लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार 50.10 लाख से अधिक गन्ना किसान को सहकारी चीनी मिलों में भागीदार बनाने जा रही हैं। सोमवार (11 जुलाई, 2022) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के लोकभवन में कुछ किसानों को शेयर सर्टिफिकेट वितरित का वितरण किया। यह सर्टिफिकेट उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 40 जिलों की 168 सहकारी गन्ना विकास समितियों और 24 सहकारी चीनी मिल समितियों के तहत आने वाले किसानों को दिया जाएगा। प्रदेश में पहली बार किसी सरकार की ओर से किसानों को सहकारी गन्ना मीलों में शेयर सर्टिफिकेट देने का फैसला किया गया है।
किसानों को दिया जाएगा बोनस: इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों के हित के लिए लगातार कदम उठा रही है। यूपी की अर्थव्यवस्था को बड़ा बनाने में आपका योगदान काफी महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब यूपी की सहकारी चीनी मिलें मुनाफे में आएंगी तो किसानों को बोनस भी दिया जाएगा।
उत्तराखंड के बजट से तीन गुना किया गन्ना किसानों को भुगतान: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। पहले की सरकारें जो भी निर्णय लेती थीं, उसमें उनका केवल अपना हित छुपा होता था। हम लगातार किसानों के हित के लिए काम रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि किसानों को नए सत्र के शुरूआत के बाद से गन्ना के बकाए का 100 फीसदी भुगतान कर दिया जाएगा। सरकार किसानों के लिए एक बड़ा कार्यक्रम शुरू करने जा रही है, जिसके बाद किसानों को पराली जलाने से छुटकारा मिला जाएगा। बायोफ्यूल से जुड़ी इकाइयां सीधे किसानों के घर जाकर पराली खरीद लेंगी। इससे सीएनजी का उत्पादन किया जाएगा और डीजल- पेट्रोल पर निर्भरता कम होगी। आगे उन्होंने गन्ना भुगतान का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को 1.77 लाख करोड़ जा भुगतान किया जबकि उत्तराखंड का कुल बजट इससे तीन गुना कम 61 हजार करोड़ है।
इस योजना के बारे में बताते हुए प्रदेश सरकार में गन्ना मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि सरकार के इस कदम से गन्ना किसानों को सहकारी चीनी मिलों के मालिक होने का अहसास होगा। इससे समितियों की कार्यप्रणाली पारदर्शी और जवाबदेह होगी।