राजस्थान-
दौसा जैन मुनि ज्ञानसागर ने कहा कि नौजवानों पर ही देश का भविष्य टिका हुआ है। शक्तियों का सदुपयोग करना आपके हाथ में हैं। कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता है। सदा सकारात्मक सोच रखें। शाकाहारी भोजन करें। गुटखा, शराब का सेवन नहीं करें। अन्याय, अत्याचार, भ्रष्टाचार, अनीति से दूर रहें। उन्होंने कहा कि ये वो देश है, जहां सुभाषचन्द्र बोस, भगतसिंह जैसे वीर पैदा हुए हैं। जिन्होने देश के खातिर अपना सब-कुछ न्यौछावर कर दिया।
जैन मुनि शुक्रवार को जिला कारागृह दौसा में कैदियों को प्रवचन दे रहे थे। इससे पहले जैन मुनि के जिला कारागृह पहुंचने पर जेलर रोहित कौशिक ने पुलिस कर्मियों के अगुवानी की। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य प्रहरी जगदीश प्रसाद व कमलेश यादव ने हार्मोनियम के माध्यम से देशभक्ति भजन के माध्यम से की।
इसके बाद सभी कैदियों ने भी ताल के साथ ताल मिलाकर देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। मुनि के प्रवचनों से बहुत से कैदियों की आंखों से पश्चाताप के आंसू बह निकले। उन्होनें हाथ उठाकर भविष्य में सद्मार्ग पर चलने की कसम खाई। देवेन्द्र, रूपसिंह, हनुमान, जितेन्द्र, कानाराम, दीवानसिंह, गोपाल सिंह, मुकेष व लालसिंह सहित कई कैदियों ने शराब, गुटखा व मांसाहार का सेवन नहीं करने की शपथ ली।
जेलर रोहित कौशिक ने कहा कि जब तक जेल में रहो, अनुशासित रहो। एक अ’छा इंसान बनना आसान है, लेकिन अ’छा इंसान बने रहना बहुत मुश्किल है। जेल एक घर है, बैरक उसके कमरे हैं, और हम सब एक परिवार हैं। इसलिए परिवार की तरह रहो। उन्होंने कहा कि मौजूद 225 कैदियों में से एक कैदी भी मुनि के प्रवचन सुनकर सुधार के रास्ते पर आ जाता है, तो उससे बडी कोई मानव सेवा नहीं हो सकती हैं।
इस दौरान सभी कैदियों को जैन समाज दौसा की ओर से साहित्य पुस्तिकाएं वितरित की गई।
संचालन एडवोकेट सुधीर जैन ने किया। जैन समाज के अध्यक्ष महावीरप्रसाद जैन, महामंत्री प्रवीण जैन, ताराचंद चांदराना, राजाबाबू जैन, प्रतीक जैन, रमेश, पंकज लुहाडिय़ा, धवल, कैलाश चांदवाड़, अजीत चांदवाड आदि मौजूद थे। कार्यक्रम के बाद जैन मुनि जयपुर के लिए विहार कर गए।
Represent By Balram Gangwani