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विधानसभा चुनाव 2022उतर प्रदेशराजनीति

यूपी की छठें चरण की 57 सीटों पर वोटिंग : योगी के गढ़ गोरखपुर में फर्जी वोटिंग का आरोप, बलिया में भाजपा की महिला प्रत्याशी की सपा समर्थकों से झड़प, धक्का-मुक्की

लखनऊ । यूपी में 10 जिलों की 57 सीटों पर वोटिंग हो रही है। सुबह 11 बजे तक 22% वोटिंग हो चुकी थी। योगी सरकार में मंत्री स्वाती सिंह के पति और बलिया सदर से भाजपा प्रत्याशी दयाशंकर सिंह के काफिले पर देर रात हमला हुआ है। उन्होंने बताया कि दुबहर इलाके में रात 12:30 बजे हमला हुआ। इसमें उनके साथ चल रहे भाजपा नेता टुनजी पाठक का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। सुरक्षाकर्मियों के मोर्चा संभालने पर हमला करने वाले भाग निकले। इस दौरान लखनऊ की एक गाड़ी और उसके ड्राइवर को समर्थकों ने पकड़ लिया।

उधर, बस्ती के एक बूथ पर ईवीएम में सिर्फ एक बटन ही दब रहा था। हालांकि, सूचना पर तुरंत ईवीएम को बदला गया। उधर, मुख्यमंत्री योगी ने सुबह 7 बजे गोरखपुर में वोट डाला। मीडिया से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि अब तक हम 300 सीटें जीत रहे हैं।

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संतकबीर नगर में भी कुछ मतदान केंद्रों पर EVM में खराबी मिली कहीं पर टेक्निकल टीम ने EVM को रिपेयर किया तो कहीं पर मशीन बदली गई, तकनीकी खराबी के कारण कुछ मतदान केंद्र पर एक से डेढ़ घंटे देरी से मतदान शुरू हुआ

मतदान UPDATES

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  • बलिया की बांसडीह में बीजेपी प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ एक बूथ पर पहुंचीं। वहां सपा गठबंधन सुभासपा के समर्थकों ने नारेबाजी की तो वह उलझ गई। वह धक्का देने लगी। वहीं, सपा ने कहा कि महिला प्रत्याशी ने सपा के लोगों से अभद्रता की। पार्टी ने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है।
  • गोरखपुर में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने फर्जी वोटिंग का आरोप लगाया। शिवपुर सहबजगंज में वोट डालने पहुंची महिला को बताया गया कि उसका वोट पहले ही पड़ चुका है। महिला को लेकर बूथ पर पहुंचे चंद्रशेखर को देख विपक्षी लोगों ने हंगामा किया।
  • भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के संजय निषाद ने भाजपा सरकार आने पर कैबिनेट मंत्री पद मिलने की संभावनाओं से जुड़े एक सवाल पर कहा कि भाजपा में एक चायवाला पीएम बन सकता है तो निषाद के बेटे को भी पार्टी कुछ भी बना सकती है। संजय निषाद के बेटे सरवन निषाद चौरी-चौरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
  • भाजपा सांसद रविकिशन ने गोरखपुर में कहा- न साइिकल, न हाथी न हाथ, यूपी में केवल बाबा आदित्यनाथ। उन्होंने दावा किया कि भाजपा 300 सीट जीत रही है। लोगों ने राम राज्य लाने का निर्णय कर लिया है।
  • हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत महेंद्र दास को बलरामपुर में वोट नहीं डाल पाए। उनको मतदान पर्ची नहीं मिल पाई। कहा-बीएलओ ने पर्ची नहीं पहुंचाई। अफसर ने वोट डालने नहीं दिया।
  • गोरखपुर में तीन जगहों से ईवीएम खराब होने की शिकायत आई है। खजनी विधानसभा की बूथ संख्या 80 पर मतदान इसी वजह से 7.30 बजे शुरू हुआ।
  • सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने डाला वोट। कहा- हम गोरखपुर मंडल की 18 सीटें जीत रहे हैं।
  • सीएम योगी ने सबसे पहले डाला वोट। उससे पहले गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। सीएम ने पौने 300 से 300 सीटें जीतने का दावा किया।
  • गोरखपुर के पिपराइच में बूथ नम्बर 33 पर EVM मशीन 57 मिनट तक खराब रही। इस कारण कई लोग बिना वोट डाले ही चले गए।

9 बजे तक यूपी में 21.79% मतदान

जिला वोटिंग प्रतिशत
गोरखपुर 21.73%
कुशीनगर 23.23%
अंबेडकरनगर 23.15%
बलिया 21.85%
बलरामपुर 18.81%
बस्ती 23.31%
देवरिया 19.64%
महराजगंज 21.22%
संतकबीरनगर 20.74%
सिद्धार्थनगर 23.48%

2017 में भाजपा ने 46 सीटें जीती थीं
छठे चरण की लड़ाई काफी दिलचस्प है। इसके तीन कारण हैं। पहला, अब कुल 111 सीटें बची हैं, जिन पर वोटिंग होनी हैं। यानी जो जितनी ज्यादा सीटें जीत लेगा, लखनऊ तक पहुंच उतनी ही पक्की। ऐसे में सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है।

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दूसरा, 18 साल बाद पहली बार कोई मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव लड़ रहा है। गोरखपुर शहर सीट से योगी खुद मैदान में हैं। इससे पहले मुलायम सिंह ने सीएम रहते हुए चुनाव लड़ा था। तीसरा, इस फेज में जिन जिलों में वोटिंग हैं, उनमें अंबेडकरनगर को छोड़कर बाकी जिले योगी के प्रभाव वाले क्षेत्र माने जाते हैं। यानी महंत योगी की गोरखपुर में सीएम योगी का अपने गढ़ में इम्तिहान है।

2017 के चुनाव में इन 57 सीटों में से भाजपा ने 46 जीती थीं। तब योगी सीएम पद का चेहरा नहीं थे? वे विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ रहे थे। ऐसे में यह फेज न सिर्फ सीएम योगी की प्रतिष्ठा, बल्कि उनके राजनीतिक भविष्य के लिए भी काफी अहम माना जा रहा है।

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जातीय गोलबंदी का चक्रव्यूह
पूर्वांचल की ये सीटें जातीय गोलबंदी का ऐसा चक्रव्यूह हैं, जिसे भेद पाना आसान नहीं है। यहां सुभासपा, निषाद दल, अपना दल (एस), अपना दल (कमेरावादी), पीस पार्टी जैसे छोटे-छोटे दल हैं, जो भाजपा-सपा का हाथ पकड़े हैं। यह दल अपनी जातियों का वोट दिलवाने का दावा कर रहे हैं। छठवें चरण में दलित, ओबीसी और ब्राह्मण वोटर निर्णायक हैं।

 

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इन 57 सीटों पर दलित मतदाता करीब 22% से 25% हैं। वहीं, ओबीसी में यादव समुदाय सबसे ज्यादा है। इसके बाद कुर्मी, निषाद, राजभर और चौहान वोटर हैं। यहां देवरिया से लेकर संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलिया और गोरखपुर में ब्राह्मण वोटरों का भी प्रभाव है। यही नहीं, मुस्लिम-यादव और जातीय गुटबाजी के कारण कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है। उधर, जातियों को साधने के साथ ही भाजपा मुफ्त राशन, गरीबों को घर जैसी योजनाओं का प्रचार जोर-शोर से कर रही है। इसका कारण भी है कि इन क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वालों की संख्या पश्चिम और अवध की तुलना में ज्यादा है। सीएम योगी लगातार अपनी रैलियों में यह कह रहे हैं कि अगर सरकार बनी तो मुफ्त आनाज का वितरण होता रहेगा।

4 सीटें, जिस पर सबकी नजर

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1- गोरखपुर में योगी VS शुक्ला
गोरखपुर सदर सबसे हॉट सीट है। यहां से सीएम योगी खुद चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला सपा की सुभावती शुक्ला से है। सुभावती भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष रह चुके स्व. उपेंद्र शुक्ला की पत्नी हैं। वहीं, बसपा ने ख्वाजा शम्शुद्दीन और कांग्रेस ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष रह चुकीं चेतना पांडेय को टिकट दिया है। आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर भी योगी के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं। गोरखपुर जिले में 9 सीटें हैं, जिनमें पिछली बार 8 सीटें भाजपा ने जीती थी।

2- फाजिलनगर का स्वामी कौन?

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कुशीनगर की फाजिलनगर से भाजपा के मंत्री पद से इस्तीफा देकर सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने उनके सामने सुरेंद्र कुशवाहा को मैदान में उतारा है। बसपा ने ईलियास और कांग्रेस ने सुनील मनोज सिंह को प्रत्‍याशी बनाया है। दो दिन पहले यहां मौर्य के काफिले पर हमला हुआ था। इससे यह सीट पूरे प्रदेश में चर्चा में आ गई। पिछली बार इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी गंगा सिंह कुशवाहा जीते थे।

3- तमकुहीराज में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष
कुशीनगर की तमकुहीराज में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की प्रतिष्ठा दांव पर है। उनका मुकाबला भाजपा के असीम कुमार से हैं। पिछली बार भी अजय लल्लू ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। सपा ने उदय नारायण और बसपा ने संजय को मैदान में उतारा है। यह सीट कांग्रेस के लिए बेहद अहम है।

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4-इटवा में दाे दिग्गजों की प्रतिष्ठा
सिद्धार्थनगर की इटवा सीट पर भाजपा से बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी और सपा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद आमने-सामने हैं। दोनों ही दलों के लिए यह सीट नाक का सवाल बनी हुई है। वहीं, भाजपा के बागी हरिशंकर सिंह बसपा के टिकट पर मैदान में हैं। कांग्रेस ने अरशद खुर्शीद को टिकट दिया है। हरिशंकर, भाजपा तो अरशद सपा के समीकरण को बिगाड़ रहे हैं। पिछली बार भी इस सीट पर डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने ही जीत दर्ज की थी।

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