- फीस वापसी नियम को लेकर यूजीसी ने दिखाई सख्ती
- नहीं तो गिर सकती है संस्थानों पर गाज
- नियम न मानने पर यूजीसी से मिलने वाली ग्रांड पर लग जाएगी रोक
Mission Sandesh
मेरठ: यदि कोई विवि या फिर कॉलेज अनुदान आयोग (यूजीसी) के फीस वापसी नियमों का पालन नहीं करता है तो उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में यूजीसी ने सभी विवि व कॉलेजों को एक पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि अगर कोई विवि या फिर कॉलेज और हाई एजुकेशन इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन(यूजीसी) के फीस वापसी नियमों का उल्लंघन करता है तो उसकी मान्यता तक रद्द हो सकती है।
यूजीसी ने सभी राज्य विवि को इस संबंध में पत्र लिखकर यूजीसी के साल 2018 के फीस वापसी के नियम का सख्ती से पालन करने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि एकेडमिक सेशन 2023-24 में भी यूजीसी का साल 2018 को जारी फीस और सर्टिफिकेट वापसी का नियम लागू किया जाएगा। ऐसे विवि और कॉलेज जो ये नियम नहीं मानेंगे उनके सभी प्रकार की ग्रांट रोकने, राज्य सरकारों के जरिए ऐसे संस्थानों के खिलाफ स्टेट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई में है ये प्रावधान
यूजीसी ने नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों के खिलाफ आठ तरह की सख्त कार्रवाई का फैसला लिया है। इसमें कहा गया कि फीस वापसी के नियम को न मानने पर यूजीसी से मिलने वाली सभी प्रकार की ग्रांट रुक जाएगी। आयोग किसी भी तरह का कोई नया प्रोग्राम शुरू करने की परमिशन नहीं देगा। हाल ही में यूजीसी ने कहा है कि सभी विवि व कॉलेज 30 सितंबर तक एडमिशन वापस लेने वाले छात्रों को पूरी फीस का रिफंड करेंगे।
बता दें कि फीस वापसी के लिए 5 स्लैब बनाए गए। नियम के मुताबिक, एडमिशन की औपचारिक घोषणा के 15 दिन के अंदर सीट छोड़ने पर 100 प्रतिशत, अंतिम तारीख से 15 दिन पहले सीट छोड़ने पर 90 प्रतिशत, इसके 15 दिन बाद 80 प्रतिशत और 30 दिन या उससे एडमिशन की अधिसूचित अंतिम तारीख से 15 दिन से अधिक होने पर 50 प्रतिशत और 30 दिन के बाद कोई फीस वापस नहीं का प्रावधान है।
सर्टिफिकेट वापस करने का भी निर्देश
यूजीसी और एआईसीटीई ने सभी इंजीनियरिंग, मेडिकल, आर्किटेक्चर, फॉमेर्सी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों समेत अन्य हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन को ओरिजनल सर्टिफिकेट की जांच के तुरंत बाद वापस देने का निर्देश दिया है। कॉलेज चाहें तो रिकार्ड के लिए सर्टिफिकेट या अन्य डाक्यूमेंट की फोटो कॉपी रख सकते है। संस्थान किसी भी छात्र के स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट, माइग्रेशन समेत अन्य डाक्यूमेंट को रिकार्ड में रखने के नाम पर वापस नहीं करते हैं। इसके कारण छात्र चाहकर भी किसी अन्य जगह एडमिशन नहीं ले पाते हैं।