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राजकीय पशु चिकित्सा अधिकारी ने गौ बंशआश्रय स्थल में की गौ माता की पूजा, कहा गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है, इन के मूत्र में गंगा जी स्वयं निवास करती हैं

विकासखंड बनकटी के गौ बंशआश्रय स्थल सोभनपार में राजकीय पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रशांत कुमार ने मंत्रोच्चारण सहित विधि-विधान से गौ का पूजन-अर्चन करते हुए कहा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गौ पूजन का विशेष महत्व होता है। आज के मुहूर्त में श्री कृष्ण नंद बाबा के साथ गौचरण के लिए निकले थे इस दिन कामधेनु गाय ने श्री कृष्ण का राज्याभिषेक भी किया था।
सात दिनों तक इंद्र नाराज होकर वर्षा करते रहे तब तक गोवर्धन पर्वत को श्री कृष्ण ने ग्वाल बाल सहित अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाए रखा तब इंद्र असमंजस में पड़ गए ब्रह्मा जी के पास गए। ब्रह्मा जी ने बताया यह भगवान विष्णु के अवतार हैं। इंद्र ने अपनी पराजय स्वीकार की तब जाकर गोवर्धन पर्वत को श्री कृष्ण ने जमीन पर रखा तभी से गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा आज के दिन गाय के खुर काजोल मस्तक पर लगाने से श्री कृष्ण भगवान होते हैं तथा अखंड सौभाग्य का वरदान भी देते हैं । गौ माता की सेवा के बिना कल्याण संभव नहीं है। गाय को देवी लक्ष्मी का भी स्वरूप कहा जाता है देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं उसी प्रकार गौमाता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं।
हमारे धार्मिक पुराणों में गाय को माता तुल्य बताया गया है गाय को सृष्टि माता के नाम से जाना जाता है। माता की सेवा को एक कर्तव्य निर्वहन के रूप में देखना चाहिए। कहा जाता है कि गौ माता मैं 33 कोटि देवी- देवताओं का वास है और धार्मिक शास्त्र के आधार पर जब-जब पृथ्वी पर पाप बढ़ता है धर्म का नाश होने लगता है तो पृथ्वी गौमाता के रूप में ब्रह्म के पास पहुंचती हैं और धरती के पाप को कम करने की प्रार्थना करती हैं। उसके बाद गौ माता का करुण पुकार सुनकर स्वयं भगवान विष्णु श्री कृष्ण अवतार धारण करते हैं और पापियों का विनाश करके फिर से धर्म की स्थापना करते हैं। तो इस प्रकार से शास्त्र में गौ माता का महत्व है गौ माता का जो भी आराधना करता है उसके जीवन में आने वाली परेशानियों को गौ माता दूर कर देती हैं। गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है।
इन के मूत्र में गंगा जी स्वयं निवास करती हैं। गौ माता के दूध में स्वर्णिम तत्व मौजूद होते हैं इसलिए गौ सेवा से बढ़कर इस धरातल पर कोई दूसरा पुण्य कार्य नहीं है ऐसा पुराणों में ऐसा बताया गया है। आज के दिन सर्वदेव मई गौ माता की रक्षा देवराज इंद्र जैसी शक्ति संपन्न व्यक्तित्व का विरोध कर भगवान श्री कृष्ण ने बाल रूप में गोवंश की सेवा और सुरक्षा का सन्देश सम्पूर्ण जगत को दिया। इस अवसर पर गणेश कुशवाहा फार्मासिस्ट, सेक्रेटरी संजय कुमार,  प्रधान ज्ञान चंद्र चौधरी, प्रेमचंद रोजगार सेवक गौ सेवक के साथ तमाम गांव के गौभक्त उपस्थित रहे।

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