Advertisement
बस्तीउत्तर प्रदेशधर्म/आस्था

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर, श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

 फतबरेज आलम बनकटी,बस्ती:

मुंडेरवा थाना क्षेत्र के कुरियार पोखरे पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़ी संख्या में श्रधालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और तट पर श्रधालुओं के आने का सिलसिला प्रातः तड़के अँधेरे से शुरू हो गया था। सूरज निकलते ही बिकास खण्ड बनकटी के कइ स्थाो पर स्नान करने वाले श्रद्धालु पहुंचे गये। कार्तिक पूर्णिमा के पूरे दिन तक मेला लगा रहा। जिसमें कइ जगह के दुकानदार अपनी दुकानों को मेला में लगायी।श्रद्धालुओं तथा मेला में आने वालों की सुविधाओं का ध्यान रखने के साथ शांति व्यवस्था बनाए रखें मुंडेरवा पुलिस।

Advertisement

कुरियार मंदिर के संत बाबा ने बताया कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु जल में वास करते हैं। पद्मपुराण में भी यह भी बताया गया है कि भगवान विष्णु मत्स्य रूप में पवित्र नदियों और जल स्रोत में वास करते हैं। ऐसे में नदी में स्नान करने से व्यक्ति को वैकुण्ठ की प्राप्ति होती है और उसे मानसिक व शारीरिक समस्याओं से मुक्ति प्राप्त होती है। इसीलिए भक्तों ने कुरियार पोखरे में आस्था और विश्वास की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया और अपने परिवार की खुशहाली के लिए पोेखरे की गंगा से आशीर्वाद मांगा। गंगा स्नान करने आने वालों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा का ध्यान देने के लिए पुलिस मुस्तैद रही। इन सबके बीच भक्तों ने इस पवित्र स्नान को संपूर्ण किया। मौके पर मौजूद चौकी इंचार्ज एजाज अहमद तथा पुलिस बल उपस्थित रह कर शांति व्यवस्था बनाए रखें।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

Advertisement

कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा वर्षभर की पवित्र पूर्णमासियों में से है। इस दिन किये जाने वाले दान-पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होते हैं। यदि इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और विशाखा नक्षत्र पर सूर्य हो तो पद्मक योग का निर्माण होता है, जो कि बेहद दुर्लभ है। वहीं अगर इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और बृहस्पति हो तो, यह महापूर्णिमा कहलाती है। इस दिन संध्याकाल में त्रिपुरोत्सव करके दीपदान करने से पुनर्जन्म का कष्ट नहीं होता है। ऐसा माना जाता है।

क्यों करते हैं गंगा स्नान

Advertisement

कइ संतो ने बताया कि यह दिन बेहद खास होता है क्योंकि माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव जी ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध करके उसका संहार किया था और यह भी कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान-दान करने से पूरे माह की पूजा-पाठ करने के समान फल मिलता है। इसे गंगा स्नान के नाम से भी जना जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

कार्तिक पूर्णिमा पर पूजा क्यों होती है

Advertisement

कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। कार्तिक पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य का अवतार धारण किया था। जिन्हें भगवान विष्णु का प्रथम अवतार भी माना जाता है। आमतौर पर इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप दान किया जाना चाहिए। इस दीप दान को दस यज्ञों के समान माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है।

Advertisement

Related posts

डीएम और एसपी ने शांति समिति के सदस्यों के साथ की बैठक, साम्प्रदायिक सौहार्द्र बनाये रखने की अपील की

Sayeed Pathan

समस्त थाना प्रभारियों द्वारा संदिग्ध व्यक्तियों/वस्तुओं की चेकिंग की गई

Sayeed Pathan

न्यायालय चेम्बर में घुसकर कार्य में बाधा,और अभद्रता करने वाले अज्ञात अधिवक्ताओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज

Sayeed Pathan

एक टिप्पणी छोड़ दो

error: Content is protected !!