Advertisement
उतर प्रदेशटॉप न्यूज़दिल्ली एन सी आर

Twin Tower Demolition: भ्रस्टाचार की इमारत खड़ा करने वाले गुनहगार बख्शे नहीं जाएंगे:-मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी

Twin Tower Demolition : नोएडा का ट्विन टॉवर्स आखिरकार कुछ ही सेकंड में राख के ढेर में तब्दील हो गया। वहीं अब सरकार भ्रष्टाचार की इस इमारत को खड़ा करने वाले गुनहगारों के खिलाफ एक्शन में आ चुकी है यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि सभी आरोपियो की पहचान कर ली गई है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेस के बाद ट्वीन टावरों को गिराया गया है। यह इस बात को साबित करता है कि कानून से कोई बच नहीं सकता। यह उन लोगों को सख्त मैसेज भी है कि राज्य में अवैध काम को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

Advertisement

 

 

Advertisement
Sabhar jansatta

अवनीश अवस्थी ने कहा कि अभी मेरी सीईओ नोएडा और सीपी नोएडा से बात हुई है। जो माइनर इम्पैक्ट है उसको देख रहे हैं। एक बार स्थिति को देखने के बाद जो लोग अपनी बिल्डिंग से बाहर हैं, वो वापस आ सकेंगे। उन्होंने कहा जनता से अपील करते हुए कहा कि जो नोएडा अथॉरिटी ने निर्देश दिया है लोग उसका पालन करें, जब ग्रीन सिग्नल मिले, तब लोग अपने आवास पर लौटें।

 

Advertisement

नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु महेश्वरी ने कहा कि जैसा प्लान किया गया था, वैसा ही हुआ है। उन्होंने कहा कि विध्वंस से पहले और बाद में AQI डेटा लगभग समान है। शाम 7 बजे के आसपास खाली सोसाइटियों के निवासियों को अपने घरों में वापस जाने की अनुमति दी जाएगी। यहां लगभग 100 पानी के टैंकर और 300 सफाई कर्मचारी तैनात किए गए हैं। गैस की सप्लाई औऱ इलेक्ट्रिसिटी की भी बहाली जल्दी की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद नोएडा सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर को रविवार, 28 अगस्त की दोपहर 2:30 बजे जमींदोज कर दिया गया। इसमें 32 मंजिला एपेक्स व 29 मंजिला सियान टावर को 3,700 किलोग्राम विस्फोटक लगाकर ध्वस्त किया गया।

Advertisement

बता दें, ट्वीन टॉवर का निर्माण नियमों को ताक पर रखकर किया गया था। जिसमें नोएडा विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों और बिल्डर की मिलीभगत की बात सामने आई। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद सीएम योगी ने डेढ़ दशक पुराने इस मामले की जांच कराई। सितम्बर 2021 में सीएम योगी के आदेश पर 4 सदस्यों की एक समिति गठित की गई। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर मामले में संलिप्त 26 अधिकारियों/कर्मचारियों , सुपरटैक लिमिटेड के निदेशक एवं उनके वास्तुविदों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।

इस मामले में अक्टूबर 2021 में प्राधिकरण के संलिप्त अधिकारी, सुपरटैक लिमिटेड के निदेशक तथा आर्किटेक्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। साथ ही नोएडा की जिला अदालत में मुकदमा भी दाखिल किया गया है।

Advertisement

Related posts

योगी सरकार के इस आदेश के विरोध में लामबंद हो रही हैं अविभावक समितियां

Sayeed Pathan

अब फैक्टरियों में श्रमिकों की डियूटी होगी 12 घंटे,सरकार कानून के बदलाव पर कर रही है विचार

Sayeed Pathan

यूपी में बना कानून-कोरोना संक्रमण को छिपाया तो 3 साल तक की मिलेगी सज़ा

Sayeed Pathan

एक टिप्पणी छोड़ दो

error: Content is protected !!