Advertisement
टॉप न्यूज़दिल्ली एन सी आरराष्ट्रीय

यूजीसी के इन नियमों का विश्वविद्यालयों और कॉलेजों ने नहीं किया पालन, तो मिलने वाली ग्रांड पर लग जाएगी रोक

  • फीस वापसी नियम को लेकर यूजीसी ने दिखाई सख्ती
  • नहीं तो गिर सकती है संस्थानों पर गाज
  • नियम न मानने पर यूजीसी से मिलने वाली ग्रांड पर लग जाएगी रोक

Mission Sandesh

मेरठ: यदि कोई विवि या फिर कॉलेज अनुदान आयोग (यूजीसी) के फीस वापसी नियमों का पालन नहीं करता है तो उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में यूजीसी ने सभी विवि व कॉलेजों को एक पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि अगर कोई विवि या फिर कॉलेज और हाई एजुकेशन इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन(यूजीसी) के फीस वापसी नियमों का उल्लंघन करता है तो उसकी मान्यता तक रद्द हो सकती है।

Advertisement

यूजीसी ने सभी राज्य विवि को इस संबंध में पत्र लिखकर यूजीसी के साल 2018 के फीस वापसी के नियम का सख्ती से पालन करने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि एकेडमिक सेशन 2023-24 में भी यूजीसी का साल 2018 को जारी फीस और सर्टिफिकेट वापसी का नियम लागू किया जाएगा। ऐसे विवि और कॉलेज जो ये नियम नहीं मानेंगे उनके सभी प्रकार की ग्रांट रोकने, राज्य सरकारों के जरिए ऐसे संस्थानों के खिलाफ स्टेट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

कार्रवाई में है ये प्रावधान

Advertisement

यूजीसी ने नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों के खिलाफ आठ तरह की सख्त कार्रवाई का फैसला लिया है। इसमें कहा गया कि फीस वापसी के नियम को न मानने पर यूजीसी से मिलने वाली सभी प्रकार की ग्रांट रुक जाएगी। आयोग किसी भी तरह का कोई नया प्रोग्राम शुरू करने की परमिशन नहीं देगा। हाल ही में यूजीसी ने कहा है कि सभी विवि व कॉलेज 30 सितंबर तक एडमिशन वापस लेने वाले छात्रों को पूरी फीस का रिफंड करेंगे।

बता दें कि फीस वापसी के लिए 5 स्लैब बनाए गए। नियम के मुताबिक, एडमिशन की औपचारिक घोषणा के 15 दिन के अंदर सीट छोड़ने पर 100 प्रतिशत, अंतिम तारीख से 15 दिन पहले सीट छोड़ने पर 90 प्रतिशत, इसके 15 दिन बाद 80 प्रतिशत और 30 दिन या उससे एडमिशन की अधिसूचित अंतिम तारीख से 15 दिन से अधिक होने पर 50 प्रतिशत और 30 दिन के बाद कोई फीस वापस नहीं का प्रावधान है।

Advertisement

सर्टिफिकेट वापस करने का भी निर्देश

यूजीसी और एआईसीटीई ने सभी इंजीनियरिंग, मेडिकल, आर्किटेक्चर, फॉमेर्सी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों समेत अन्य हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन को ओरिजनल सर्टिफिकेट की जांच के तुरंत बाद वापस देने का निर्देश दिया है। कॉलेज चाहें तो रिकार्ड के लिए सर्टिफिकेट या अन्य डाक्यूमेंट की फोटो कॉपी रख सकते है। संस्थान किसी भी छात्र के स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट, माइग्रेशन समेत अन्य डाक्यूमेंट को रिकार्ड में रखने के नाम पर वापस नहीं करते हैं। इसके कारण छात्र चाहकर भी किसी अन्य जगह एडमिशन नहीं ले पाते हैं।

Advertisement

Related posts

सूर्या हॉस्पिटल और पैरामेडिकल कॉलेज का कुलपति ने किया भभ्य उद्घाटन, गरीबों को मुफ्त इलाज और निशुल्क एम्बुलेंस सेवा का निदेशक ने किया ऐलान

Sayeed Pathan

अफ़ग़ानिस्तान मामले में : रूस और चीन नहीं थे सहमत फिर भी भारत की अध्यक्षता में पास हुआ प्रस्ताव- प्रेस रिव्यू

Sayeed Pathan

रक्षा बंधन के मौके पर आज रात 12 बजे तक यूपी रोडवेज में महिलाएं कर सकेंगी फ्री यात्रा

Sayeed Pathan

एक टिप्पणी छोड़ दो

error: Content is protected !!