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उतर प्रदेशलखनऊ

बेहद प्रेरक है “शिक्षा के गाँधी” की उपलब्धियां:- डॉ अजय कुमार मिश्रा

जीवन का मूल उद्देश्य कही न कही जनहित के कार्यो को करना होता है | ऐतिहासिक रूप से देखेगे तो यह पता चलता है की अविस्मरणीय वही रहे है जो दूसरों के लिए जीवन व्यतीत कर देते है | एक ऐसी सख्सियत जिन्होंने अपने बूते शिक्षा के क्षेत्र में न केवल अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कार्य किया बल्कि उत्तर प्रदेश की राजधानी से ऐसे अनेकों होनहार बच्चो को निखार करके देश – विदेश के हर क्षेत्र में परचम लहराया है | उम्र और जज्बे में गजब का तारतम्य है, जहाँ उम्र 86 वर्ष है वही कार्य और सेवा के प्रति जज्बा और जुनून किसी भी नव युवक से हजारों गुना अधिक है | महात्मा गाँधी से प्रभावित होकर उन्होंने अपने नाम में गाँधी महज 11 वर्ष की उम्र में जोड़ लिया | आज दुनियांभर में लोग उन्हें डॉ. जगदीश गाँधी के नाम से जानते है | शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने पहला कदम आज से लगभग 6 दशक पूर्व रखा, आज सिटी मोंटेसरी स्कूल (सी.एम.एस.) को सभी जानतें है | लखनऊ के क्षेत्रीय आयकर विभाग ने उन्हें हाल ही में ईमानदारी से कर अदा करने के लिए सम्मानित भी किया है |

महात्मा गाँधी जी ने जहाँ देश को आजादी दिलाने में अति महत्वपूर्ण संघर्ष किया, वही शिक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मानको को आम आदमी तक पहुचाने में जमीनी रूप से, अपने संस्थान के जरिये, दशको से वो लगातार कार्य कर रहें है | आप उनके भाषणों को सुनोगे तो प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकतें | सरल, सौम्य और प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी है | अद्वितीय कौशल ही कहेगे की 1959 से शुरू शिक्षा के क्षेत्र में योगदान लगातार बना हुआ है और दिन-प्रतिदिन पहुँच अधिक से अधिक लोगों तक हो रही | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उनके 21 कैम्पस विद्यमान है जिनमे 58,000 से अधिक बच्चे पढ़ रहें है और 4,500 से अधिक शिक्षक शिक्षण कार्य में लगे है | गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में एशिया के सबसे बड़े स्कूल के रूप में भी नाम दर्ज है | यह एकलौता शिक्षण संस्थान है जिसे यूनेस्कों शांति शिक्षा का पुरस्कार भी प्राप्त है | इनके कदमो से कदम मिलाकर शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कार्य उनकी पत्नी डॉ. भारती गाँधी भी कर रही है | इनकी बेटी प्रोफेसर गीता गाँधी किंगडम अब बड़े बदलाव और अत्यधिक प्रभावशाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सी.एम.एस. प्रेसिडेंट के रूप में कार्य कर रही है |

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डॉ. जगदीश गाँधी को अनेकों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त है | स्वयं उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें यशभारती सम्मान से नवाजा है | इनकी सफलता की कहानी दुनियां के सामने है | पर किसी एक विषय पर इनके योगदान को बड़े सामाजिक बदलाव के रूप में आंकना हो तो आसानी से कहा जा सकता है की सभी धर्मो के प्रति सम्मान और उसके उद्देश्यों को जितने सरल शब्दों में गाँधी जी समझातें है और बच्चों के जीवन में उनका संस्थान उतार रहा है, उससे सभी बच्चों के मन में सभी धर्मों के प्रति सम्मान और ज्ञान स्वतः बढ़ रहा है | आज जहाँ देश में धर्म के नाम पर सभी के अनेकों मत है ऐसे में बाल मन में सभी धर्मों के प्रति सामान सम्मान और विश्वास जागृत करके वास्तव में सामाजिक परिवर्तन की बड़ी कोशिश लगातार कर रहें है | आख़िर ये बच्चे ही है जो कल देश का भविष्य बनेगे और समाज को एक नई दिशा प्रदान करेगे | डॉ. जगदीश गाँधी का समर्पण ही है की – सी.एम.एस. स्कूल आज दुनियां का सबसे बड़ा स्कूल है | यह स्कूल साल 1959 में 5 बच्चों के साथ शुरू हुआ था | उस वक्त यह 300 रुपये की कैपिटल से शुरू किया गया था | आज इस स्कूल का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज है | यह स्कूल आईसीएसई से मान्यता प्राप्त है | इस स्कूल का रिजल्ट भी सर्वश्रेष्ठ रहता है | पढ़ाई के साथ यहां खेलकूद को लेकर भी खास ध्यान दिया जाता है | डॉ. जगदीश गाँधी उनकी पत्नी डॉ. भारती गाँधी शिक्षा को व्यवसाय नहीं मानते और यह उनकी सम्पत्ति की घोषणा से भी प्रदर्शित होता है अप्रैल 2022 तक उनकी कुल चल-अचल सम्पत्ति महज रुपया 17.87 लाख थी |

अनेकों व्यक्तियों की राय डॉ. जगदीश गाँधी और सी.एम.एस स्कूल के बारें में कई मुद्दों पर अलग-अलग हो सकती है पर इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है की शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा बड़ा योगदान दशकों से जारी है, जहाँ न केवल गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्राप्त हो रही है बल्कि बच्चों को जिन नैतिक मूल्यों की आवश्यकता है उससे कही अधिक उन्हें व्यवहारिक रूप में सिखाया और समझाया जा रहा है | कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से तालमेल और वर्तमान समय में वैश्विक स्तर पर शिक्षा प्रणाली में तकनीकी का भरपूर उपयोग इनके संस्थान के जरिये प्राप्त हो रहा है |

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आज शहर में अनेकों शैक्षणिक संस्थान विद्यमान है जिन्हें चुनने की आजादी लोगों के पास है, ऐसे में यदि सर्वाधिक बच्चें इस संस्थान में पढ़ रहें है तो यह निसंदेह कुशल नेतृत्व और प्रभावशाली कार्यप्रणाली का योगदान कहा जा सकता है | किसी भी संस्थान की प्रगति और विश्वास का आकलन वहां कार्यरत लोगों के सहयोगात्मक रवैये से पता लगाया जा सकता है, यहाँ आपको सकारात्मक ही उपलब्धता दिखेगी | यह कही न कही गाँधी जी के नेतृत्व का ही असर है जहाँ चहुमुखी विकास लगातार जारी है और नित् नई सफलता की कहानी लिखी जा रही है | भले ही यह संस्थान निजी हो पर बड़े सामाजिक बदलाव और नैतिक, धार्मिक, और सामाजिक मजबूती को बढ़ाने के साथ – साथ वैश्विक स्तर की शिक्षा की अलख दशकों से बिना रुके, बिना थके जगा रहा है |

डॉ. जगदीश गाँधी उनकी पत्नी डॉ. भारती गाँधी और बेटी प्रोफेसर गीता गाँधी किंगडम के नेतृत्व में सी.एम.एस. स्कूल आने वाले दिनों में अनेकों नई उपलब्धियां अवश्य प्राप्त करेगा | इन लोगों का कार्य के प्रति समर्पण और जोश देखकर यह कहा जा सकता है कि किसी भी कार्य के जरिये देश और राष्ट्र सेवा की जा सकती है बशर्ते कार्य में ईमानदारी और समाज को कुछ देने का जज्बा आपके अन्दर विद्यमान हो और जिसके लिए आप लगातार बिना हार माने कार्य करतें रहें | कार्य करतें रहने से इतिहास अपने आप लिखा जाता है |

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