UP Nikay Chunav : उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच ने मंगलवार (27 दिसंबर) को बड़ा फैसला सुनाया है। ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है, OBC के लिए आरक्षित सभी सीटें अब जनरल मानी जाएंगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच ने उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव बिना OBC आरक्षण के कराने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को बड़ा झटका देते हुए निकाय चुनावों के लिए 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया है। साथ ही योगी सरकार को बगैर आरक्षण निकाय चुनाव कराने के आदेश दिए हैं।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की बैंच ने यह आदेश दिया। इस फैसले से राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। बैंच ने उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में OBC आरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा 5 दिसंबर को तैयार मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए निकाय चुनावों को बिना OBC आरक्षण के कराने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले के बिना सरकार द्वारा तैयार किए गए OBC आरक्षण के मसौदे को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर हाई कोर्ट का यह फैसला आया।
हाईकोर्ट ने तत्काल चुनाव कराने का फैसला सुनाते हुए ओबीसी आरक्षण रद्द कर दिया है। यानी अब यूपी में नगर निकाय चुनाव नोटिफिकेशन जारी करने का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए एक आयोग बनाया जाए। सरकार आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टी फॉर्मूला अपनाए। इसमें समय लग सकता है। इसलिए सरकार चाहे तो चुनाव तत्काल करवा सकती है। अगर सरकार या चुनाव आयोग चुनाव करवाता है तो ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को जनरल मानकर चुनाव कराना होगा।