संतकबीरनगर । उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले में के ख़लीलाबाद में समाजवादी पार्टी (सपा) के नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए जीत की चुनौती मुश्किल हो रही है। इस चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए समाजवादी पार्टी के द्वारा दो उम्मीदवारों, एक को सिम्बल और दूसरे को समर्थन देने से दोनों उमीदवारो के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है ।
जहां चुनावो में उमीदवारो की विपक्ष के उम्मीदवारों के बीच चुनावी जंग चलती है वहीं इस चुनाव में, सपा के उम्मीदवार पवन छापड़िया और जगत जायसवाल के बीच मुकाबला छिड़ गया है है। इस बीच, सपा के दोनों उम्मीदवार अपने बढ़ते समर्थकों को कम लेकिन एक दूसरे के समर्थकों को तोड़ने में व्यस्त हैं।
हालांकि, इस चुनाव में एक विवाद उत्पन्न हुआ है कि पवन छापड़िया सपा से नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार होने के बाद भी भाजपा के उम्मीदवार श्याम सुंदर जायसवाल से गले मिलकर एक विचार और भाई भाई का रिश्ता बताया है ।
इसी वजह से , पार्टी के बहुत से पदाधिकारियों और सदस्यों ने इस समस्या से घबराहट जताई हैं। वैसे इस तरह के विवादों से निपटने के लिए, पार्टी के सभी सदस्यों और पदाधिकारियों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता होती है। इस तरह के विवादों से मुक्ति पाने के लिए, पार्टी के लिए पदाधिकारियों को इसका फैसला शीर्ष नेतृत्व पर छोड़ देना चाहिए ।
हालांकि पूर्व विधान परिषद सदस्य सनी यादव ने भी शनिवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान सपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा घोषित अध्यक्ष प्रत्याशी पवन छापड़िया को ही अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बताया है,उन्होंने कहा कि जहां साइकिल है वही सपा का प्रत्याशी है,
पत्रकारों के द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता पवन छापड़िया के साथ हैं, और जहां समाजवाद है,वहीं समाजवादी लोग हैं, जिला अध्यक्ष क्या कर रहे हैं किसे अपना उम्मीदवार बात रहे हैं ये उनका अपना मत हो सकता है,अभी 11 मई को चुनाव है एक दो दिनों में सभी कार्यकर्ता पवन छापड़िया के साथ हैं ।
देखा जाय तो संतकबीर नगर में समाजवादी पार्टी दो गुटों में बंटी नजर आने लगी है अगर कल के बाद भी ऐसी ही स्थिति बनी रही तो इसका भरपूर फायदा भाजपा के प्रत्याशी श्याम सुंदर वर्मा को मिलेगा और श्याम सुंदर वर्मा को अध्यक्ष बनने से कोई रोक नहीं सकता । वैसे कयास लगाए जा रहे हैं कि 30 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशन में स्थिति सुधर सकती है ।
तो इस समस्या को हल करने के लिए, सपा के नेताओं को अपने सदस्यों को संगठित करने और उनके बीच एकजुटता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। सभी उम्मीदवारों को एक समझौते पर आमंत्रित किया जाना चाहिए ताकि इस चुनाव में कोई भी बड़ा विवाद ना हो।
इसके अलावा, पार्टी के सदस्यों को चुनाव में शीर्ष नेताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्हें समर्थन करने वाले सदस्यों के साथ संपर्क बनाए रखना चाहिए और उन्हें चुनाव में अधिक से अधिक वोट दिलाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
इस तरह से, सपा को अपने उम्मीदवार को जीताने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए और अपने सदस्यों को उनके बीच अधिक संगठित बनकर अपने एक उम्मीदवार जिसे पार्टी ने साइकिल चुनाव चिन्ह आवंटित किया है उसको विजयी बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।