दिल्ली । आजम खान पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव आयोग ने यू टर्न ले लिया है। चीफ इलेक्शन कमिश्नर यूपी की तरफ से कहा गया है कि अब अधिसूचना 10 नवंबर को नहीं आएगी। दरअसल पहले चुनाव आयोग ने रामपुर की सीट पर उप चुनाव कराने की घोषणा की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को राहत दी तो चुनाव आयोग को अपने कदम वापस खींचने पड़ गए।
उधर देर शाम आजम खान ने रामपुर सी सेशन कोर्ट में हेट स्पीच पर अपने खिलाफ आए फैसले पर पुनर्विचार के लिए अपील दाखिल कर दी है। आजम को सीएम योगी के खिलाफ टिप्पणी के मामले में सजा सुनाई गई थी। उसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद हो गई थी। चुनाव आयोग ने रामपुर सीट पर चुनाव कराने का फैसला लिया था। आजम का तर्क था कि इतनी जल्दी क्या है। वो सुप्रीम कोर्ट गए तो शीर्ष अदालत से उन्हें तुरंत राहत मिल गई।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग को बुधवार को निर्देश दिया कि वह हेट स्पीच मामले में दोषी पाये गये विधायक आजम खान की अयोग्यता के मद्देनजर रामपुर सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर फिलहाल 10 नवंबर तक अधिसूचना जारी न करे।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने विशेष सत्र अदालत को निर्देश दिया कि वह दोषसिद्धि पर रोक लगाने के बाद समाजवादी पटरी (सपा) नेता आजम खान की अपील पर गुरुवार को ही सुनवाई करे और निर्णय भी ले। न्यायालय ने कहा कि आजम खान की याचिका पर अदालत का फैसला आने के बाद चुनाव आयोग 11 नवंबर या उसके बाद रामपुर सदर विधानसभा उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर सकता है।
शीर्ष अदालत ने अयोग्यता की कार्यवाही में तेजी दिखाने की भी आलोचना की
शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश विधानसभा द्वारा खान की अयोग्यता की कार्यवाही में तेजी दिखाने की भी आलोचना की। पीठ ने कहा, ‘‘जिस तत्परता के साथ आप आगे बढ़े, उसे देखें।’’ पीठ में न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला भी शामिल थे। खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम द्वारा उठाए गये कुछ अन्य मामलों का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘आप चुन-चुनकर लोगों को निशाना नहीं बना सकते हैं।’’ पीठ ने खान को कानूनी उपाय तलाशने का अवसर देने का समर्थन किया।