रिपोर्ट-विकास निषाद
मेहदाल संतकबीरनगर | धर्मसिंहवा थाना क्षेत्र के महदेवा नानकार में प्रधान प्रतिनिधि और उनके पारिवारिक सहयोगी द्वारा घर में घुसकर छेड़खानी करने व मारपीट करने का मामला प्रकाश में आया है जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने आठ आरोपियों के खिलाफ मारने पीटने, छेड़खानी, तथा बलवा का मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है ।
पीड़ित के शरीर पर गंभीर चोट के निशान
दिए गए तहरीर में पीड़ित जवाहर लाल पुत्र रामदेव चौरसिया ने लिखा है कि मंगलवार की शाम गांव के ही प्रधान प्रतिनिधि विनोद दूवे, तथा दिनेश दूबे, सुनील दूबे, अजय दूबे, अष्टभुजा दूबे पुत्रगण रामसुभग दूबे, मोनू दूबे पुत्र गंगोत्री, गंगोत्री पुत्र मुनिराज, अभय दूबे पुत्र प्रदीप दूबे निवासीगण महदेवा नानकार, द्वारा बच्चों के मामूली विवाद में चुनावी रंजिश को लेकर लाठी डंडा से लैस होकर हमारे घर में घुस गए तथा मारने पीटने लगे ।
बीचबचाव करने पहुंचे हमारे पुत्र श्याम बिहारी, श्रीकृष्ण पुत्री संध्या पुत्रबधू गुड़िया मेरी माता बच्ची देवी तथा छोटा भाई विजय को भद्दी भद्दी गाली देते हुए मारने पीटने लगे तथा मेरी पुत्री का कपड़ा फाड़ दिए तथा कोई कार्रवाई करवाने पर जान से मारने की धमकी देने लगे जिससे हम लोग काफी डरे हुए हैं।
पीड़ित के शरीर पर चोट के निशान
पीड़ित ने प्रार्थना पत्र में बताया है कि ये लोग गांव में काफी लम्बा परिवार होने के कारण दबंग माने जाते हैं जिससे हम लोगों के उपर कभी भी कुछ भी हो सकता है किसी तरह हम लोग थाने पर पहुंचे है पीड़ित ने सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग किया था जिसकी तहरीर थाने पर दी गई तथा घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने आठ आरोपियों के खिलाफछेड़खानी बलवा, घर में घुसकर मारपीट करने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पीड़ित उक्त मामले को लेकर कभी भी किसी अनहोनी की आशंका में डरे और सहमे हुए हैं ।
जानकारी के अनुसार पीड़ित द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर धर्मसिहवां पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 147, 148, 323, 504, 506, 452, 354 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई गई है ।
इस मामले में प्रधान प्रतिनिधि विनोद दुबे से बात करने के लिए कई बार फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया इस लिए उनसे कोई बात नहीं हो पाई है ।
चर्चा यह भी है कि विनोद दुबे मेंहदावल विधायक अनिल त्रिपाठी के करीबी हैं, इस लिए मामले की विवेचना में पुलिस पर भारी दबाव पड़ सकता है, जिससे इन लोगों के ऊपर कार्यवाही न होकर पीड़ित से सुलह समझौता के लिए भी दबाव बन सकता है।
अब देखना ये है कि धर्मसिहवां पुलिस राजनैतिक दबाव में काम करती है या आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम कर पीड़ित को न्याय दिलाने का काम करती है ।
पीड़ित के शरीर चोट के निशान