लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। साथ ही नियोजन, पंचायतीराज, नगर विकास, नमामि गंगे आदि विभागों के कार्यों की समीक्षा की।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनायें हैं। जनपदों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये जिलाधिकारी को रचनात्मक सोच के साथ नेतृत्व करने की जरूरत है। जनपदों के उन स्थानों को चिन्हित करें, जो लोगों को आकर्षिक कर सकते हैं। इन स्थानों पर पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा, तो रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे। ऐसे स्थानों पर जाने के लिये लोगों के अंदर रुचि पैदा करने के लिये प्रमुख मार्गों, रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन आदि प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर स्थान के संक्षिप्त विवरण के साथ साइनेजेज लगवाये जा सकते हैं। फुटफाल बढ़ाने के लिये इन स्थानों के आसपास कुछ गतिविधियां व अन्य अभिनव प्रयास किये जा सकते हैं। इन स्थानों पर कनवर्जेन्स के द्वारा स्वच्छ पेयजल व शौचालय आदि की व्यवस्था करायी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों का सामान्य जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव है। युवा वर्ग नशीले पदार्थों के सेवन के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील है। नशीली दवाओं के सेवन व दुरुपयोग को रोकने के लिये लोगों को जागरूक किया जाये। संवेदनशील जनपदों में नशीले पदार्थों की अवैध खेती व तस्करी पर विशेष निगरानी रखी जाये।
उन्होंने कहा कि 50 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले शासकीय भवनों का निर्माण ई0पी0सी0 मोड पर कराने की व्यवस्था है। जनपद स्तर पर इन परियोजनाओं की मॉनीटरिंग हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तकनीकी प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। जिलाधिकारियों द्वारा तकनीकी प्रकोष्ठ की नियमित मासिक बैठक कर परियोजना के कार्यों में गति लायी जाये। बैठक में परियोजना के कार्यो में किसी भी प्रकार का गतिरोध होने पर उसका तत्काल निराकरण सुनिश्चित कराया जाये।
उन्होंने कहा कि आकांक्षात्मक विकास खण्डों का विकास प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। सभी जिलाधिकारी आकांक्षात्मक विकास खण्डों की प्रगति के अनुश्रवण हेतु मासिक समीक्षा बैठक अवश्य करें। इन विकासखण्डों में तैनात सीएम फैलोज द्वारा किये जा रहे कार्यों की रिपोर्टिंग के अनुश्रवण हेतु ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है। इस पोर्टल पर सी0एम0 फैलोज द्वारा जो भी समस्या या सुझाव दिया जाता है, उसका निराकरण जनपद स्तर से संभव होने पर जनपद स्तर पर करा दिया जाये अथवा मुख्यालय को संदर्भित कर दिया जाये।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 की तैयारियां जिलाधिकारी द्वारा अपने नेतृत्व में करायी जायें। स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जो भी तैयारियां शेष हों, उन्हें तत्काल पूरा करा लिया जाये। म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट प्लांट हेतु जिन जनपदों में लैंड का इश्यू है, उसका शीध्र समाधान कराया जाये।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के द्वितीय फेज में खुले में शौच मुक्त (ओ0डी0एफ0) की स्थिरता के साथ-साथ ओ0डी0एफ0 प्लस ग्राम बनाने हेतु जन समुदाय को जोड़ना है और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का सुरक्षित व समुचित प्रबंधन करना है। ओ0डी0एफ0 प्लस घोषित करने में धीमी प्रगति वाले जनपदों द्वारा तेजी लायी जाये। इसके अलावा ओ0डी0एफ0 प्लस की मानक श्रेणी उदीयमान, उज्ज्वल, उत्कृष्ट प्राप्त करने के प्रयास सुनिश्चित किये जायें।
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी जिला गंगा समिति की बैठक प्रति माह करने के साथ-साथ गंगा डिस्ट्रिक्ट परफार्मेन्स मॉनीटरिंग सिस्टम (जीडीपीएमएस) पोर्टल पर अवश्य अपलोड करें।
इससे पूर्व बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022-23 में 8.37 लाख व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष 6.40 लाख (76.46 प्रतिशत) शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। ओडीएफ-प्लस उदयीमान श्रेणी में 32,254 ग्राम, उज्ज्वल श्रेणी में 5,555 ग्राम, उत्कृष्ट श्रेणी में 27 ग्राम घोषित हो चुके हैं।
गोबरधन योजना में 68 के सापेक्ष 18 जनपदों में 30 योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है, 24 जनपदों में निर्माण कार्य प्रगति पर है, 14 जनपदों में स्थल चयन की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। 58,189 सामुदायिक शौचालय निर्माण के सापेक्ष 58,381 का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। 51,931 शौचालयों को संचालन एवं रख-रखाव हेतु स्वयं सहायता समूहों को हैण्डओवर कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि ओडीएफ प्लस-उदीयमान अर्थात ओडीएफ स्टेट्स एवं ठोस अथवा तरल अपशिष्ट प्रबंधन में से कोई एक कार्य, ओडीएफ प्लस-उज्ज्वल अर्थात ओडीएफ स्टेट्स, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों के कार्य, ओडीएफ प्लस-उत्कृष्ट अर्थात ओडीएफ स्टेट्स, ठोस व तरल दोनों एवं प्लास्टिक, गोबरधन व दृष्टिगोचर स्वच्छता आदि सभी कार्य पूर्ण है।
जिलाधिकारी बहराइच ने बैकों की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ‘आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन’ की दिशा में किये गये अभिनव प्रयास पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि जनपद में विगत दो वर्षों में 10 हजार से अधिक सघन वित्तीय जागरूकता अभियान चलाया गया, जिससे जनपद के ऋणजमानुपात (सीडी रेशियो) में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
इसी क्रम में जिलाधिकारी महराजगंज ने डिस्ट्रिक्ट टूरिज्म एक्शन प्लान पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि स्टेकहोल्डर्स से वार्ता व रिसर्च के माध्यम से डिस्ट्रिक्ट टूरिज्म प्लान तैयार किया गया है, जिसमें बुद्धा सर्किट के अन्तर्गत रामग्राम, देवदाह, ईकोटूरिज्म के अंतर्गत सोहागी बरवा वाइल्डलाइफ सेंचुरी, स्प्रिचुअल सर्किट में महाभारत सर्किट (लेहड़ा देवी मंदिर व बनेलिया देवी मंदिर) व हठ योग की भूमि को शामिल किया है। इन स्थानों के विकास व प्रचार प्रसार आदि के बारे में विस्तार से जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया।
बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, निदेशक स्थानीय निकाय नेहा शर्मा सहित संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारीगण आदि उपस्थित थे।