उतर प्रदेशलखनऊ

मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई में खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को दी कड़ी चेतावनी

लखनऊ। जनसुनवाई समाधान प्रणाली, आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन की अगस्त माह की टॉप और बॉटम 10 रैंकिंग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पेश की गई है । प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी और एसपी के अलावा तहसीलों के कार्यों के विस्तृत मूल्यांकन के आधार पर ये लिस्ट तैयार हुई है। लिस्ट में खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने कड़ी हिदायत देते हुए अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने के लिए कहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक माह बाद दोबारा उन सभी के कार्यों की समीक्षा होगी, जिसमें खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी जनता के लिए कारगर बनेंगें तो उनका कार्यकाल भी यादगार बनेगा। आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन के कार्यों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले टॉप 10 जिलाधिकारियों में अमेठी, कन्नौज, श्रावस्ती, शाहजहांपुर, सोनभद्र, गाजियाबाद, महोबा, मिर्जापुर, हापुड़ और भदोही हैं। वहीं बागपत, गोरखपुर, बरेली, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, सिद्धार्थनगर, सहारनपुर, रामपुर और मुरादाबाद के जिलाधिकारियों के प्रदर्शन को सबसे खराब बताया गया है।

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लिस्ट में प्रदेश में सबसे अच्छा कार्य करने वाले पुलिस आयुक्त, एसएसपी और एसपी में क्रमश: अलीगढ़, श्रावस्ती, सोनभद्र, हमीरपुर, कुशीनगर, फर्रूखाबाद, कासगंज, चित्रकूट, भदोही और हाथरस हैं। इसी प्रकार बॉटम 10 में क्रमश: बरेली, लखनऊ, गोरखपुर, फतेहपुर, झांसी, अयोध्या, एटा, हापुड़, आजमगढ़ और संत कबीर नगर के पुलिस अधिकारी हैं।

लिस्ट में सबसे अच्छा और सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली प्रदेश की तहसीलों को भी शामिल किया गया है। इसमें टॉप 10 में अलीगढ़ की कोल, जौनपुर की केराकत और बदलापुर, श्रावस्ती की इकौना, प्रयागराज की सदर, बागपत की बड़ौत, अलीगढ़ की अतरौली, बुलंदशहर की स्याना, जालौन की उरई और अमरोहा की हसनपुर तहसील शामिल हैं। इसी प्रकार खराब प्रदर्शन वाली बॉटम 10 में क्रमश: रामपुर की बिलासपुर, कन्नौज की तिर्वा और छिबरामऊ, रामपुर की मिलक, हापुड़ की धौलाना, हाथरस की हाथरस, संत कबीरनगर की खलीलाबाद, खीरी की धौरहरा, कन्नौज की कन्नौज और रायबरेली की ऊंचाहार तहसील शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने खराब प्रदर्शन वाले सभी जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों को एक माह के अंदर सतत जन सुनवाई करते हुए समस्याओं के गुणवत्तापूर्ण ढंग से निपटारे के लिए निर्देशित किया है।

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