Advertisement
अन्य

बिना पहचान पत्र 2,000 रुपये के नोट बदलने की अनुमति के खिलाफ हाईकोर्ट में पीआईएल

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बिना किसी पहचान प्रमाण के 2,000 रुपये के नोटों को बदलने की अनुमति देने वाली अधिसूचनाओं को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। जनहित याचिका (पीआईएल) भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है।

इसमें कहा गया है कि 19 और 20 मई को प्रकाशित अधिसूचनाएं मनमानी हैं और भारत के संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन करती हैं।

Advertisement

याचिका में आरबीआई और एसबीआई को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि 2,000 रुपये के नोट संबंधित बैंक खातों में ही जमा किए जाएं, ताकि काला धन और आय से अधिक संपत्ति रखने वाले लोगों की पहचान की जा सके।

जनहित याचिका में आरबीआई, एसबीआई और केंद्रीय गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया गया है। इसमें भ्रष्टाचार, बेनामी लेन-देन को खत्म करने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार को उचित कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

Advertisement

याचिका में कहा गया है, हाल ही में केंद्र द्वारा यह घोषणा की गई थी कि प्रत्येक परिवार के पास आधार कार्ड और बैंक खाता है। इसलिए, आरबीआई पहचान प्रमाण प्राप्त किए बिना 2,000 रुपये के बैंक नोट बदलने की अनुमति क्यों दे रहा है। यह भी बताना आवश्यक है कि 80 करोड़ बीपीएल परिवारों को मुफ्त अनाज मिलता है। इसका मतलब है कि 80 करोड़ भारतीय शायद ही कभी 2,000 रुपये के नोटों का उपयोग करते हैं। इसलिए, याचिकाकर्ता ने आरबीआई और एसबीआई को भी निर्देश देने की मांग की है कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं कि 2,000 रुपये के बैंक नोट केवल बैंक खाते में ही जमा किए जाएं।

Advertisement

Related posts

पुलिस अधीक्षक ने पुलिस लाइन और परेड का किया निरीक्षण

Sayeed Pathan

बस्ती जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने तीन सीडीपीओ को दिया कारण बताओ नोटिस

Sayeed Pathan

सावरकर ने उद्धव को दी सलाह,कहा बिना कांग्रेस के चलाएं सरकार,बीजेपी देगी साथ

Sayeed Pathan

एक टिप्पणी छोड़ दो

error: Content is protected !!