। वोल्दोमिर जेलेंस्की की सरकार ड्रग एडिक्ट और नाजियों का गिरोह है। यूक्रेन की फौज को वहां की सरकार का तख्तापलट करके सत्ता अपने हाथ में ले लेनी चाहिए।
रोमानिया के शिप पर हमला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्लैक सी में रूस ने रोमानिया के एक शिप पर मिसाइल हमला किया। इसमें आग लग गई है। ये बेहद अहम खबर है। दरअसल, रोमानिया नाटो का मेंबर है और नाटो अब तक रूस के खिलाफ जंग में इसलिए नहीं कूदा, क्योंकि उसका कहना है कि यूक्रेन नाटो का मेंबर नहीं है। इसलिए, हम उसकी सीधी सैन्य मदद नहीं कर सकते। इसका मतलब यह है कि अब अमेरिका भी इस जंग में कूद सकता है, क्योंकि उसने साफ कहा था कि अगर किसी नाटो मेंबर पर हमला होता है तो वो कार्रवाई करने में वक्त नहीं लगाएगा।
अब बातचीत के लिए तैयार रूस
रूस सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि उनकी सरकार डिप्लोमैट्स को बातचीत के लिए बेलारूस की राजधानी मिंस्क भेज सकती है। इस बारे में रूस की तरफ से लिखित बयान जारी किया गया है। इसके पहले उसने यूक्रेनी सेना के सरेंडर की शर्त रखी थी।
पुतिन और जिनपिंग की बातचीत
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बातचीत की। गुरुवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की थी। इसके अलावा वो फ्रांस के राष्ट्रपति से भी बातचीत कर चुके हैं। दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने पुतिन को बातचीत का न्योता भेजा है। हालांकि, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पहले ही साफ कर चुके हैं कि बातचीत तभी हो सकती है जब यूक्रेन सरेंडर कर दे।
रूस को भारत से उम्मीद
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार रात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से फोन पर बात की थी। इसके बाद रूस की तरफ से शुक्रवार को बयान आया। इसमें कहा गया- हमें उम्मीद है कि UN सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में भारत हमारा समर्थन करेगा। यहां अगर कोई रिजोल्यूशन जारी होता है तो भारत से समर्थन और सहयोग की उम्मीद करते हैं।