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5 ज्योतिषियों से जानिए- किसे मिलेगा यूपी का सिंहासन, किसके ग्रह चल रहे है ख़राब

लखनऊ । यूपी विधानसभा चुनाव की वोटिंग खत्म हो चुकी है। नतीजे आने में अब 24 घंटे से भी कम का समय बचा है। बीजेपी शांत रहकर नतीजों का इंतजार कर रही है, तो अखिलेश चुनाव में ईवीएम के रखरखाव को लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं। कांग्रेस का मानना है कि प्रियंका गांधी के आने के बाद पार्टी पहले से अच्छी स्थिति में है। वहीं, बसपा में चर्चा है कि हाथी इस बार रेस का विनर होगा।

यूपी में सरकार बनाने का योग किसकी कुंडली में ज्यादा नजर आ रहा है। इस बारे में हमने 5 जाने-माने ज्योतिषियों से बात की। इस दौरान हमें यह पता चला कि इस बार मामला थोड़ा टाइट है। इसलिए पार्टियों को समय से पहले किसी भी तरह की जल्दबाजी से बचना होगा। कुछ ज्योतिषियों का यह भी मानना है कि रिजल्ट आने से पहले नेता मिठाई न बांटे तो ज्यादा बेहतर होगा। आइए एक-एक करके जानते हैं कि योगी, अखिलेश, माया और प्रियंका के सितारे क्या कह रहे हैं।

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योगी आदित्यनाथ के सितारे क्या कहते हैं

योगी की कुंडली में राज योग : ज्योतिषी नस्तूर बेजान दारूवाला

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ज्योतिषी नस्तूर बेजान दारूवाला का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर यूपी की जिम्मेदारी मिल सकती है। वो कहते हैं, “योगी की कुंडली में राज और मोक्ष के योग दिखाई दे रहे हैं। उनकी कुंडली में भाग्य लग्न है, जो इन्हें सिंह शेर के समान बताता है। इनके स्वभाव में उग्रता और वाणी में ओजस्व दिखता है। राशि स्वामी शनि इन्हें न्यायप्रिय बनाते हैं। इसलिए सत्ता पर योगी काबिज रह सकते हैं।”

लग्न का स्वामी सूर्य गुरु की राशि में होने से जीत के करीब : पंडित मनीष शर्मा

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उज्जैन के पंडित मनीष शर्मा ने बताया कि योगी आदित्यनाथ का जन्म सिंह लग्न में हुआ है। लग्न का स्वामी सूर्य गुरु की राशि में बैठा हुआ है, जो इन्हें जीत के करीब लाता है। योगी का मतलब ही होता है कि संसार में योग के द्वारा उपलब्धियों पर विजय पाने वाला। योग का अर्थ होता है- जोड़ना और संतुलन बनाना। इसलिए योगी के लिए आने वाला समय अच्छा रहने वाला है।

योगी की कुंडली में सत्ता योग नहीं : पंडित ऋषि द्विवेदी

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काशी के धर्म शास्त्री ऋषि द्विवेदी का मानना है कि योगी के चमकते सितारे बुझ सकते हैं। इस बार सीएम की कुर्सी उनसे छिन सकती है। उनकी कुंडली मिथुन लग्न वृश्चिक राशि की है। मौजूदा समय में चंद्रमा की महादशा, बृहस्पति की अंतर में बुध का प्रत्यंतर है। चंद्र महादशा ठीक नहीं है। इसका अर्थ है कि योगी की कुंडली में सत्ता का योग नहीं है।

एक बार फिर से सीएम बनेंगे :आचार्य राजेश

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आचार्य राजेश ने बताया, “सीएम योगी आदित्यनाथ की कुंडली में सप्तम भाव में बैठे केमद्रुम में फंसा चंद्रमा शनि से दृष्ट होकर उनकी कुंडली में ‘सन्यास योग’ को दिखा रहा है। पंचम भाव में धनु राशि में बैठे गुरु नवांश कुंडली में कर्क में होकर उच्च केतु हैं। इसलिए योगी एक बार फिर से सीएम बनेंगे ।

ग्रह दशा में चन्द्रमा होने से करेंगे सत्ता में वापसी : ज्योतिषाचार्य शिव बहादुर तिवारी
सुल्तानपुर के ज्योतिषाचार्य शिवबहादुर तिवारी योगी के दोबारा सीएम बनने के पक्षधर हैं। वो कहते हैं, “ योगी आदित्यनाथ की ग्रह दशा में चन्द्रमा व शनि के कारण सत्ता में पुनः आने की प्रबल संभावना है। उनके मुताबिक, एक बार फिर उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार बना सकते हैं।

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अखिलेश यादव के सितारे क्या कहते हैं

बुध की महादशा से सीएम बनने में रुकावट : ज्योतिषी नस्तूर बेजान दारूवाला
अखिलेश की कुंडली कन्या लगन की है∣ उनकी राशि में मिथुन है∣ उनकी राशि में बुध की महादशा चल रही है। साथ ही शनि की अंतर्दशा होने के कारण सीएम नहीं बन सकते हैं।

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कुंडली से गुरु का गोचर में होना सत्ता दिलाएगा :​​​​ पंडित मनीष शर्मा
पंडित मनीष शर्मा कहते हैं कि अखिलेश यादव की कुंडली से गुरु का गोचर होने वाला है, जो उनके लिए सकारात्मकता लेकर आएगा। इस दौरान गुरु जन्म के मंगल से गुजरने वाला है, जो उनके काम करने की गति को सही दिशा देगा। इससे जीत मिलना संभव लग रहा है।

रिश्तों में कड़वाहट बन सकती है हार की वजह : पंडित ऋषि द्विवेदी

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अखिलेश यादव की कुंडली में ढैय्या शनि है। जो उनके अपनों से ही रिश्तों में कड़वाहट पैदा कराएगा। जो लोग अभी अखिलेश यादव के साथ हैं, हो सकता है वही लोग उनका साथ छोड़ दे। शनि की ढैय्या के दौरान आशंका है कि अखिलेश यादव को अपनों का ही विरोध झेलना पड़ेगा। इलेक्शन के दौरान ग्रह उनके विपरीत होने के संकेत दे रहे हैं, जिससे उन्हें मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ सकता है।

जीत-हार के बीच धैर्य रखना जरूरी : आचार्य राजेश ज्योतिष

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अखिलेश की कुंडली में शनि, चंद्र, केतु और सूर्य जैसे बड़े ग्रह शामिल हैं। एक ही राशि में चार ग्रहों का ये समूह उन्हें आक्रामक, साहसी और कभी-कभी इमोशनल रूप से कमजोर भी बनाता है। वे कभी तो बेहद अहंकारी हो जाते हैं, तो कभी दूसरों की मदद करने वाले एक नेता के रूप में उनकी छवि दिखती है। इसलिए ये साफ नहीं कहा जा सकता है कि उन्हें जीत मिलेगी या नहीं। इसलिए समय से पहले लड्डू बांटने से बचें।

मिथुन की महादशा से जीत सकते हैं चुनावी बाजी : ज्योतिषाचार्य शिव बहादुर तिवारी

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अखिलेश की राशि कन्या लग्न की है और उनकी राशि में ही चल रही है ∣ कुंडली के मुताबिक, शनि की अंतर्दशा 22 मार्च तक रहने वाली है ∣ कर्म प्रधान है∣ शुक्र के मिथुन और बुध की महादशा एक साथ है, जबकि कर्क राशि चंद्रमा की राशि है, इसलिए उन्हें अपनी भावुकता से जितना हो सके, उतना बचना होगा। पांचवें घर में बैठे बृहस्पति की दृष्टि बुध पर पड़ रही है, जो स्थितियों को संभालने में मददगार साबित होगा।

मायावती के सितारे क्या कहते हैं

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कुंडली में चंद्र, सूर्य और बुध की युति, इसलिए सफलता मिलना मुश्किल : ज्योतिषी नस्तूर बेजान दारूवाला

मायावती की कुंडली में तीन प्रमुख ग्रह चंद्र, सूर्य और बुध की युति मकर राशि में है, यह युति उन्हें बहुत तेज और चतुर राजनीतिज्ञ बनाती है, लेकिन बावजूद इसके मायावती के लिए यूपी विधानसभा चुनाव में सफलता मिलना मुश्किल लग रहा है।

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कुंडली पर राहु-केतु का असर, सत्ता में वापसी कठिन होगी : पंडित मनीष शर्मा
कुंडली में राहु-केतु, शनि और मंगल का दोष है। इनका जन्म नक्षत्र इन्हें साहसी, पराक्रमी और ऊर्जावान बनाता है। चार बड़े ग्रहों शनि, चंद्र, केतु और सूर्य की युति है। मायावती की कुंडली में इन चारों ग्रहों की युति उन्हें आक्रामक, साहसी और कभी-कभार इमोशनल रूप से कमजोर कर देते है। इसलिए सत्ता में वापसी कठिन होगी।

मंगल का दोष दिख रहा, अभी और संघर्ष करना पड़ेगा : पंडित ऋषि द्विवेदी
जन्मकुंडली में शनि-राहु का शापित दोष है। साथ ही मंगल और राहु की युति अंगारक दोष बना रही है। इस दोष के ऊपर से इस समय केतु जैसा निगेटिव प्लेनेट ट्रांजिट कर रहा है। कुंडली के ग्रहों के हिसाब से मायावती को अभी बहुत ज्यादा संघर्ष करना पड़ेगा।

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शनि की साढ़े साती डालेगी जीत में अड़ंगा : आचार्य राजेश ज्योतिष
मायावती की कुंडली मेष राशि की होने के कारण अभी वे शनि की साढ़े साती से भी पीड़ित हैं। हालांकि शनि की साढ़े साती के बावजूद बृहस्पति का यह गोचर उनके लिए अच्छा रहेगा, लेकिन मुख्यमंत्री बनने की उनकी राह में गोचर का शनि अड़ंगा डालता है।

नतीजों में बहुत सुधार की गुंजाइश नहीं : ज्योतिषाचार्य शिव बहादुर तिवारी
मायावती की कुंडली में उच्च का गुरु है। वही स्वग्रही शुक्र है, जो कुंडली को बेहद मजबूत बना रहे हैं। हालांकि कुंडली में शनि और राहु की युति है, जो शापित दोष कहलाती है। इस साल यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान मायावती की कुंडली में ग्रहों का गोचर कुछ विशेष फलदायक नहीं दिख रहा है।

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प्रियंका गांधी के सितारे क्या कहते हैं

ग्रहों की स्थिति अच्छी, लेकिन यूपी में नहीं दिखेगा असर : ज्योतिषी नस्तूर बेजान दारूवाला

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प्रियंका गांधी की जन्म राशि वृश्चिक है। इस राशि की लड़कियां काफी बुद्धिमान और मेहनती मानी जाती हैं। वहीं, इनका जन्म नक्षत्र अनुराधा इन्हें साहसी, पराक्रमी और ऊर्जावान बनाता है। प्रियंका की कुंडली में राज और मोक्ष के योग है, लेकिन यूपी चुनाव में इसका असर नहीं दिखेगा।

लग्न का स्वामी बुध होने से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद : पंडित मनीष शर्मा
प्रियंका का लग्न स्वामी बुध है और पूरी सप्तम दृष्टि के साथ, उनके ही नहीं उनकी पार्टी के लिए भी अनुकूल रूप से काम कर रहा है। इसलिए उनकी अगुआई में कांग्रेस पहले से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।

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कुंडली में सप्तम भाव में बैठा है गुरु​, सफलता पाने में आएगी दिक्कत :​​​​​​ पंडित ऋषि द्विवेदी
चंद्रमा इनकी कुंडली में अपनी नीच राशि वृश्चिक में छठे भाव में बैठे हैं। कुंडली में सप्तम भाव में बैठे गुरु और सूर्य ‘राजलक्षण योग’ का निर्माण कर रहे हैं। हालांकि अगर हम उनकी आवाज के घर के शासक चंद्रमा को देखते हैं, तो यह वृश्चिक राशि में कमजोर स्थिति में है। इसलिए प्रियंका के हाथ सफलता लगने में कठिनाई दिख रही है।

प्रियंका की लग्न राशि मिथुन, जीत मिलना मुश्किल : आचार्य राजेश ज्योतिष

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कुंडली के अनुसार, इनका जन्म राशि वृश्चिक और नक्षत्र अनुराधा है। इनकी लग्न राशि मिथुन है। इनकी कुंडली से अष्टम भाव में बैठे राहु का प्रत्यंतर चल रहा है। कुंडली में राहु की यह स्थिति सही नहीं कही जा सकती। इस दौरान चीजें बहुत उलझी रहेंगी। चुनावी नीतियां राहु के कारण उतनी सफल होती नहीं दिखाई दे रही है।

लोकप्रिय होते हुए भी करिश्मा नहीं दिखा पाएंगी : ज्योतिषाचार्य शिव बहादुर तिवारी

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प्रियंका की कुंडली में लोकतंत्र का कारक ग्रह शनि द्वादश भाव या हानि स्थान में बैठा है। इससे विवाद स्थान यानी छठे भाव में बैठे नीच के चंद्र से दृष्ट होकर विष योग बना रहा है। इससे प्रियंका लोकप्रिय होते हुए भी कोई करिश्मा नहीं दिखा पाएंगी।

– यह स्टोरी आनंद मोहन शुक्ला ने की है

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